चंडीगढ़ : सिरसा जिले के डबवाली में एक मास्टर जी की अनूठी पहल आजकल क्षेत्र में सुर्खियां बटोर रही है. दरअसल अबूबशहर गांव के सरकारी स्कूल में अध्यापक कृष्ण कयात ने एक रिक्शा लाइब्रेरी खोल रखी है. मास्टर जी छुट्टी वाले दिन अपनी रिक्शा लाइब्रेरी को स्लम एरिया में ले जाते हैं और बच्चों को किताबें वितरित करते हैं.
मास्टर कृष्ण कायत के दिमाग में एक ख्याल आया था कि आजकल बच्चे किताबों से दूर होकर मोबाइल की तरफ आकर्षित होते जा रहे हैं. दिनभर मोबाइल के साथ चिपके रहते हैं. इसीलिए क्यों न कुछ नया किया जाए. फिर मास्टर जी ने एक कबाड़ की दुकान से रिक्शा लिया और उसपर कुछ किताबें रख कर उसने गली-गली भेजना शुरू कर दिया. जैसे ही आमजन ने इस रिक्शा लाइब्रेरी को देखा तो क्या बच्चे और क्या बड़े, इसकी तरफ हर कोई आकर्षित होता चला गया.
इस रिक्शा लाइब्रेरी को बनाने में करीब 50 हजार रुपये का खर्च आया है. जिसे मास्टर जी ने खुद अपनी जेब से लगाया है. इस रिक्शा लाइब्रेरी को अलग-अलग मोहल्ले में खड़ा कर दिया जाता है, जिसके बाद लोग इसमें से किताबें पढ़ते हैं.
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बता दें कि मास्टर कृष्ण कायत अबूबशहर गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ाते हैं. मास्टर जी डॉ. बी.आर. अंबेडकर जन जागृति मंच के बैनर तले पिछले चार सालों से वंचित समाज के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी करा रहे हैं. डबवाली के लोग मास्टर जी की इस रिक्शा लाइब्रेरी की बहुत सराहना कर रहे हैं. उनका कहना है कि जो बच्चे किताबों से दूर होते जा रहे थे, अब मास्टर जी के प्रयासों से किताबों की तरफ आकर्षित होने लगे हैं.
यह रिक्शा लाइब्रेरी आजकल डबवाली में चर्चा का विषय बनी हुई है. हर कोई इसके इंतजार में रहता है. जो महिलाएं अपने घर से पढ़ाई के लिए नहीं निकल सकतीं, उन महिलाओं के लिए यह लाइब्रेरी उनके घर पर ही पुस्तकें पहुंचाती है. मास्टर जी की यह पहल बेहद सराहनीय है क्योंकि इसके बाद डबवाली के लोगों में किताबों और शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ी है.