ऊना: जिला के मिड-डे मील वर्करों ने सीटू के बैनर तले शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया. मिड-डे मील वर्करों ने कहा कि प्रतिबंध के कारण ही ज्यादातर सदस्य घर पर और कार्य स्थल पर प्रदर्शन कर रहे हैं. विरोध प्रदर्शन के बाद मील वर्कर कमेटी ऊना के पदाधिकारियों ने उप निदेशक शिक्षा विभाग के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन भेजा.
सरकार की ओर से बजट में अप्रैल 2020 को 300 रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा की गई थी, लेकिन सभी जिलों में इस को लागू नहीं किया गया है. जिसमें 10 महीने की बजाय 12 महीने का वेतन देने का आदेश दिया गया था.
मिड-डे मील वर्कर की ओर से किए गए इस प्रदर्शन के जरिए मांग की गई कि उन्हें न्यूनतम वेतन 8,250 रुपये दिया जाए, उच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार 10 की बजाय 12 महीने का वेतन दिया जाए. साथ ही 25 छात्रों की शर्त हटाई जाए और वर्करों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए.
इसके अलावा 45वें श्रम सम्मेलन के मुताबिक मिड-डे मील वर्करों को नियमित सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए. मिड-डे मील वर्करों के लिए पेंशन व ग्रैच्युटी की सुविधा लागू की जाए. प्रदेश सरकार द्वारा बजट में 300 रुपये की बढ़ोतरी को एक अप्रैल 2020 से लागू हो, वर्करों को बहु कार्य कर्मचारी के तौर पर नियुक्ति दी जाए. सभी मिड-डे मील वर्करों के परिवार को प्रति व्यक्ति के हिसाब से 10 किलो राशन प्रति माह दिया जाए. कोरोना महामारी के दौरान 7,500 रुपये प्रति माह वेतन दिया जाए.
इस प्रदर्शन का नेतृत्व कामरेड गुरनाम सिंह जिला सचिव सीटू मिड डे मील वर्कर यूनियन की जिला सचिव अनुराधा ने किया. इस प्रदर्शन में शामिल वर्करों में मनजीत कौर, सविता रानी, सुदेश कुमारी, आशा देवी, मीना कुमारी,रमा देवी, सुनिता कुमारी, सीमा ,ओ पी सिद्दू, शिव कुमार द्विवेदी व राम गोपाल शामिल हुए.
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