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ऊना: जिला प्रशासन के आदेशों पर भड़का व्यापार मंडल, बताया तुगलकी फरमान

जिला में बढ़ रहे कोविड-19 संक्रमण के लगातार मामलों के बाद जिला प्रशासन ने ऊना शहर के कारोबारियों की सैंपलिंग करवाने का फैसला लेते हुए कुछ ही घंटों के भीतर सैंपलिंग का पूरा शेड्यूल भी जारी कर दिया. कारोबारियों के कोविड-19 टेस्टिंग के लिए जारी किए गए फरमान कारोबारियों ने आपत्ति जताई है. एसडीएम ऊना ने इस पर सफाई दी और कारोबारियों से अपील भी की.

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Published : Mar 31, 2021, 4:02 PM IST

Updated : Mar 31, 2021, 4:50 PM IST

ऊना: जिला प्रशासन द्वारा कारोबारियों के कोविड-19 टेस्टिंग के लिए जारी किए गए फरमान पर कारोबारियों ने आपत्ति जताई है. एक तरफ जहां जिला प्रशासन ने एक अप्रैल से कारोबारियों के कोरोना वायरस की जांच के लिए सैंपल करवाने को लेकर आदेश जारी कर दिए है. वहीं, दूसरी ओर कारोबारियों ने इसे उन्हें बिना विश्वास में लिए जारी किया गया तुगलकी फरमान करार दे दिया है.

व्यापारियों का आरोप है कि प्रशासन के इस फरमान से कारोबार जगत बुरी तरह प्रभावित होगा. व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष सोमेश शर्मा ने कहा कि यदि किसी कारोबारी में कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं या कोई कारोबारी किसी संक्रमित की क्लोज कॉन्टेक्ट में पाया जाता है, तो उसकी जांच करवाना बिल्कुल उचित है, लेकिन बिना किसी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग पर बिना किसी लक्ष्ण के हर कारोबारी का सैंपल करवाना न्याय उचित नहीं है. वहीं, एसडीएम ऊना डॉ. निधि पटेल ने कहा की व्यापारी किसी भी अफवाह पर ध्यान दें. व्यापारी स्वेच्छा से ही अपने सैंपल करवाएं इसमें किसी से कोई जबरदस्ती नहीं की जा रही है.

वीडियो.

दरअसल जिला में बढ़ रहे कोविड-19 संक्रमण के लगातार मामलों के बाद जिला प्रशासन ने ऊना शहर के कारोबारियों की सैंपलिंग करवाने का फैसला लेते हुए कुछ ही घंटों के भीतर सैंपलिंग का पूरा शेड्यूल भी जारी कर डाला है. वहीं, दूसरी और हिमाचल व्यापार मंडल ने प्रशासन के इस निर्णय को तुगलकी फरमान करार देते हुए कड़ी नाराजगी जाहिर कर दी है.

व्यापार मंडल ने प्रशासन पर लगाए ये आरोप

हिमाचल व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष सोमेश कुमार शर्मा ने कहा कि यदि किसी कारोबारी में कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं या कोई कारोबारी किसी संक्रमित की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग में शामिल पाया जाता है, तो उसकी सैंपलिंग करवाना न्याय उचित रहेगा, लेकिन हर कारोबारी पर सैंपलिंग का आदेश थोपना प्रशासन का तुगलकी फरमान है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.

वीडियो.

आदेश जारी करने से पहले दुकानदारों को विशवास में लिया जाए

वहीं, व्यापार मंडल की ऊना शहरी इकाई के अध्यक्ष मोती लाल कपिला ने कहा कि देश में लॉकडाउन के बाद से अब तक कारोबार नुकसान की परिस्थिति से गुजर रहा है और ऐसे में अब प्रशासन के लिए आदेश हैं. कारोबारियों के लिए और भी मुसीबत खड़ी करने वाले हैं. उन्होंने कहा कि व्यापारी सदा सरकार और प्रशासन के साथ खड़े हैं, लेकिन इस तरह के निर्देशों से पहले दुकानदारों को विशवास में लिया जाना चाहिए था.

एसडीएम ऊना ने की स्थिति स्पष्ट

वहीं, इस पुरे मामले को लेकर एसडीएम ऊना डॉ. निधि पटेल ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि व्यापारी किसी भी अफवाह पर ध्यान ना दें. व्यापारियों के कोविड टेस्ट करवाने के लिए एक सुविधा प्रदान की जा रही है. उन्होंने साफ किया कि इसमें किसी की भी जबरदस्ती टेस्टिंग नहीं की जाएगी बल्कि व्यापारी स्वेच्छा से आगे आकर अपने टेस्ट करवा सकते हैं.

कोरोना पॉजिटिव आने पर यह रहेगी प्रकिया

एसडीम ने बताया कि कारोबारियों के हितों को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सजग है. जिसके तहत एक व्यवस्था बनाकर नियम को लागू किया जा रहा है. डॉ. निधि पटेल ने बताया कि यदि कोई कारोबारी संक्रमित पाया जाता है तो उसकी दुकान को सेनिटाइज करने के साथ दो दिन के लिए बंद किया जाएगा, जबकि उसके परिवार का कोई भी स्वस्थ सदस्य उसके बाद दुकान खोलने के लिए अधिकृत होगा.

