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कुड़मी आंदोलन का असर: बहरागोड़ा एनएच पर 35 किमी जाम, ट्रेन सेवा चरमराई, बेहाल हैं चालक-खलासी, डीसी बोलीं- अभी दिखवाते हैं

कुड़मी आंदोलन का असर अब कई राज्यों में दिखने लगा है. बहरागोड़ा एनएच पर 35 किमी जाम लगा हुआ है, चालक और खलासी बेहाल हैं. आंदोलन के कारण ट्रेन सेवा चरमराई गई है.

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Published : Apr 8, 2023, 4:10 PM IST

Updated : Apr 8, 2023, 7:47 PM IST

देखें स्पेशल स्टोरी

रांची/जमशेदपुर: कुड़मी/कुरमी जाति को एसटी का दर्जा देने की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल के कुस्तौर और खेमासुली में शुरू हुआ आंदोलन व्यापक रूप लेने लगा है. इसका असर अब ओड़िशा के साथ-साथ झारखंड में भी दिखने लगा है. झारखंड के बहरागोड़ा एनएच पर चिचड़ा बॉर्डर से बहरागोड़ा के बरसौल थाना तक भीषण जाम लग गया है. झारखंड से बंगाल की सीमा तक करीब 15 किमी का जाम लगा हुआ है. वहीं पश्चिम बंगाल से झारखंड बॉर्डर के बीच करीब 20 किमी जाम है. एनएच पर जाम का आज यानी शनिवार 8 अप्रैल को पांचवा दिन है. सड़क जाम में बिहार, झारखंड, पंजाब, दिल्ली, ओड़िशा, यूपी समेत दक्षिण भारत की सैकड़ों ट्रकें फंसी हुई हैं.

ये भी पढ़ें- कुड़मी समाज ने 100 घंटे बाद वापस लिया रेल रोको आंदोलन, शनिवार को भी रद्द रहीं दर्जनों ट्रेनें

दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल के आद्रा मंडल के कुसतौर स्टेशन, खड़गपुर मंडल के खेमासुली स्टेशन और कोटशिला स्टेशन पर धरना की वजह से रेल सेवा भी बुरी तरह प्रभावित हुई है. रेल सेवा प्रभावित करने को लेकर आंदोलन का आज चौथा दिन है. इतने दिनों में 7 अप्रैल तक 317 ट्रेनें रद्द की जा चुकी हैं.

कुड़मी/कुरमी जाति के लोग क्यों कर रहे हैं आंदोलन: झारखंड में कुड़मी/कुरमी जाति की बहुलता है. इनकी जमीन सीएनटी के दायरे में आती है. झारखंड से लगे पश्चिम बंगाल और ओड़िशा के सीमावर्ती इलाकों में भी कुड़मी/कुरमी जाति के लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं. इनकी लंबे समय से मांग है कि उन्हें एसटी यानी अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिलना चाहिए. समाज की तरफ से कुरमाली भाषा को भी आठवीं सूची में शामिल करने की मांग की जा रही है.

किसके बैनर तले हो रहा है आंदोलन: कुड़मी/कुरमी जाति को एसटी का दर्जी देने की मांग को लेकर तीन राज्यों में आंदोलन चल रहा है. इसकी शुरूआत पश्चिम बंगाल के कुड़मी समाज और आदिवासी कुड़मी समाज की ओर से किया गया है. इसका समर्थन झारखंड के कुड़मी/कुरमी विकास मोर्चा और कुरमी संस्कृति विकास समिति कर रही है. इस आंदोलन को ओड़िशा की कुड़मी सेना का भी समर्थन प्राप्त है. आंदोलन में एकजुटता बनाए रखने के लिए रात के समय सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन होता है.

