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नेपाल ने पानी की सप्लाई रोकी, बिहार सीमा पर सात गांव प्रभावित

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Published : May 28, 2020, 9:52 PM IST

इंडो-नेपाल भिखनाठोड़ी बॉर्डर पर नेपाल ने भारत में सप्लाई होने वाले पानी पर रोक लगा दी है. इसको लेकर बॉर्डर पर तनाव का माहौल है. वहीं, हजारों किसान बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

भिखनाठोड़ी बॉर्डर
भिखनाठोड़ी बॉर्डर

पटना : पिछले कुछ समय से नेपाल और भारत मे नक्शे को लेकर विवाद चल रहा था. इस सबके बीच एक नया मामला सामने आया है. इंडो-नेपाल भिखनाठोड़ी बॉर्डर पर नेपाल ने पानी पर रोक लगा दी है. इससे बॉर्डर पर सात गांव प्रभावित हुए हैं. हजारों किसान आक्रोशित हैं.

नेपाल ने नाले को किया बंद
इंडो नेपाल भिखनाठोड़ी बॉर्डर पर दोनों देश के अधिकारी आमने-सामने हो गए हैं. नेपाल से आ रहे नाले पर बालू-पत्थर डालकर नेपाल के प्रशासन और वहां के ठेकेदारों ने इसे पूर्ण रूप से बंद कर दिया है. बॉर्डर की पिलर संख्या 435/1 के बगल से दो नाले भारतीय सीमा में आते थे. दोनों नाले से सात गांव की हजारों एकड़ जमीन का पटवन होता था. भारतीय मूल के अधिकारी और एसएसबी के अधिकारी नाला स्थल पर पहुंचकर नेपाली अधिकारियों से घंटों वार्ता करते रहे. नेपाल के सशस्त्र सीमा प्रहरी इंस्पेक्टर दीपक दाल और सड़क निर्माण इंजीनियरों ने बताया कि पुल के करीब से नाला जाता था इसलिए उसे भर दिया गया है.

पहले भी हो चुका है विवाद
बता दें कि भिखनाठोड़ी बॉर्डर पर नाले के पानी को लेकर पहले भी बॉर्डर पर कई बार विवाद हो चुका है. वर्ष 2013 में दोनों देशों के अधिकारियों के साथ वार्ता हुई थी, जिसमें पण्डई नदी से भारतीय सीमा में जाने वाले दोनों नालों में 30-30% पानी देने पर समझौता हुआ था. तीसरे नाले के भर दिए जाने के कारण वहां तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी.

पढ़ें- काम आई कूटनीति : नेपाल ने अपने नक्शे में किए बदलावों को वापस लिया

एक नाले से पानी की सप्लाई
नेपाली प्रहरी के इंस्पेक्टर दीपक दाल ने कहा पुल का एप्रोच शूरू करने के लिए एक नाले को भर दिया गया है. भारतीय मूल में एक ही नाले से पानी जाएगा. उसी नाले को आगे ले जा कर दो नालों का निर्माण भारतीय किसान कर लें. नाला बंद हो जाने के कारण भारतीय मूल के किसान काफी आक्रोशित हैं. दोनों नालों को चालू करने की मांग को लेकर हजारों किसान बॉर्डर पर जमे हुए हैं. भारतीय क्षेत्र का नाला भरने से सीमा पर तनाव बढ़ गया है.

पटना : पिछले कुछ समय से नेपाल और भारत मे नक्शे को लेकर विवाद चल रहा था. इस सबके बीच एक नया मामला सामने आया है. इंडो-नेपाल भिखनाठोड़ी बॉर्डर पर नेपाल ने पानी पर रोक लगा दी है. इससे बॉर्डर पर सात गांव प्रभावित हुए हैं. हजारों किसान आक्रोशित हैं.

नेपाल ने नाले को किया बंद
इंडो नेपाल भिखनाठोड़ी बॉर्डर पर दोनों देश के अधिकारी आमने-सामने हो गए हैं. नेपाल से आ रहे नाले पर बालू-पत्थर डालकर नेपाल के प्रशासन और वहां के ठेकेदारों ने इसे पूर्ण रूप से बंद कर दिया है. बॉर्डर की पिलर संख्या 435/1 के बगल से दो नाले भारतीय सीमा में आते थे. दोनों नाले से सात गांव की हजारों एकड़ जमीन का पटवन होता था. भारतीय मूल के अधिकारी और एसएसबी के अधिकारी नाला स्थल पर पहुंचकर नेपाली अधिकारियों से घंटों वार्ता करते रहे. नेपाल के सशस्त्र सीमा प्रहरी इंस्पेक्टर दीपक दाल और सड़क निर्माण इंजीनियरों ने बताया कि पुल के करीब से नाला जाता था इसलिए उसे भर दिया गया है.

पहले भी हो चुका है विवाद
बता दें कि भिखनाठोड़ी बॉर्डर पर नाले के पानी को लेकर पहले भी बॉर्डर पर कई बार विवाद हो चुका है. वर्ष 2013 में दोनों देशों के अधिकारियों के साथ वार्ता हुई थी, जिसमें पण्डई नदी से भारतीय सीमा में जाने वाले दोनों नालों में 30-30% पानी देने पर समझौता हुआ था. तीसरे नाले के भर दिए जाने के कारण वहां तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी.

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एक नाले से पानी की सप्लाई
नेपाली प्रहरी के इंस्पेक्टर दीपक दाल ने कहा पुल का एप्रोच शूरू करने के लिए एक नाले को भर दिया गया है. भारतीय मूल में एक ही नाले से पानी जाएगा. उसी नाले को आगे ले जा कर दो नालों का निर्माण भारतीय किसान कर लें. नाला बंद हो जाने के कारण भारतीय मूल के किसान काफी आक्रोशित हैं. दोनों नालों को चालू करने की मांग को लेकर हजारों किसान बॉर्डर पर जमे हुए हैं. भारतीय क्षेत्र का नाला भरने से सीमा पर तनाव बढ़ गया है.

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