कुल्लू में देवता पुंडरिक ऋषि के सम्मान में मनाया गया "खुना रुहणी" उत्सव - kullu today news
🎬 Watch Now: Feature Video

कुल्लू: देवभूमि हिमाचल की कुल्लू घाटी में आज भी खुना रूहणी परंपरा को निभाया जा रहा है. इस परंपरा के अनुसार सैंज घाटी के बनोगी में देवता पुंडरिक ऋषि के सम्मान में धान की रोपाई की जाती है. ढोल-नगाड़ों की थाप पर देवता के समक्ष यह परंपरा महिलाओं द्वारा निभाई जाती है. इस पुरानी देव परंपरा का निर्वहन सदियों से होता आ रहा है. पहले इस धान की रोपाई के लिए चार गांव से 20 से 22 बैल की जोड़ी और 300 से अधिक महिलाएं आया करती थीं. कुल 500 बीघा भूमि में धान की खेती हुआ करती थी लेकिन अब धान के खेतों में लोगों ने सेब के बगीचे लगा दिए गए हैं.