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तेलंगाना HC ने शवों को सुरक्षित रखने का दिया आदेश, सोमवार को होगी सुनवाई

हैदराबाद गैंगरेप पीड़िता के आरोपियों के एनकाउंटर मामले में तेलंगाना उच्च न्यायालय ने संज्ञान लिया है. कोर्ट ने सोमवार रात 8 बजे तक शवों को सुरक्षित रखने का आदेश दिया है. इस मामले की सोमवार को सुनवाई होगी. पढ़ें पूरी खबर....

तेलंगाना हाई कोर्ट
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Published : Dec 6, 2019, 10:57 PM IST

हैदराबाद: तेलंगाना हाईकोर्ट ने सरकार को हैदराबाद दुष्कर्म के दोषियों के शवों को संरक्षित करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने इस महीने की 9 तारीख की रात 8 बजे तक मृतकों के शवों को संरक्षित करने के आदेश जारी किए. इस मामले पर हाईकोर्ट अब नौ तारीख का सुबह सुनवाई करेगा.

हाई कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि वह इस मामले की वीडियो फुटेज को महबूबनगर जिला अदालत में जमा करे.

क्या है पूरा मामला

बता दें कि महाबूबनगर जिला अस्पताल में चारों शवों को पोस्टमॉर्टम किया गया.

बता दें कि हैदराबाद में पशु चिकित्सक से बलात्कार और हत्या मामले के सभी चार आरोपी शुक्रवार अल सुबह पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए. एक ओर इस घटना की जहां जमकर प्रशंसा हुई, वहीं 'न्यायेतर कार्रवाई' को लेकर तमाम लोगों ने चिंता भी जताई है.

पुलिस ने कहा कि ये मुठभेड़ सुबह पौने छह बजे से सवा छह बजे के बीच हुई. घटना उस समय हुई जब जांच को दौरान पुलिस की 10 सदस्यीय टीम आरोपियों को घटनाक्रम की पुनर्रचना के लिए किसी अज्ञात जगह से हैदराबाद से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित घटनास्थल ले गई थी. 20 से 24 वर्ष की आयु वाले चारों आरोपियों को हथकड़ी नहीं लगायी गई थी.

पुलिस के अनुसार इनमें मुख्य आरोपी मोहम्मद आरिफ (26), चेन्नाकेशवुलू, जोलू शिवा और जोलू नवीन (सभी की आयु 20 वर्ष) शामिल थे. आरोपी पुलिस हिरासत में थे.

25 वर्षीय युवती से कथित तौर पर बलात्कार करने, उसकी हत्या करने और उसके बाद उसका शव जलाने के लिए 29 नवम्बर को चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था. इस घटना को लेकर बड़े पैमाने पर आक्रोश उत्पन्न हो गया था और इस घटना से दिल्ली में 16 दिसम्बर 2012 को हुई घटना की यादें ताजा हो गई थीं जब एक फिजियोथेरेपी इंटर्न के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और जिसकी बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई थी.

साइबराबाद पुलिस आयुक्त वी सी सज्जनर ने संवाददाताओं को बताया कि उनके कर्मियों ने तब ‘‘जवाबी’’ गोलीबारी की जब दो आरोपियों ने पुलिसकर्मियों से हथियार छीनकर पुलिस पर गोलियां चलायीं.

उन्होंने कहा कि आरोपियों में शामिल आरिफ ने सबसे पहले गोली चलायी और उसके बाद चेन्नाकेशवुलू ने गोली चलायी. वहीं पुलिस टीम पर पत्थर एवं अन्य चीजों से भी हमला किया गया.

उन्होंने कहा कि पुलिस ने शुरूआत में 'संयम' बरता और आरोपियों से आत्मसमर्पण करने के लिए कहने के बाद गोली चलाई. उन्होंने कहा कि छीने गए हथियार ‘अनलॉक’ (गोलीबारी की स्थिति में) थे.

उन्होंने कहा कि गोलीबारी की जब घटना हुई उस समय आरोपियों को हथकड़ी नहीं लगायी गई थी और यह घटना आज सुबह पौने छह बजे से सवा छह बजे के बीच हुई.

सज्जनर ने कहा कि पुलिस के एक उप निरीक्षक और एक कान्स्टेबल को सिर में चोटें आयी हैं और उनका इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा कि उन्हें कोई गोली नहीं लगी है.

पुलिस आयुक्त ने कहा, 'यद्यपि हमारे अधिकारियों ने संयम बरता और उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, आरोपियों ने बात सुनने के बजाय गोलीबारी जारी रखी और हमला किया...हमारे कर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की. उस जवाबी कार्रवाई में चार आरोपी मारे गए.'

उन्होंने कहा कि देखने पर चारों के शवों पर गोलियों के घाव दिखे.

उन्होंने पुलिस द्वारा स्थिति संभालने को लेकर की जा रही आलोचना पर जवाब में कहा, 'कानून ने अपना दायित्व निभाया है और मैं यही कह सकता हूं.'

यह पूछे जाने पर कि पुलिसकर्मी आरोपियों को सुबह के समय क्यों ले गए, आयुक्त ने कहा कि आरोपियों को नाराज जनता से काफी खतरा था और इसलिए उन्हें उस समय ले जाया गया.

पढ़ें- एनकाउंटर पर कांग्रेस ने बोला- भाजपा के कारण समय पर नहीं मिल पा रहा न्याय

आरोपियों के शव अपराध स्थल से कुछ सौ मीटर की दूरी पर पड़े दिखे. उनमें से एक के हाथ में पिस्तौल थी.

