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राजकीय सम्मान के साथ शहीद अनिल की अंतिम विदाई, सरकार ने 20 लाख और नौकरी का किया ऐलान

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Published : Jun 19, 2019, 11:18 PM IST

शहीद अनिल का उनके पैतृक गांव सरोह में राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार. प्रदेश सरकार ने शहीद के परिवार को 20 लाख रुपये और सरकारी नौकरी देने का किया ऐलान.

डिजाइन फोटो

ऊना: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से लोहा लेते हुए शाहदत पाने वाले शहीद जवान अनिल जसवाल का बुधवार देर शाम राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव सरोह में अंतिम संस्कार किया गया.
शहीद का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके पैतृक गांव पहुंचा तो सारे इलाके का माहौल गमगीन हो गया. शहीद के माता-पिता और पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल हो गया. गांव के श्मशान घाट में शहीद अनिल जसवाल का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया. वहां मौजूद हजारों नम आंखों ने शहीद को अंतिम विदाई दी. सेना के जवानों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी.

वीरेंद्र कंवर

शहीद के पिता अशोक कुमार ने सरकार से आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने को कहा है. उन्होंने कहा कि मेरा बेटा देश के लिए शहीद हुआ है और मुझे उसकी शहादत पर फक्र है. पिता अशोक कुमार ने कहा कि वो अपने पोते को बड़ा होने पर देश की सेवा के लिए फौज में भेजेंगे. शहीद अनिल की माता अनिता और बहन अपने बेटे की शहादत का बदला लेने की बात कहती रहीं.

वहीं, शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि इस दुख की इस घड़ी में प्रदेश सरकार शहीद के परिवार के साथ खड़ी है. उन्होंने प्रदेश सरकार की ओर से शहीद के परिवार को 20 लाख रुपये की सहायता राशि और सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया.

राजकीय सम्मान के साथ शहीद अनिल का हुआ अंतिम संस्कार

बता दें कि सोमवार को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ एक ऑपरेशन चलाया था. यह ऑपरेशन करीब 12 घंटे तक चला, जिसमें एक आतंकी मारा गया. इस मुठभेड़ में सेना का एक मेजर दो जवान मौके पर शहीद हो गए थे. अनिल कुमार जसवाल को भी आतंकियों की गोली लगी थी. उन्हें इलाज के लिए आर्मी अस्पताल लाया गया था, लेकिन यहां पर उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.

अनिल जेक रायफल के सिपाही थे. वो अपने पीछे पत्नी और पांच महीने के बच्चे को छोड़ गए हैं. शहीद जवान छह साल पहले ही फौज में भर्ती हुए थे. बताया जा रहा है शहीद अनिल कुमार 2 सप्ताह पहले ही छुट्टी काटकर ड्यूटी पर लौटे थे. उनकी शहादत के बाद पूरे इलाके में शोक का माहौल है. अनिल की दो साल पहले ही शादी हुई थी और उनका पांच महीने का एक बच्चा भी है.

ऊना: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से लोहा लेते हुए शाहदत पाने वाले शहीद जवान अनिल जसवाल का बुधवार देर शाम राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव सरोह में अंतिम संस्कार किया गया.
शहीद का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके पैतृक गांव पहुंचा तो सारे इलाके का माहौल गमगीन हो गया. शहीद के माता-पिता और पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल हो गया. गांव के श्मशान घाट में शहीद अनिल जसवाल का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया. वहां मौजूद हजारों नम आंखों ने शहीद को अंतिम विदाई दी. सेना के जवानों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी.

वीरेंद्र कंवर

शहीद के पिता अशोक कुमार ने सरकार से आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने को कहा है. उन्होंने कहा कि मेरा बेटा देश के लिए शहीद हुआ है और मुझे उसकी शहादत पर फक्र है. पिता अशोक कुमार ने कहा कि वो अपने पोते को बड़ा होने पर देश की सेवा के लिए फौज में भेजेंगे. शहीद अनिल की माता अनिता और बहन अपने बेटे की शहादत का बदला लेने की बात कहती रहीं.

वहीं, शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि इस दुख की इस घड़ी में प्रदेश सरकार शहीद के परिवार के साथ खड़ी है. उन्होंने प्रदेश सरकार की ओर से शहीद के परिवार को 20 लाख रुपये की सहायता राशि और सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया.

राजकीय सम्मान के साथ शहीद अनिल का हुआ अंतिम संस्कार

बता दें कि सोमवार को दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ एक ऑपरेशन चलाया था. यह ऑपरेशन करीब 12 घंटे तक चला, जिसमें एक आतंकी मारा गया. इस मुठभेड़ में सेना का एक मेजर दो जवान मौके पर शहीद हो गए थे. अनिल कुमार जसवाल को भी आतंकियों की गोली लगी थी. उन्हें इलाज के लिए आर्मी अस्पताल लाया गया था, लेकिन यहां पर उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया.

अनिल जेक रायफल के सिपाही थे. वो अपने पीछे पत्नी और पांच महीने के बच्चे को छोड़ गए हैं. शहीद जवान छह साल पहले ही फौज में भर्ती हुए थे. बताया जा रहा है शहीद अनिल कुमार 2 सप्ताह पहले ही छुट्टी काटकर ड्यूटी पर लौटे थे. उनकी शहादत के बाद पूरे इलाके में शोक का माहौल है. अनिल की दो साल पहले ही शादी हुई थी और उनका पांच महीने का एक बच्चा भी है.

