ETV Bharat / bharat

बिल्कीस बानो रेप केस : SC में दोषियों को माफी देने के फैसले पर सुनवाई 29 नवंबर को

उच्चतम न्यायालय 2002 के बिल्कीस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले में 11 दोषियों को माफी देने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर 29 नवंबर को सुनवाई करेगा.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Oct 18, 2022, 12:48 PM IST

Updated : Oct 18, 2022, 3:54 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह 2002 के बिल्कीस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले में 11 दोषियों को माफी देने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर 29 नवंबर को सुनवाई करेगा. जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सी. टी. रविकुमार की एक पीठ ने निर्देश दिया कि गुजरात सरकार द्वारा मामले पर दाखिल किया गया जवाब सभी पक्षों को उपलब्ध कराया जाए. याचिकाकर्ताओं को गुजरात सरकार द्वारा दायर हलफनामे पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया गया है. पीठ ने कहा, "गुजरात सरकार ने जवाब दाखिल किया है. इस हलफनामे को सभी वकीलों को दिया जाए."

गुजरात सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में कहा था कि बिल्कीस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले में 11 दोषियों को माफी देने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी ली गयी थी. उसने कहा था कि इस क्षमादान को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता कुछ नहीं बल्कि दूसरों के काम में अड़ंगा डालने वाले हैं और इनका इससे कुछ लेना-देना नहीं है.

गौरतलब है कि गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद हुए दंगों के दौरान 21 वर्षीय बिल्कीस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उसकी तीन साल की बेटी समेत परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गयी थी. घटना के वक्त बानो पांच महीने की गर्भवती थी. मुंबई में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने 11 दोषियों को बिल्कीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में 21 जनवरी 2008 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

बाद में बंबई उच्च न्यायालय ने उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा था. इस साल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत गुजरात सरकार ने माफी नीति के तहत इन दोषियों को माफी दे दी थी, जिसके बाद 15 अगस्त को उन्हें गोधरा उप-कारागार से रिहा कर दिया गया था.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह 2002 के बिल्कीस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले में 11 दोषियों को माफी देने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर 29 नवंबर को सुनवाई करेगा. जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सी. टी. रविकुमार की एक पीठ ने निर्देश दिया कि गुजरात सरकार द्वारा मामले पर दाखिल किया गया जवाब सभी पक्षों को उपलब्ध कराया जाए. याचिकाकर्ताओं को गुजरात सरकार द्वारा दायर हलफनामे पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया गया है. पीठ ने कहा, "गुजरात सरकार ने जवाब दाखिल किया है. इस हलफनामे को सभी वकीलों को दिया जाए."

गुजरात सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में कहा था कि बिल्कीस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले में 11 दोषियों को माफी देने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी ली गयी थी. उसने कहा था कि इस क्षमादान को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता कुछ नहीं बल्कि दूसरों के काम में अड़ंगा डालने वाले हैं और इनका इससे कुछ लेना-देना नहीं है.

गौरतलब है कि गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद हुए दंगों के दौरान 21 वर्षीय बिल्कीस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उसकी तीन साल की बेटी समेत परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गयी थी. घटना के वक्त बानो पांच महीने की गर्भवती थी. मुंबई में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने 11 दोषियों को बिल्कीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में 21 जनवरी 2008 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

बाद में बंबई उच्च न्यायालय ने उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा था. इस साल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत गुजरात सरकार ने माफी नीति के तहत इन दोषियों को माफी दे दी थी, जिसके बाद 15 अगस्त को उन्हें गोधरा उप-कारागार से रिहा कर दिया गया था.

Last Updated : Oct 18, 2022, 3:54 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.