हिमाचल में 2 दिन रहती है डगयाली, श्मशान से घर तक रहता है डायनों का साया!
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छोटी डगयाली और उसके अगले दिन अमावस्या को बड़ी डगयाली या उवांस डुवांस भी कहते हैं. इसे अघोरा चतुर्दर्शी के नाम से भी जाना जाता है. डगयाली भाद्रपद कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर आती है. मान्यता है कि इन दो रातों को काली शक्तियों का प्रभाव ज्यादा रहता है. इन दो रातों में लोग खौफ के साएं में जीते हैं. इस दिन तांत्रिक काली शक्तियों को जगाने के लिए साधना करते हैं..