नई दिल्ली : लोक सभा की कार्यवाही के दौरान दूध की कीमतों का मुद्दा उठाया गया.
शिवसेना सांसद सदाशिव किसन लोखंडे के प्रश्न का उत्तर देते हुए डॉ. संजीव कुमार बालयान ने कहा, दूध के भाव सरकार तय नहीं करती है, बाजार तय करता है, यह जल्दी खराब होने वाली वस्तु (पेरिशिबल अईटम) है, यह प्रदेश सरकार का विषय है.
उन्होंने कहा, किसी भी प्रदेश के को-ऑपरेटिव का काम है दूध की खरीदी करना, केंद्र सरकार का काम नहीं है दूध की खरीददारी करना, अगर को-ऑपरेटिव को मजबूत करने की आवश्यक्ता है तो मंत्रालय मदद कर सकता है.
वहीं, शिवसेना सांसद सदाशिव किसन लोखंडे ने कहा, गौ-हत्या बंदी जो 2015 में पारित किया गया उसके बाद गाय को बेचा नहीं जा सकता है, इससे किसान परेशान है, किसानों को गाय को बेचते समय 30 से 40 हजार मिला था. अब जो दूध नहीं देने वाली गाय है किसान उस गाय को बेच नहीं सकते.
इस मुद्दे पर जवाब देते हुए डॉ. संजीव कुमार बालयान ने कहा, ऐसे मामलों की मदद के लिए को-ऑपरेटिव सिस्टम है जिसे केंद्र का स्पोर्ट है.