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आंगनबाड़ी से मिले चावल में प्लास्टिक मिलाए जाने की शिकायत

कर्नाटक के दावणगेरे जिले के हरिहर तालुक के गुल्लू बेलुडी गांव के ग्रामीणों ने आंगनबाड़ी द्वारा दिए जाने वाले चावल में प्लास्टिक का चावल मिलाए जाने की शिकायत की है. इस पर अधिकारी ने कहा है कि गांव वालों की शंका समाधान के लिए इन चावलों को जांच के लिए लैब भेजा जाएगा.

आंगनबाड़ी
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Published : Sep 24, 2021, 8:30 AM IST

Updated : Sep 24, 2021, 11:29 AM IST

दावणगेरे : कर्नाटक के दावणगेरे जिले के हरिहर तालुक के गुल्लू बेलुडी गांव के ग्रामीणों ने आंगनबाड़ी द्वारा दिए जाने वाले चावल में प्लास्टिक का चावल मिलाए जाने की शिकायत की है.

आंगनबाड़ी से मिले चावल में प्लास्टिक मिलाए जाने की शिकायत.

यहां पर महिला एवं बाल कल्याण विभाग के द्वारा आंगनबाड़ियों के माध्यम से बच्चों, गर्भवती महिलाओं आदि को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है. आंगनबाड़ी से चावल लेने वाले ग्रामीण संदिग्ध प्लास्टिक चावल देखकर दहशत में आ गए. वहीं इसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है. इस पर ग्रामीण मिले चावलों को लेकर ग्राम पंचायत पहुंच गए और उन्होंने इस बारे में अधिकारियों से सवाल-जवाब किए. वहीं बांटे गए चावल को लकेर पंचायत अध्यक्ष के अलावा सदस्य और गांव के मुखिया भी हैरान हैं.

ये भी पढ़ें- टिहरी झील का बढ़ा जलस्तर, पर्यटन विभाग की करोड़ों की संपत्ति जलमग्न

हालांकि इस बारे में हरिहर तालुक की बाल विकास परियोजना अधिकारी (CDPO) निर्मला चावल की जांच के लिए गांव पहुंचीं. उन्होंने कहा कि यह प्लास्टिक का चावल नहीं है. उन्होंने बताया कि यह विटामिन चावल के अलावा और कुछ नहीं है. उनका कहना है कि 1 किलो चावल में 50 ग्राम विटामिन-फोर्टिफाइड चावल मिलाया जाता है. उन्होंने कहा कि गांव वालों की शंका के समाधान के लिए इन चावलों को जांच के लिए शिमोगा की लैब भेजा जाएगा.

दूसरी तरफ खाद्य केंद्र द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों को भेजे गए चावल का हरिहर तालुक के कई गांवों में वितरण किया गया है. यहां पर इस चावल को खाने के बाद भी किसी के स्वास्थ्य में कोई परेशानी नहीं आई.

दावणगेरे : कर्नाटक के दावणगेरे जिले के हरिहर तालुक के गुल्लू बेलुडी गांव के ग्रामीणों ने आंगनबाड़ी द्वारा दिए जाने वाले चावल में प्लास्टिक का चावल मिलाए जाने की शिकायत की है.

आंगनबाड़ी से मिले चावल में प्लास्टिक मिलाए जाने की शिकायत.

यहां पर महिला एवं बाल कल्याण विभाग के द्वारा आंगनबाड़ियों के माध्यम से बच्चों, गर्भवती महिलाओं आदि को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है. आंगनबाड़ी से चावल लेने वाले ग्रामीण संदिग्ध प्लास्टिक चावल देखकर दहशत में आ गए. वहीं इसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है. इस पर ग्रामीण मिले चावलों को लेकर ग्राम पंचायत पहुंच गए और उन्होंने इस बारे में अधिकारियों से सवाल-जवाब किए. वहीं बांटे गए चावल को लकेर पंचायत अध्यक्ष के अलावा सदस्य और गांव के मुखिया भी हैरान हैं.

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हालांकि इस बारे में हरिहर तालुक की बाल विकास परियोजना अधिकारी (CDPO) निर्मला चावल की जांच के लिए गांव पहुंचीं. उन्होंने कहा कि यह प्लास्टिक का चावल नहीं है. उन्होंने बताया कि यह विटामिन चावल के अलावा और कुछ नहीं है. उनका कहना है कि 1 किलो चावल में 50 ग्राम विटामिन-फोर्टिफाइड चावल मिलाया जाता है. उन्होंने कहा कि गांव वालों की शंका के समाधान के लिए इन चावलों को जांच के लिए शिमोगा की लैब भेजा जाएगा.

दूसरी तरफ खाद्य केंद्र द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों को भेजे गए चावल का हरिहर तालुक के कई गांवों में वितरण किया गया है. यहां पर इस चावल को खाने के बाद भी किसी के स्वास्थ्य में कोई परेशानी नहीं आई.

Last Updated : Sep 24, 2021, 11:29 AM IST
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