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ऊना में प्रशिक्षित बेरोजगार अध्यापक संघ की प्रेस कॉन्फ्रेंस, कहा- न्याय न मिलने पर करेंगे प्रदर्शन - Trained Unemployed Teachers Association

ऊना में बुधवार को प्रशिक्षित बेरोजगार अध्यापकों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान प्रशिक्षित बेरोजगार अध्यापक संघ ने कहा कि उन्हें एमएमसी अध्यापक भर्ती मामले में प्रदेश सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं लग रही है. उन्होंने कहा है कि न्याय न मिलने पर आने वाले समय में सड़कों पर उतरेंगे और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.

Trained Unemployed Teachers Association PC
प्रशिक्षत बेरोजगार अध्यापक संघ
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Published : Sep 2, 2020, 2:55 PM IST

ऊना: जिला ऊना में बुधवार को प्रशिक्षित बेरोजगार अध्यापकों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान प्रशिक्षित बेरोजगार अध्यापक संघ ने कहा कि उन्हें एमएमसी अध्यापक भर्ती मामले में प्रदेश सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं लग रही है.

प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के सदस्य दविंदर शर्मा ने कहा कि एसएमसी अध्यापकों की सीधी भर्ती नहीं हुई है, बल्कि बैक डोर एंट्री से भर्ती हुई है. हाई कोर्ट भी एसएमसी की भर्ती को खारिज कर चुका है. वहीं, अब प्रदेश सरकार इस केस को सुप्रीम कोर्ट ले जा रही है.

वीडियो

दविंदर शर्मा ने कहा कि सरकार बहुत से एसएमसी अध्यापकों के दूरदराज क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देने का दावा कर रही हैं, जबकि आरटीआई में कुछ और ही जानकारी सामने आई है. प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने कहा है कि उन्हें न्याय न मिलने पर आने वाले समय में सड़कों पर उतरेंगे और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.

बता दें कि हिमाचल हाईकोर्ट ने 2613 एमएमसी शिक्षकों की नियुक्तियों को नियमों के विरूद्ध करार देकर नियुक्तियां रद्द कर दी थीं. भर्ती के खिलाफ दायर याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर और न्यायाधीश चंद्रभूषण बारोवालिया की खंडपीठ ने इस मामले पर फैसला सुनाया था. साथ ही कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि वह 6 महीनों के भीतर इनकी जगह नई भर्तियां करे.

ये भी पढ़ें: सत्ती ने कोरोना योद्धाओं को किया सम्मानित, उत्कृष्ट कार्यों के लिए जताया आभार

ऊना: जिला ऊना में बुधवार को प्रशिक्षित बेरोजगार अध्यापकों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान प्रशिक्षित बेरोजगार अध्यापक संघ ने कहा कि उन्हें एमएमसी अध्यापक भर्ती मामले में प्रदेश सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं लग रही है.

प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के सदस्य दविंदर शर्मा ने कहा कि एसएमसी अध्यापकों की सीधी भर्ती नहीं हुई है, बल्कि बैक डोर एंट्री से भर्ती हुई है. हाई कोर्ट भी एसएमसी की भर्ती को खारिज कर चुका है. वहीं, अब प्रदेश सरकार इस केस को सुप्रीम कोर्ट ले जा रही है.

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दविंदर शर्मा ने कहा कि सरकार बहुत से एसएमसी अध्यापकों के दूरदराज क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देने का दावा कर रही हैं, जबकि आरटीआई में कुछ और ही जानकारी सामने आई है. प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने कहा है कि उन्हें न्याय न मिलने पर आने वाले समय में सड़कों पर उतरेंगे और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.

बता दें कि हिमाचल हाईकोर्ट ने 2613 एमएमसी शिक्षकों की नियुक्तियों को नियमों के विरूद्ध करार देकर नियुक्तियां रद्द कर दी थीं. भर्ती के खिलाफ दायर याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर और न्यायाधीश चंद्रभूषण बारोवालिया की खंडपीठ ने इस मामले पर फैसला सुनाया था. साथ ही कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि वह 6 महीनों के भीतर इनकी जगह नई भर्तियां करे.

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