VIDEO: 'पांडव शिला' से जुड़ी प्राचीन कथा
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मंडी: हिमाचल को देव पंरपराओं के लिए जाना जाता है. देव परंपराओं से लाखों लोगों की आस्था जुड़ी है. प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी कही जाने वाली छोटी काशी मंडी से पांडवों का गहरा नाता रहा है. जिले के कई क्षेत्रों में पांडवों से जुड़े कई रोचक किस्से, मंदिर व निशानियां आज भी मौजूद हैं. मंडी जिला मुख्यालय से 92 किलोमीटर दूर जंजैहली के कुथाह गांव में एक ऐसी विशालकाय चट्टान है, जिसे पांडव शिला के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडव यहां पर रुके थे और इस भारी भरकम चट्टान को पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान निशानी के तौर पर यहां रखा था. इस शिला को यदि कोई सच्चे मन से एक हाथ से हिलाए तो यह हिल जाती है. यदि कोई जोर आजमाइश करके भले ही दोनों हाथों से पूरा जोर लगा दे, शिला टस से मस नहीं होती. इस शिला को हाथ की एक अंगुली से भी हिला सकते हैं. लोग इसे श्रद्धा से हिलाते हैं, उनकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.