नई दिल्ली : भारतीय और चीनी विदेश मंत्रियों के विवादित सीमा पर तनाव कम करने के लिए सहमत होने के बावजूद, दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग झील के पास चार स्थानों पर राइफल रेंज (चंद कदमों की दूरी) में हैं. सेना एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.
चिंता की बात यह है कि कम से कम एक जगह पर दोनों सेनाएं बिल्कुल आमने-सामने हैं. यह वही जगह है, जहां सैन्य-स्तरीय वार्ता के बाद सैनिक पीछे हटे थे. अब दोनों सेनाओं के बीच आमने-सामने की स्थिति ऐसे समय में हुई है, जब चीन की ओर से अगली वरिष्ठ सैन्य-स्तरीय वार्ता की तारीख का संकेत देना बाकी है.
सूत्र ने कहा कि इन स्थानों पर सेना और सामग्री कुछ मीटर की दूरी पर हैं. उन्होंने कहा कि वह झील के दक्षिणी किनारे पर तीन स्थानों पर तैनात हैं, जबकि उत्तर में एक स्थान पर तैनात हैं.
उत्तरी तट पर सेनाएं फिंगर-3 और फिंगर-4 के बीच एक दूसरे का सामना कर रही हैं, जहां दोनों सेनाओं द्वारा हवा में चेतावनी के तौर पर फायरिंग भी की जा चुकी है. वहीं, पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्पंगगुर गैप, मुखपारी और रेयांग ला में दोनों पक्ष के सैनिक कुछ मीटर की दूरी पर हैं.
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चीन ने पहले उत्तेजक सैन्य कदम उठाए, जिसके बाद भारत ने भी इन स्थानों पर अपने सैनिक तैनात कर दिए. इन दो स्थानों पर दोनों देशों के सैनिकों ने एक-दूसरे को डराने के लिए चेतावनी के तौर पर हवा में फायरिंग भी की.
चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने इस महीने की शुरुआत में फिंगर-3 और फिंगर-4 के बीच के क्षेत्र पर कब्जे के प्रयास किए, जिसके कारण हवा में लगभग 200 राउंड फायरिंग हुई. इसके बाद दोनों सेनाएं अब कुछ सौ मीटर की दूरी पर हैं.
पीएलए के सैनिकों ने भाले और बंदूकों से लैस होकर 15/16 जून की रात को गलवान घाटी में एक मध्यकालीन शैली की लड़ाई शुरू करने की कोशिश की थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. इस हिंसक झड़प में कुछ चीनी सैनिक भी हताहत हुए थे.
भारत ने चीन से पैंगोंग झील से अपने सैनिकों को पूरी तरह से हटाने के लिए कहा है, लेकिन चीन ने पीछे हटने से इनकार कर दिया है.
दोनों देशों की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चार महीने से गतिरोध बना हुआ है. कई स्तरों के संवाद के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध जारी है.