Intro:स्लग-- शहीद अनिल जसवाल का पैतृक गांव सरोह में किया गया राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, हजारों नम आंखों ने दी शहीद को श्रृद्धांजलि, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, बेटे की शाहदत पर पिता अशोक को नाज, पर नहीं रुक रहे आंसू, पत्नी स्वेता और मां अनिता का रो-रो कर बेहाल,


Body:एंकर-- जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से लोहा लेते हुए शाहदत पाने वाले अनिल जसवाल का ढेर शाम राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। शहीद अनिल जसवाल अपने पीछे पांच माह के बेटे,पत्नी,माता-पिता को छोड़ गया। शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा । इस दौरान सरोह गांव पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों से गूंज उठा। वहीं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर भी शहीद को अंतिम विदाई देने पहुंचे।

वीओ-- 1 जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से लोहा लेते जिला ऊना के गांव सरोह के अनिल जसवाल शहीद हो गए थे । उनका आज उनके पैतृक गांव सरोह में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। लेकिन जैसे ही उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव सरोह में पहुंचा। गांव सरोह का माहौल गमगीन हो गया,। जहां अनिल की माता और पत्नी रो-रो कर अपनी सुध- बुध खो चुकी थी। वहीं शहीद अनिल के पिता अशोक, बेटे की शाहदत की खबर सुनकर भीतर से टूट चुके हों, लेकिन बेटा बतन के लिए कुर्बान हुआ है, बहादुरी दिखाते हुए वह शहीद होकर सदा के लिए अमर हो गया। गला तो रुंध रहा था , लेकिन फौज की सेवा और समर्पण की वो कसमें शायद आज भी पूर्व सैनिक अशोक के कानों में गूंज रही होंगी ।
बेटे की शहादत की खबर अशोक को सोमवार सुबह ही लग चुकी थी , लेकिन बेटे के शहीद होने की खबर से पत्नी और बहू को सदमा न लगे। यह सब सोचकर अशोक ने हिम्मत नही जुटाई होगी। गांव का हर व्यक्ति शहीद के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लिपटा देखकर आंसू बहा रहा था। लेकिन नम आंखों के साथ - साथ देश की सुरक्षा में शहीद हुए अनिल जसवाल की शाहदत पर गर्व भी महसूस कर रहे हैं।
जैसे ही गांव के श्मशान घाट में शहीद अनिल जसवाल का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया । वहां मौजूद हजारों नम आंखों ने शहीद को अंतिम विदाई दी । सेना व पुलिस के जवानों ने शहीद को गार्ड आफ ऑनर दिया। शहीद के चचेरे भाई सन्दीप कुमार ने मुखाग्नि दी। श्मशान घाट में सेना के जवानों ने शहीद के पिता अशोक को सम्मान स्वरूप तिरंगा भेंट किया । जिसमें शहीद का शरीर लिपटा हुआ था। शहीद अनिल जसवाल को श्रद्धांजलि देने पहुंचे सेंकडों लोगों की आंखें गम व गुस्से से भरी थी। शहीद को अंतिम विदाई में पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर, बड़सर के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राम नाथ शर्मा व प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंचे।
वहीं शहीद के पिता अशोक ने कहा कि सरकार आंतकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए। मेरा बेटा देश की सुरक्षा के शहीद हुआ है। मुझे उसकी शाहदत पर फक्र है।

बाइट-- अशोक कुमार (शहीद के पिता)
FEEDFILE--SHAHID CRIMINATION - 7


वीओ-2

वहीं शहीद अनिल की माता अनिता और वहन सपना रो रो कर खून का बदला ख़ून से लेने की बात कहती रही। सपना और अनिल अपने माता पिता की दो ही संताने थी। लेकिन मां अनिता भी बदला लेने खून का बदला लेने की बात करती रही।

बाइट-- अनिता ( शहीद की मां)

FEEDFILE--SHAHID CRIMINATION- 8

बाइट--4 सपना (शहीद की वहन)
FEEDFILE--SHAHID CRIMINATION- 9
वीओ--3

वहीं शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि इस दुख की घड़ी में सरकार शहीद के परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा शहीद के परिवार को 20 लाख रुपए की सहायता राशि और नॉकरी देने का भी एलान किया।

बाइट-- वीरेंद्र कंवर (पंचायती राज मंत्री)
FEEDFILE--SHAHID CRIMINATION- 10







Conclusion:
वीओ-- 4
वहीं शहीद के पार्थिव शरीर को लेकर पहुंचे सेना अधिकारी अभिनव शर्मा ने बताया कि अनिल जैसवाल एक जांबाज़ सैनिक था उन्होंने बताया कि अनंतनाग जिला में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में अनिल को गोलियां लग गई थी । जिसके बाद उन्हें जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन अनिल जसवाल शहीद हो गए।

बाइट-- अभिनव शर्मा (सेना अधिकारी)
FEEDFILE--SHAHID CRIMINATION- 11




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