ये भी पढ़ें- Trains Cancelled List: कुड़मी आंदोलन के कारण 7 से लेकर 9 अपैल तक ट्रेनें रहेंगी प्रभावित, यहां जानिए अपनी गाड़ी का हाल

अब सवाल है कि चार दिन से ट्रेन सेवा और पांच दिन से रोड सेवा प्रभावित होने के बाद अबतक क्या कुछ हुआ है. इस मसले पर झारखंड में संचालित कुरमी संस्कृति विकास समिति के अध्यक्ष स्वप्न कुमार महतो ने बताया कि हमारे समाज को लंबे समय से छला जा रहा है. जमीन होने के बाद भी हम लाचार हैं. हमारा खान-पान और संस्कृति आदिवासी समाज से मिलती है. इसलिए हमे एसटी का दर्जा मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले साल 20 सितंबर को इसी मांग के साथ आंदोलन शुरू हुआ था. उसका इतना व्यापक असर हुआ कि 24 सितंबर 2022 की रात तक प्रशासन के स्तर से पहल पर मांग पर विचार का भरोसा दिलाया गया. उस आधार पर आंदोलन को समाप्त कर दिया गया. लेकिन छह माह बीतने के बाद भी हक की दिशा में कुछ नहीं हुआ. इसलिए बेमियादी आंदोलन शुरू हुआ है.

8 मार्च को रांची रेल मंडल की प्रभावित ट्रेनें: कुड़मी/कुरमी जाति के आंदोलन को देखते हुए आज भी रांची रेल मंडल से कई ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. बरौनी-कोयम्बटूर स्पेश एक्सप्रेस, बोकारो स्टील सिटी-आसनसोल मेमू पैसेंजर स्पेशन ट्रेन, आसनसोल-रांची मेमू पैसेंजर स्पेशन ट्रेन, रांची-आसनसोल मेमू पैसेंजर स्पेशन ट्रेन, कोयम्बटूर-बरौनी स्पेशन एक्सप्रेस ट्रेन रद्द की जा चुकी है.

जाम में फंसी गाड़ियों के चालक-खलासी परेशान: पिछले पांच दिनों से बहरागोड़ा एनएच पर जाम में गाड़ियां फंसी हुई हैं. माल लदी बड़ी-बड़ी ट्रकें भी हैं. गाड़ियों के चालक और खलासी के पास खाने का स्टॉक खत्म हो चुका है. ये लोग किसी तरह आस-पास के गांव के दुकानों से राशन जुटा रहे हैं. इनको पीने के पानी के लिए भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. कुरमी संस्कृति विकास समिति के अध्यक्ष स्वप्न कुमार महतो ने बताया हम मानवीयता को मरने नहीं देंगे. उनसे बैनर तले समाज से जुड़े लोग चालकों को पानी मुहैया कराने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. लेकिन आश्चर्य की बात है कि जिला प्रशासन की तरफ से पानी और भोजन को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

ये भी पढ़ें- Trains Cancelled List: कुड़मी आंदोलन के कारण देश भर में 100 से अधिक ट्रेनें हुईं रद्द, यहां देखिए पूरी लिस्ट

करोड़ों का हर दिन नुकसान और प्रभाव: एनएच पर लगे जाम में सैकड़ों गाड़ियां फंसी हुई हैं. दर्जनों ट्रकों पर सब्जियां हैं जो सड़ने लगी हैं. कई ट्रकों पर टमाटर लदे थे. सभी गलने लगे हैं. कई टैंकरों में भरे दूध अब किसी काम ने नहीं रहे. खास बात है कि पश्चिम बंगाल से आलू का आवक प्रभावित होने से रिटेल मार्टेक में इसकी कीमत बढ़ने लगी है. पश्चिम बंगाल से झारखंड के सीमावर्ती इलाकों के लिए आने वाली हरी सब्जियों की खेप प्रभावित हो चुकी है. हर दिन करोड़ों का नुकसान हो रहा है. जाम का असर न सिर्फ पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और झारखंड पर पड़ रहा है बल्कि यह सीधे तौर पर नॉर्थ ईस्ट को भी प्रभावित कर रहा है. क्योंकि इसी एनएच से माल लदी बड़ी-बड़ी ट्रकें नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में जाती हैं.

आम लोगों की भी बढ़ी मुसीबत: ट्रेन सेवा और एनएच पर जाम की वजह से सबसे ज्यादा दिक्कत उनको हो रही है, जिन्हें कोलकाता जाकर इंटरनेशनल फ्लाइट पकड़ना होता है. इसके अलावा लोकल ट्रेन नहीं चलने के कारण जमशेदपुर की फैक्ट्रियों में काम करने के लिए हर दिन घाटशिला, मुसाबनी, चाकुलिया और आसनबनी जैसे जगहों से आना-जाना करने वाले लोग बेहद परेशान हैं.

