ऊना: ये जरूरी तो नहीं की दिव्यांगता अपने साथ सिर्फ मुश्किलें ही लाए, इसे सफतलता में भी तो बदला जा सकता है. ये बात सच कर दिखाई है ऊना के निषाद ने. बचपन में एक हादसे के दौरान दिव्यांगता को प्राप्त हुए निषाद कुमार ने कभी हिम्मत नहीं हारी और आज निषाद ने यह मुकाम हासिल किया है. जिला ऊना के अंब उपमंडल के तहत बदायूं के रहने वाले निशांत कुमार ने पैरालंपिक में रजत पदक जीतने के बाद अब विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में हाई जंप में सिल्वर मेडल जीतकर सबका नाम रोशन किया है.
निषाद का हुआ जोरदार स्वागत: निषाद कुमार का शनिवार को गृह जिला पहुंचने पर अंब में ढोल नगाड़ों की थाप पर गर्मजोशी से स्वागत किया. हाल ही में फ्रांस के पेरिस में हुई वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में निषाद कुमार ने 2.09 मीटर ऊंची कूद लगाकर सिल्वर मेडल अपने नाम किया. दिव्यांग होने के बावजूद निषाद कुमार ने हिम्मत नहीं हारी और कड़ी मेहनत और लगन के दम पर दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने. निषाद कुमार का अगला लक्ष्य 2 महीने बाद होने वाली एशियन गेम्स है और उसके बाद पैरा ओलंपिक खेलों में मेडल जीतना है.
'एशियन गेम्स में मेडल जीतना है लक्ष्य': इस दौरान निषाद कुमार ने कहा कि प्रतियोगिता के लिए की जा रही तैयारी में उन्हें भारत सरकार और स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा भरपूर सहयोग दिया जा रहा है. निषाद ने अपनी सफलता का श्रेय अपने कोच, सपोर्ट स्टाफ और परिजनों को दिया. बचपन में घास काटने वाली मशीन में निशांत का एक हाथ कट गया था, लेकिन उन्होंने अपनी दिव्यांगता को अपनी कामयाबी के आड़े कभी नहीं आने दिया. उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को कभी भी अपना हौसला नहीं हारना चाहिए. अगर वह भी हौसला हार कर घर बैठ गए होते तो आज देश के लिए मेडल नहीं जीत कर ला पाते. निषाद कुमार का अगला लक्ष्य 2 महीने बाद होने वाली एशियन गेम्स के साथ-साथ पैरा ओलंपिक खेलों में देश के नाम मेडल लाना है.
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