हैदराबाद: तेलंगाना हाईकोर्ट ने सरकार को हैदराबाद दुष्कर्म के दोषियों के शवों को संरक्षित करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने इस महीने की 9 तारीख की रात 8 बजे तक मृतकों के शवों को संरक्षित करने के आदेश जारी किए. इस मामले पर हाईकोर्ट अब नौ तारीख का सुबह सुनवाई करेगा.

हाई कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि वह इस मामले की वीडियो फुटेज को महबूबनगर जिला अदालत में जमा करे.

क्या है पूरा मामला

बता दें कि महाबूबनगर जिला अस्पताल में चारों शवों को पोस्टमॉर्टम किया गया.

बता दें कि हैदराबाद में पशु चिकित्सक से बलात्कार और हत्या मामले के सभी चार आरोपी शुक्रवार अल सुबह पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए. एक ओर इस घटना की जहां जमकर प्रशंसा हुई, वहीं 'न्यायेतर कार्रवाई' को लेकर तमाम लोगों ने चिंता भी जताई है.

पुलिस ने कहा कि ये मुठभेड़ सुबह पौने छह बजे से सवा छह बजे के बीच हुई. घटना उस समय हुई जब जांच को दौरान पुलिस की 10 सदस्यीय टीम आरोपियों को घटनाक्रम की पुनर्रचना के लिए किसी अज्ञात जगह से हैदराबाद से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित घटनास्थल ले गई थी. 20 से 24 वर्ष की आयु वाले चारों आरोपियों को हथकड़ी नहीं लगायी गई थी.

पुलिस के अनुसार इनमें मुख्य आरोपी मोहम्मद आरिफ (26), चेन्नाकेशवुलू, जोलू शिवा और जोलू नवीन (सभी की आयु 20 वर्ष) शामिल थे. आरोपी पुलिस हिरासत में थे.

25 वर्षीय युवती से कथित तौर पर बलात्कार करने, उसकी हत्या करने और उसके बाद उसका शव जलाने के लिए 29 नवम्बर को चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था. इस घटना को लेकर बड़े पैमाने पर आक्रोश उत्पन्न हो गया था और इस घटना से दिल्ली में 16 दिसम्बर 2012 को हुई घटना की यादें ताजा हो गई थीं जब एक फिजियोथेरेपी इंटर्न के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और जिसकी बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई थी.

साइबराबाद पुलिस आयुक्त वी सी सज्जनर ने संवाददाताओं को बताया कि उनके कर्मियों ने तब ‘‘जवाबी’’ गोलीबारी की जब दो आरोपियों ने पुलिसकर्मियों से हथियार छीनकर पुलिस पर गोलियां चलायीं.

उन्होंने कहा कि आरोपियों में शामिल आरिफ ने सबसे पहले गोली चलायी और उसके बाद चेन्नाकेशवुलू ने गोली चलायी. वहीं पुलिस टीम पर पत्थर एवं अन्य चीजों से भी हमला किया गया.

उन्होंने कहा कि पुलिस ने शुरूआत में 'संयम' बरता और आरोपियों से आत्मसमर्पण करने के लिए कहने के बाद गोली चलाई. उन्होंने कहा कि छीने गए हथियार ‘अनलॉक’ (गोलीबारी की स्थिति में) थे.

उन्होंने कहा कि गोलीबारी की जब घटना हुई उस समय आरोपियों को हथकड़ी नहीं लगायी गई थी और यह घटना आज सुबह पौने छह बजे से सवा छह बजे के बीच हुई.

सज्जनर ने कहा कि पुलिस के एक उप निरीक्षक और एक कान्स्टेबल को सिर में चोटें आयी हैं और उनका इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा कि उन्हें कोई गोली नहीं लगी है.

पुलिस आयुक्त ने कहा, 'यद्यपि हमारे अधिकारियों ने संयम बरता और उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, आरोपियों ने बात सुनने के बजाय गोलीबारी जारी रखी और हमला किया...हमारे कर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की. उस जवाबी कार्रवाई में चार आरोपी मारे गए.'

उन्होंने कहा कि देखने पर चारों के शवों पर गोलियों के घाव दिखे.

उन्होंने पुलिस द्वारा स्थिति संभालने को लेकर की जा रही आलोचना पर जवाब में कहा, 'कानून ने अपना दायित्व निभाया है और मैं यही कह सकता हूं.'

यह पूछे जाने पर कि पुलिसकर्मी आरोपियों को सुबह के समय क्यों ले गए, आयुक्त ने कहा कि आरोपियों को नाराज जनता से काफी खतरा था और इसलिए उन्हें उस समय ले जाया गया.

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आरोपियों के शव अपराध स्थल से कुछ सौ मीटर की दूरी पर पड़े दिखे. उनमें से एक के हाथ में पिस्तौल थी.

Intro:Body:

HC of TG order the govt to preserve the dead bodies of Encounterd persons

High court of telangana heared the urgent hearing on disha case accuced encounter by Telangana police. HC issues orders to preserve the dead bodies of deceased 4 accuced upto 8pm of 9th of this month. HC will here the pitition on 9th morning. Court asked the advocate general about the incident of postmartom.. weather they recorded it or not.

HC ordered the govt to submit the video fotage to Mahbubnagar dist court.



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Postmotem was completed to the four dead bodies at Mahabubnagar dist hopspital

 


Conclusion:
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