ऊना: बंगाणा उपमण्डल की ग्राम पंचायत अरलू के गांव दगड़ूंह में डीआरडीए और नाबार्ड के संयुक्त तत्वावधान में बांस से सामान तैयार करने के लिए लगाये गये प्रशिक्षण शिविर का समापन हो गया है. करीब छह महीने तक चले इस प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत 1 अक्टूबर को हुई थी. शिविर में 25 महिला प्रशिक्षुओं ने भाग लिया, जिन्हें स्थानीय बांस के सजावट के उत्पाद तैयार करने के लिए प्रशिक्षित किया गया. समापन कार्यक्रम में उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की.
उत्पाद की मार्केटिंग के किए जा रहे विशेष प्रयास
उपायुक्त ने प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार द्वारा स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बेहतर प्रयास किये जा रहे हैं. क्योंकि, ये उत्पाद पर्यावरण मित्र होने के साथ-साथ इनकी बाजार में भी निरंतर मांग बढ़ रही है. उन्होंने प्रशिक्षु से कहा कि ऊर्जावान होकर अपने उत्पाद तैयार करें. जिला प्रशासन द्वारा इनकी मार्केटिंग के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि किसानों की आर्थिकी में वृद्धि की जा सके.
लोकल से वोकल होने का प्रयास
मुख्य प्रशिक्षक अजय कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा दिये गये लोकल को वोकल बनाने के नारे के मद्देनजर महिलाओं को इस शिविर में बांस का सजावटी सामान निर्मित करने का प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिनमें ईको फ्रेंडली बूफर, फ्लावर पोर्ट, पैन स्टैंड, मोबाइल स्टैंड, राष्ट्रीय ध्वज, टेबल लैंप, हैगिंग लैम्प, ग्लास, टोकरी, समुद्री जहाज, ट्रे, काॅर्नर फ्लावर पोर्ट, गमले, हैंगिंग गमले, रैक इत्यादि के निर्माण बारे प्रशिक्षित किया गया. इस अवसर पर परियोजना अधिकारी एवं उपनिदेशक डीआरडीए संजीव ठाकुर, डीडीएम नाबार्ड अरुण कुमार, अरलू ग्राम पंचायत प्रधान महेन्द्र सिंह तथा प्रशिक्षु उपस्थित रहे.
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