ऊना: हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों में सबसे ज्यादा सड़क हादसे जिला ऊना में होते हैं. जिला ऊना में हर साल सैकड़ों सड़क हादसे होते हैं. जिले में हुए इन सड़क हादसों में अब तक कई मासूम लोग अपनी जान गंवा बैठे हैं. वहीं, कई हादसों ने लोगों को उम्र भर का दर्द दिया है. जिला ऊना में बढ़ते सड़क हादसों के पीछे सबसे बड़ा कारण दिनों दिन बढ़ रहे ट्रैफिक को माना गया है. पुलिस के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो हर महीने 4 लाख से ज्यादा वाहनों की आवाजाही हिमाचल प्रदेश के भीतर और प्रदेश के बाहर की रहती है.
ऊना में मात्र 62 ट्रैफिक कर्मी- बाहरी राज्यों से जिले की सड़कों पर दौड़ने वाले सैकड़ों वाहन हादसों का शिकार बन जाते हैं. हालांकि पुलिस विभाग इन सड़क हादसों पर नियंत्रण पाने का भरसक प्रयास जरूर करता है, लेकिन जिले में ट्रैफिक व्यवस्था का जिम्मा संभालने के लिए मात्र 62 ट्रैफिक कर्मियों की संख्या कहीं न कहीं यातायात नियमों की अवहेलना और सड़क हादसों पर लगाम कसने में नाकाफी साबित होती है. पिछले 4 साल के आंकड़ों पर यदि नजर दौड़ाई जाए तो वर्ष 2019 में जिले में 261 सड़क हादसे हुए. जिनमें 131 लोगों की जान गई. जबकि 431 लोग घायल हुए.
ऊना में होते हैं सबसे ज्यादा सड़क हादसे- वर्ष 2020 में सड़क हादसों की संख्या 183 रही याद रहे कि इस वर्ष ज्यादातर समय लॉकडाउन ही रहा है. 183 सड़क हादसों में 8 लोगों की जान गई, जबकि 256 लोग घायल हुए. वर्ष 2021 में 299 सड़क हादसों में 100 लोगों की मौत और 264 लोग घायल हुए. वर्ष 2022 में 235 सड़क हादसे में 88 लोगों की मौत हुई है, जबकि 414 लोग घायल हुए. जिला ऊना को अगर सड़क हादसों वाला जिला कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी क्योंकि जिला ऊना के अंब थाना और सदर थाना ऊना में प्रदेश के अन्य थानों के मुकाबले सबसे ज्यादा सड़क हादसे पेश आते है.
बढ़ रहे ट्रैफिक के कारण हो रहे हादसे- पुलिस के आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो साल 2022 में जिला ऊना में 235 सड़क हादसे हुए हैं, जिसमें 88 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 414 लोग इन सड़क हादसों में घायल हुए हैं. जिला ऊना में लगातार बढ़ते सड़क हादसों के आंकड़ों के पीछे सबसे बड़ा कारण जिले में बढ़ रहे ट्रैफिक को ही माना जा रहा है. जिला पुलिस के मुताबिक हर महीने औसतन करीब 4 लाख वाहन पंजाब से सटे जिले की सीमाओं से प्रदेश में प्रवेश करते हैं.
दस सालों में जिले में काफी बढ़ा ट्रैफिक- दस साल पहले के आंकड़ों के हिसाब से देखे तो जिले में ट्रैफिक बहुत ज्यादा बढ़ा है, लेकिन सड़क हादसे 2013 के मुकाबले 2022 में कुछ कम जरूर हुए हैं जिसके पीछे पुलिस यातायात नियमों की पालना करवाने को की जा रही सख्ती को मानती है, लेकिन जिस जिला की सड़कों पर हर माह लाखों वाहन सरपट दौड़ते है वहां ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु करने के लिए मात्र 62 पुलिस कर्मियों की ही तैनाती की गई है.
क्या कहते हैं प्रशासनिक अधिकारी- एसपी ऊना अर्जित सेन ठाकुर ने कहा कि जिले में सड़क हादसों पर नियंत्रण करने के लिए पुलिस द्वारा विशेष एक्शन प्लान तैयार किया गया है. इसे जल्द ही लागू करके हादसों पर नियंत्रण किया जाएगा. एसपी ऊना ने कहा कि पुलिस द्वारा जिले में ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं, जिन पर विभिन्न विभागों की मदद से काम किया जा रहा है. वहीं, जिला ऊना में सात स्थानों पर इंटेलिजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाए जा रहे हैं. जिससे यातायात नियमों की अवहेलना करने वाले चालकों के ऑटोमेटिक चालान होंगे.
आधुनिक सिस्टम को अपनाने की जरूरत- एसपी ऊना की मानें तो अगर लोग ट्रैफिक नियमों की पालना करें तो सड़क हादसों पर नियंत्रण करने में काफी मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सीमांत जिले में प्रतिमाह 4 लाख वाहनों की आवाजाही प्रदेश के भीतर और बाहर होती है. ऐसे में बेहद जरूरी हो जाता है कि आधुनिक सिस्टम को अपनाते हुए यातायात प्रबंधन किया जाए.
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