जाम की वजह से परेशानी झेल रहे चालक और खलासियों के हालात को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने जमशेदपुर की डीसी विजया जाधव से बात की. उन्होंने पूरी बातों को ध्यान से सुना. उन्होंने कहा कि अभी तक मुझे किसी ने नहीं बताया है कि जाम में फंसे लोगों को खाने और पीने की दिक्कत हो रही है. उन्होंने ईटीवी भारत को धन्यवाद देते हुए कहा कि अभी तुरंत संबंधित क्षेत्र के बीडीओ को भेजा जाएगा. जाम में फंसे लोगों को पानी और खाने को किल्लत नहीं होने दी जाएगी.

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रांची/जमशेदपुर: कुड़मी/कुरमी जाति को एसटी का दर्जा देने की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल के कुस्तौर और खेमासुली में शुरू हुआ आंदोलन व्यापक रूप लेने लगा है. इसका असर अब ओड़िशा के साथ-साथ झारखंड में भी दिखने लगा है. झारखंड के बहरागोड़ा एनएच पर चिचड़ा बॉर्डर से बहरागोड़ा के बरसौल थाना तक भीषण जाम लग गया है. झारखंड से बंगाल की सीमा तक करीब 15 किमी का जाम लगा हुआ है. वहीं पश्चिम बंगाल से झारखंड बॉर्डर के बीच करीब 20 किमी जाम है. एनएच पर जाम का आज यानी शनिवार 8 अप्रैल को पांचवा दिन है. सड़क जाम में बिहार, झारखंड, पंजाब, दिल्ली, ओड़िशा, यूपी समेत दक्षिण भारत की सैकड़ों ट्रकें फंसी हुई हैं.

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दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल के आद्रा मंडल के कुसतौर स्टेशन, खड़गपुर मंडल के खेमासुली स्टेशन और कोटशिला स्टेशन पर धरना की वजह से रेल सेवा भी बुरी तरह प्रभावित हुई है. रेल सेवा प्रभावित करने को लेकर आंदोलन का आज चौथा दिन है. इतने दिनों में 7 अप्रैल तक 317 ट्रेनें रद्द की जा चुकी हैं.

कुड़मी/कुरमी जाति के लोग क्यों कर रहे हैं आंदोलन: झारखंड में कुड़मी/कुरमी जाति की बहुलता है. इनकी जमीन सीएनटी के दायरे में आती है. झारखंड से लगे पश्चिम बंगाल और ओड़िशा के सीमावर्ती इलाकों में भी कुड़मी/कुरमी जाति के लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं. इनकी लंबे समय से मांग है कि उन्हें एसटी यानी अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिलना चाहिए. समाज की तरफ से कुरमाली भाषा को भी आठवीं सूची में शामिल करने की मांग की जा रही है.

किसके बैनर तले हो रहा है आंदोलन: कुड़मी/कुरमी जाति को एसटी का दर्जी देने की मांग को लेकर तीन राज्यों में आंदोलन चल रहा है. इसकी शुरूआत पश्चिम बंगाल के कुड़मी समाज और आदिवासी कुड़मी समाज की ओर से किया गया है. इसका समर्थन झारखंड के कुड़मी/कुरमी विकास मोर्चा और कुरमी संस्कृति विकास समिति कर रही है. इस आंदोलन को ओड़िशा की कुड़मी सेना का भी समर्थन प्राप्त है. आंदोलन में एकजुटता बनाए रखने के लिए रात के समय सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन होता है.

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अब सवाल है कि चार दिन से ट्रेन सेवा और पांच दिन से रोड सेवा प्रभावित होने के बाद अबतक क्या कुछ हुआ है. इस मसले पर झारखंड में संचालित कुरमी संस्कृति विकास समिति के अध्यक्ष स्वप्न कुमार महतो ने बताया कि हमारे समाज को लंबे समय से छला जा रहा है. जमीन होने के बाद भी हम लाचार हैं. हमारा खान-पान और संस्कृति आदिवासी समाज से मिलती है. इसलिए हमे एसटी का दर्जा मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि पिछले साल 20 सितंबर को इसी मांग के साथ आंदोलन शुरू हुआ था. उसका इतना व्यापक असर हुआ कि 24 सितंबर 2022 की रात तक प्रशासन के स्तर से पहल पर मांग पर विचार का भरोसा दिलाया गया. उस आधार पर आंदोलन को समाप्त कर दिया गया. लेकिन छह माह बीतने के बाद भी हक की दिशा में कुछ नहीं हुआ. इसलिए बेमियादी आंदोलन शुरू हुआ है.

