नैनीताल : लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश के विधायक अमनमणि त्रिपाठी को बदरीनाथ तक पास जारी करने का मामला नैनीताल हाई कोर्ट तक पहुंच गया है. खंडपीठ ने विधायक अमनमणि त्रिपाठी सहित अन्य लोगों को नोटिस जारी किया है.
बता दें, मामले की सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश रमेश खुल्बे की खंडपीठ ने विधायक अमनमणि त्रिपाठी, उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, डीएम देहरादून, पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग समेत 10 अन्य लोगों को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
देहरादून निवासी पत्रकार उमेश शर्मा ने नैनीताल हाईकोर्ट में उत्तर प्रदेश के विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उनके साथियों के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी.
उनका कहना था कि अमनमणि त्रिपाठी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता के पित्र कार्य के लिए दो मई से सात मई तक बदरीनाथ जाने का सरकार ने पास जारी किया.
विधायक के काफिले को चमोली पुलिस ने कर्णप्रयाग में रोक लिया और बदरीनाथ नहीं जाने दिया. इस वजह से विधायक का काफिला कर्णप्रयाग से वापस लौट आया था.
याचिकाकर्ता का कहना है कि भारत सरकार ने 24 मार्च को पूर्ण लॉकडाउन घोषित किया था, लेकिन अमनमणि त्रिपाठी और उनके साथियों ने लॉकडाउन का उल्लंघन किया है. उनकी मांग है कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की जाए.
दरअसल, पिछले दिनों लॉकडाउन का उल्लंघन कर विधायक अमनमणि त्रिपाठी बदरीनाथ के लिए निकल पड़े थे. उनके काफिले को चमोली जिले के कर्णप्रयाग में पुलिस ने रोका और कर्णप्रयाग के उप जिलाधिकारी ने नियम बताने की कोशिश की तो उनसे अभद्रता की गई.
विधायक का कहना था कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्वर्गीय पिता के पित्र कार्य के निमित्त बदरीनाथ जा रहे हैं.
उनके पास बकायदा उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश और देहरादून के अपर जिलाधिकारी रामजी शरण के हस्ताक्षर से जारी अनुमति पत्र भी थे.
अमनमणि के पास के मुताबिक, देहरादून से श्रीनगर, श्रीनगर से बदरीनाथ, बदरीनाथ से केदारनाथ और फिर केदारनाथ से देहरादून तक का शेड्यूल लिखा था.