पढ़ें: 1950 में मंडी को बनाया गया था नगर पालिका, स्वामी कृष्णनंद पहली बार चुनाव जीतकर बने थे अध्यक्ष

ऊना: जिला प्रशासन द्वारा कारोबारियों के कोविड-19 टेस्टिंग के लिए जारी किए गए फरमान पर कारोबारियों ने आपत्ति जताई है. एक तरफ जहां जिला प्रशासन ने एक अप्रैल से कारोबारियों के कोरोना वायरस की जांच के लिए सैंपल करवाने को लेकर आदेश जारी कर दिए है. वहीं, दूसरी ओर कारोबारियों ने इसे उन्हें बिना विश्वास में लिए जारी किया गया तुगलकी फरमान करार दे दिया है.

व्यापारियों का आरोप है कि प्रशासन के इस फरमान से कारोबार जगत बुरी तरह प्रभावित होगा. व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष सोमेश शर्मा ने कहा कि यदि किसी कारोबारी में कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं या कोई कारोबारी किसी संक्रमित की क्लोज कॉन्टेक्ट में पाया जाता है, तो उसकी जांच करवाना बिल्कुल उचित है, लेकिन बिना किसी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग पर बिना किसी लक्ष्ण के हर कारोबारी का सैंपल करवाना न्याय उचित नहीं है. वहीं, एसडीएम ऊना डॉ. निधि पटेल ने कहा की व्यापारी किसी भी अफवाह पर ध्यान दें. व्यापारी स्वेच्छा से ही अपने सैंपल करवाएं इसमें किसी से कोई जबरदस्ती नहीं की जा रही है.

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दरअसल जिला में बढ़ रहे कोविड-19 संक्रमण के लगातार मामलों के बाद जिला प्रशासन ने ऊना शहर के कारोबारियों की सैंपलिंग करवाने का फैसला लेते हुए कुछ ही घंटों के भीतर सैंपलिंग का पूरा शेड्यूल भी जारी कर डाला है. वहीं, दूसरी और हिमाचल व्यापार मंडल ने प्रशासन के इस निर्णय को तुगलकी फरमान करार देते हुए कड़ी नाराजगी जाहिर कर दी है.

व्यापार मंडल ने प्रशासन पर लगाए ये आरोप

हिमाचल व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष सोमेश कुमार शर्मा ने कहा कि यदि किसी कारोबारी में कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं या कोई कारोबारी किसी संक्रमित की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग में शामिल पाया जाता है, तो उसकी सैंपलिंग करवाना न्याय उचित रहेगा, लेकिन हर कारोबारी पर सैंपलिंग का आदेश थोपना प्रशासन का तुगलकी फरमान है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.

वीडियो.

आदेश जारी करने से पहले दुकानदारों को विशवास में लिया जाए

वहीं, व्यापार मंडल की ऊना शहरी इकाई के अध्यक्ष मोती लाल कपिला ने कहा कि देश में लॉकडाउन के बाद से अब तक कारोबार नुकसान की परिस्थिति से गुजर रहा है और ऐसे में अब प्रशासन के लिए आदेश हैं. कारोबारियों के लिए और भी मुसीबत खड़ी करने वाले हैं. उन्होंने कहा कि व्यापारी सदा सरकार और प्रशासन के साथ खड़े हैं, लेकिन इस तरह के निर्देशों से पहले दुकानदारों को विशवास में लिया जाना चाहिए था.

एसडीएम ऊना ने की स्थिति स्पष्ट

वहीं, इस पुरे मामले को लेकर एसडीएम ऊना डॉ. निधि पटेल ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि व्यापारी किसी भी अफवाह पर ध्यान ना दें. व्यापारियों के कोविड टेस्ट करवाने के लिए एक सुविधा प्रदान की जा रही है. उन्होंने साफ किया कि इसमें किसी की भी जबरदस्ती टेस्टिंग नहीं की जाएगी बल्कि व्यापारी स्वेच्छा से आगे आकर अपने टेस्ट करवा सकते हैं.

कोरोना पॉजिटिव आने पर यह रहेगी प्रकिया

एसडीम ने बताया कि कारोबारियों के हितों को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सजग है. जिसके तहत एक व्यवस्था बनाकर नियम को लागू किया जा रहा है. डॉ. निधि पटेल ने बताया कि यदि कोई कारोबारी संक्रमित पाया जाता है तो उसकी दुकान को सेनिटाइज करने के साथ दो दिन के लिए बंद किया जाएगा, जबकि उसके परिवार का कोई भी स्वस्थ सदस्य उसके बाद दुकान खोलने के लिए अधिकृत होगा.

पढ़ें: 1950 में मंडी को बनाया गया था नगर पालिका, स्वामी कृष्णनंद पहली बार चुनाव जीतकर बने थे अध्यक्ष

Last Updated : Mar 31, 2021, 4:50 PM IST
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