ऊना: स्वां वुमेन फेडरेशन ऊना की कामयाबी पर जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जायका) शोध करने जा रही है. शोध के लिए उप निदेशक कृषि (एचआरडी) हमीरपुर डॉ. सुनील चौहान को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. यह शोध मुख्य तौर पर तीन बिंदुओं पर आधारित होगा.
इस शोध में पहला बिंदु स्वां वाटरशेड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत बनाए गए स्वयं सहायता समूहों की कार्य क्षमता का मूल्यांकन करना है. दूसरा बिंदु स्वां वुमेन फेडरेशन के व्यावसायिक उद्यमों के महत्वपूर्ण सफलता कारकों का मूल्यांकन करना और तीसरा बिंदु स्वां वुमेन फेडरेशन के तहत बनाए गए स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के लिए वित्तीय सेवा प्रदाता के रूप में प्रभाव का मूल्यांकन करना है.
जायका यह शोध 81 दिन की अवधि में पूरा करेगा, जिसके तहत स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के साक्षात्कार किए जाएंगे. साथ ही 6-12 सदस्यों की समूह वार्ताएं भी करवाई जाएंगी. चर्चा से निकलने वाले डाटा का मूल्यांकन कर उसे अन्य स्थानों पर स्वयं सहायता समूहों के साथ साझा किया जाएगा.
स्वां वुमेन फेडरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राज कुमार डोगरा ने कहा कि वर्तमान में संस्था के जिला ऊना की 84 ग्राम पंचायतों में 700 स्वयं सहायता समूह हैं. जायका के स्वां वाटरशेड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को स्वां वुमेन फेडरेशन आगे बढ़ा रही है. साथ ही स्थानीय उत्पादों का प्रसंस्करण और विपणन किया जा रहा है, जिनमें हल्दी, गर्म मसाला, लाल मिर्च और धनिया पाउडर शामिल हैं.
इसके अलावा इसी वर्ष मार्च माह में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर की उपस्थिति में त्रिफला पाउडर का शुभारंभ भी किया था. उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में संस्था ने 1 करोड़ रुपए से अधिक के मसाले बेचे हैं.
इस संबंध में ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, मत्स्य और पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि महिलाओं ने स्वां वुमैन फेडरेशन के सफलतापूर्वक संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. साथ ही इस बात को साबित किया है कि मौका मिलने पर महिलाएं खुद को साबित कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि स्वां वुमेन फेडरेशन के जिला में लगभग 10 हजार सदस्य हैं. इनके परिवार सीधे रूप से स्वां वुमेन फेडरेशन से जुड़कर अपनी आय कमा रहे हैं.
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