ऊना: हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील गोबिंद सागर पर्यटकों को अपने सौंदर्य के प्रति आकर्षित कर रही है. वहीं, झील के दीदार को आने वाले पर्यटक और स्थानीय लोग बेरोक-टोक झील के पानी में उतरकर अठखेलियां कर रहे हैं. जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
इससे पहले भी कई लोग झील में नहाने के चक्कर में अपनी जिंदगी से हाथ धो चुके हैं. कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र में झील पर कई घाट बने हुए हैं जिसमें मंदली, बीहडू, रायपुर मैदान, कोलका, लठियानी घाट मुख्य हैं. इन घाटों पर रोजाना सैंकड़ों की संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु झील की सुंदरता का नजारा देखने पहुंचते हैं.
लोग झील की सुंदरता को निहारने के साथ-साथ झील में उतरकर तैराकी करने लगते हैं. नहाने वालों को झील की गहराई का पता नहीं होता. जिस कारण अक्सर यहां लोग अपनी जान गंवा देते हैं. गोबिंद सागर झील में तैराकी किसी हादसे को न्यौता देने से कम नहीं है क्योंकि मानसून के चलते झील का स्तर भी लगातार बढ़ रहा है.
गोबिंद सागर में अठखेलियां करते कई लोग आजतक मौत का ग्रास बन चुके हैं. लेकिन प्रशासन ने सिर्फ चेतावनी बोर्ड लगाकर इतिश्री कर ली है. स्थानीय लोगों की मानें तो प्रशासन को गोबिंद सागर झील में नहाने वाले लोगों के खिलाफ सख्ती से निपटना चाहिए ताकि बड़े हादसों से बचा जा सके.
डीसी ऊना संदीप कुमार ने लोगों से गोबिंद सागर झील में न जाने की अपील की है. वहीं. उन्होंने दावा किया है कि स्थानीय पंचायतों और पटवारियों को झील में लोगों के जाने पर पाबंदी लगाने के निर्देश दिए गए हैं.