नई दिल्ली: देश में बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए 25440 मेगावाट की कुल क्षमता वाली 18 कोयला आधारित थर्मल पावर परियोजनाएं, 370 मेगावाट की क्षमता वाली एक गैस आधारित थर्मल पावर परियोजना और 42 हाइड्रो-इलेक्ट्रिक परियोजनाएं (25 मेगावाट से ऊपर) जिनकी कुल क्षमता 18033.5 मेगावाट है, निर्माणाधीन है.
ये जानकारी बिजली, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह (Minister for Power, New and Renewable Energy RK Singh) ने मंगलवार को राज्यसभा में दी. उन्होंने बताया कि कुल 8000 मेगावाट की परमाणु क्षमता निर्माण के विभिन्न चरणों में है.
उन्होंने कहा कि 'साथ ही 2030 तक 22840 मेगावाट अतिरिक्त कोयला आधारित थर्मल क्षमता की योजना बनाई गई है, जिसमें से 15300 मेगावाट केंद्रीय क्षेत्र के तहत और 7540 मेगावाट राज्य क्षेत्र के तहत होगी.'
उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख (तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य), उत्तराखंड, सिक्किम और हिमाचल प्रदेश सहित चार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पानी के गैर-उपभोग्य उपयोग पर जल कर लगाया है. सिंह ने कहा कि भारत में बिजली उत्पादन के क्षेत्र में तेज वृद्धि देखी जा रही है.
सिंह ने आंकड़े देते हुए कहा कि भारत में वर्ष 2022-23 में थर्मल, परमाणु, हाइड्रो और रिन्यूएबल एनर्जी सहित ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों के माध्यम से कुल 1624465.61 गीगावॉट बिजली उत्पन्न की गई है. इस वित्तीय वर्ष में पिछले चार महीनों में विभिन्न राज्यों में ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों के माध्यम से कुल 287863.33 गीगावॉट बिजली उत्पन्न की गई है.
एक अन्य जवाब में सिंह ने कहा कि भारत ने 2022-23 में भूटान से 6580 एमयू ऊर्जा का आयात किया है जबकि इस साल जून तक 782 एमयू ऊर्जा का आयात किया है.
उसी अवधि में नेपाल से 1263 एमयू ऊर्जा का आयात किया गया था जबकि इस वर्ष जून तक 89 एमयू ऊर्जा का आयात किया जा चुका है. हालांकि, भारत ने 2022-23 में नेपाल को 1421 एमयू ऊर्जा निर्यात की, जबकि इस साल जून तक उसने 703 एमयू ऊर्जा निर्यात की है.
गौरतलब है कि भारत ने 2022-23 में बांग्लादेश को 8622 एमयू ऊर्जा निर्यात की. इस साल जून तक बांग्लादेश को कुल 2181 एमयू ऊर्जा निर्यात की गई है.
कोयले की उपलब्धता का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि भारत के थर्मल पावर प्लांट (डीसीबी) के लिए कोयले के आयात में 2019-20 से गिरावट आ रही है, जिसका मुख्य कारण घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए उठाए गए विभिन्न नीतिगत उपायों के कारण घरेलू कोयले की उपलब्धता में वृद्धि है.
2020-21 में आयातित कोयले की मात्रा 35.1 मिलियन टन थी जो 2021-22 में घटकर 18.9 मिलियन टन हो गई. वर्ष 2022-23 में विदेशों से कुल 20.5 मिलियन टन कोयला आयात किया गया जबकि इस वर्ष जून तक 7.7 मिलियन टन कोयला आयात किया गया.