8 मार्च को रांची रेल मंडल की प्रभावित ट्रेनें: कुड़मी/कुरमी जाति के आंदोलन को देखते हुए आज भी रांची रेल मंडल से कई ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. बरौनी-कोयम्बटूर स्पेश एक्सप्रेस, बोकारो स्टील सिटी-आसनसोल मेमू पैसेंजर स्पेशन ट्रेन, आसनसोल-रांची मेमू पैसेंजर स्पेशन ट्रेन, रांची-आसनसोल मेमू पैसेंजर स्पेशन ट्रेन, कोयम्बटूर-बरौनी स्पेशन एक्सप्रेस ट्रेन रद्द की जा चुकी है.

जाम में फंसी गाड़ियों के चालक-खलासी परेशान: पिछले पांच दिनों से बहरागोड़ा एनएच पर जाम में गाड़ियां फंसी हुई हैं. माल लदी बड़ी-बड़ी ट्रकें भी हैं. गाड़ियों के चालक और खलासी के पास खाने का स्टॉक खत्म हो चुका है. ये लोग किसी तरह आस-पास के गांव के दुकानों से राशन जुटा रहे हैं. इनको पीने के पानी के लिए भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. कुरमी संस्कृति विकास समिति के अध्यक्ष स्वप्न कुमार महतो ने बताया हम मानवीयता को मरने नहीं देंगे. उनसे बैनर तले समाज से जुड़े लोग चालकों को पानी मुहैया कराने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. लेकिन आश्चर्य की बात है कि जिला प्रशासन की तरफ से पानी और भोजन को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई है.

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करोड़ों का हर दिन नुकसान और प्रभाव: एनएच पर लगे जाम में सैकड़ों गाड़ियां फंसी हुई हैं. दर्जनों ट्रकों पर सब्जियां हैं जो सड़ने लगी हैं. कई ट्रकों पर टमाटर लदे थे. सभी गलने लगे हैं. कई टैंकरों में भरे दूध अब किसी काम ने नहीं रहे. खास बात है कि पश्चिम बंगाल से आलू का आवक प्रभावित होने से रिटेल मार्टेक में इसकी कीमत बढ़ने लगी है. पश्चिम बंगाल से झारखंड के सीमावर्ती इलाकों के लिए आने वाली हरी सब्जियों की खेप प्रभावित हो चुकी है. हर दिन करोड़ों का नुकसान हो रहा है. जाम का असर न सिर्फ पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और झारखंड पर पड़ रहा है बल्कि यह सीधे तौर पर नॉर्थ ईस्ट को भी प्रभावित कर रहा है. क्योंकि इसी एनएच से माल लदी बड़ी-बड़ी ट्रकें नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में जाती हैं.

आम लोगों की भी बढ़ी मुसीबत: ट्रेन सेवा और एनएच पर जाम की वजह से सबसे ज्यादा दिक्कत उनको हो रही है, जिन्हें कोलकाता जाकर इंटरनेशनल फ्लाइट पकड़ना होता है. इसके अलावा लोकल ट्रेन नहीं चलने के कारण जमशेदपुर की फैक्ट्रियों में काम करने के लिए हर दिन घाटशिला, मुसाबनी, चाकुलिया और आसनबनी जैसे जगहों से आना-जाना करने वाले लोग बेहद परेशान हैं.

जाम की वजह से परेशानी झेल रहे चालक और खलासियों के हालात को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने जमशेदपुर की डीसी विजया जाधव से बात की. उन्होंने पूरी बातों को ध्यान से सुना. उन्होंने कहा कि अभी तक मुझे किसी ने नहीं बताया है कि जाम में फंसे लोगों को खाने और पीने की दिक्कत हो रही है. उन्होंने ईटीवी भारत को धन्यवाद देते हुए कहा कि अभी तुरंत संबंधित क्षेत्र के बीडीओ को भेजा जाएगा. जाम में फंसे लोगों को पानी और खाने को किल्लत नहीं होने दी जाएगी.

Last Updated : Apr 8, 2023, 7:47 PM IST
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