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ऊना में गरजे पूर्व सैनिक, वन रैंक वन पेंशन के पार्ट-2 को बताया धोखा

बुधवार को ऊना जिला मुख्यालय के एमसी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के साथ ही पूर्व सैनिकों ने 'वन रैंक वन पेंशन पार्ट टू, दोषी कौन' टाइटल के साथ अपने संघर्ष का बिगुल फूंक दिया. शहीद स्मारक पर एकजुट हुए सैनिकों को संबोधित करते हुए रिटायर्ड कैप्टन शक्ति चंद ने कहा कि पूर्व सैनिक हर ऑपरेशन में अफसरों के साथ रहे हैं, लेकिन जब पेंशन की बारी आई है तो अफसरों को फैक्टर 2.81 के तहत पेंशन दी जा रही है, जबकि पूर्व सैनिकों को फैक्टर 2.75 के तहत रखा गया है. उन्होंने कहा कि यह हिंदुस्तान का सबसे बड़ा अन्याय और घोटाला है जिसे पूर्व सैनिक जल्द बेनकाब करेंगे.

ex servicemen protest in Una
ऊना में पूर्व सैनिकों का धरना प्रदर्शन
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Published : Mar 1, 2023, 6:29 PM IST

रिटायर्ड कैप्टन शक्ति चंद व पूर्व सैनिक राजेंद्र प्रसाद शर्मा.

ऊना: वन रैंक वन पेंशन-2 के मुद्दे को लेकर पूर्व सैनिक संघर्ष के रास्ते पर निकल पड़े हैं. इतना ही नहीं पूर्व सैनिकों ने 11 मार्च को वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे को लेकर दिल्ली कूच करने का भी ऐलान कर दिया है. बुधवार को ऊना जिला मुख्यालय के एमसी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के साथ ही पूर्व सैनिकों ने 'वन रैंक वन पेंशन पार्ट टू, दोषी कौन' टाइटल के साथ अपने संघर्ष का बिगुल फूंक दिया.

पूर्व सैनिकों का आरोप है कि पेंशन में भारी विसंगतियां सेना के अफसरों की देन है. वहीं, सरकार भी इस मुद्दे पर केवल मात्र अफसरों का अनुसरण कर रही है, जबकि इस अनदेखी के चलते पूर्व सैनिकों के साथ भारी अन्याय हो रहा है. पूर्व सैनिकों का आरोप है कि सेना में हर ऑपरेशन के दौरान सैनिक भी अफसरों के कंधे से कंधा मिलाकर काम करते आए हैं, लेकिन जब बारी पेंशन की आती है तो अफसरों और पूर्व सैनिकों को अलग नजर से देखा जाता है और यही कारण है कि पूर्व सैनिक अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. पूर्व सैनिकों का आरोप है कि वन रैंक वन पेंशन का यह बहुत बड़ा घोटाला है. जिसको लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर तक आवाज बुलंद की जाएगी.

वन रैंक वन पेंशन मुद्दे को लेकर पूर्व सैनिकों ने एक बार फिर संघर्ष का रास्ता चुना है और बुधवार को जिला भर से पूर्व सैनिकों ने एमसी पार्क स्थित शहीद स्मारक पहुंचकर इस मामले को लेकर अपने संघर्ष का बिगुल फूंका. पूर्व सैनिकों का आरोप है कि वन रैंक वन पेंशन के पार्ट-2 में उनके साथ धोखा किया गया है और यह धोखा खुद सेना के अफसरों द्वारा किया गया है, जबकि सरकार को कई मर्तबा इस मामले में सचेत किए जाने के बावजूद सरकार केवल मात्र अफसरों की ही सुनवाई कर रही है.

शहीद स्मारक पर एकजुट हुए सैनिकों को संबोधित करते हुए रिटायर्ड कैप्टन शक्ति चंद ने कहा कि पूर्व सैनिक हर ऑपरेशन में अफसरों के साथ रहे हैं, लेकिन जब पेंशन की बारी आई है तो अफसरों को फैक्टर 2.81 के तहत पेंशन दी जा रही है, जबकि पूर्व सैनिकों को फैक्टर 2.75 के तहत रखा गया है. उन्होंने कहा कि यह हिंदुस्तान का सबसे बड़ा अन्याय और घोटाला है जिसे पूर्व सैनिक जल्द बेनकाब करेंगे. उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक सरकार के कानों तक आवाज पहुंचाना चाहते हैं कि उनके साथ ऐसा अन्याय क्यों हुआ है और इसके कारण पूर्व सैनिक दिल्ली के जंतर मंतर पहुंचकर इस मामले को लेकर आवाज उठाएंगे.

पूर्व सैनिक राजेंद्र प्रसाद शर्मा ने कहा कि सरकार को वन रैंक वन पेंशन मुद्दे पर जगाने के लिए व्यापक आंदोलन शुरू किया गया है शहीद स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद पूर्व सैनिकों ने अपने इस आंदोलन को गति देने का फैसला लिया बुधवार को आयोजित की गई इस बैठक में पूरी रणनीति तय की जा रही है. इसी के तहत आगामी दिनों में संघर्ष का स्वरूप तय किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- मंडी में October में पकड़ी गई चीनी महिला को सवा 4 महीने की जेल, Nepali Citizenship के दिखाए थे फेक डॉक्यूमेंट

रिटायर्ड कैप्टन शक्ति चंद व पूर्व सैनिक राजेंद्र प्रसाद शर्मा.

ऊना: वन रैंक वन पेंशन-2 के मुद्दे को लेकर पूर्व सैनिक संघर्ष के रास्ते पर निकल पड़े हैं. इतना ही नहीं पूर्व सैनिकों ने 11 मार्च को वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे को लेकर दिल्ली कूच करने का भी ऐलान कर दिया है. बुधवार को ऊना जिला मुख्यालय के एमसी पार्क स्थित शहीद स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के साथ ही पूर्व सैनिकों ने 'वन रैंक वन पेंशन पार्ट टू, दोषी कौन' टाइटल के साथ अपने संघर्ष का बिगुल फूंक दिया.

पूर्व सैनिकों का आरोप है कि पेंशन में भारी विसंगतियां सेना के अफसरों की देन है. वहीं, सरकार भी इस मुद्दे पर केवल मात्र अफसरों का अनुसरण कर रही है, जबकि इस अनदेखी के चलते पूर्व सैनिकों के साथ भारी अन्याय हो रहा है. पूर्व सैनिकों का आरोप है कि सेना में हर ऑपरेशन के दौरान सैनिक भी अफसरों के कंधे से कंधा मिलाकर काम करते आए हैं, लेकिन जब बारी पेंशन की आती है तो अफसरों और पूर्व सैनिकों को अलग नजर से देखा जाता है और यही कारण है कि पूर्व सैनिक अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. पूर्व सैनिकों का आरोप है कि वन रैंक वन पेंशन का यह बहुत बड़ा घोटाला है. जिसको लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर तक आवाज बुलंद की जाएगी.

वन रैंक वन पेंशन मुद्दे को लेकर पूर्व सैनिकों ने एक बार फिर संघर्ष का रास्ता चुना है और बुधवार को जिला भर से पूर्व सैनिकों ने एमसी पार्क स्थित शहीद स्मारक पहुंचकर इस मामले को लेकर अपने संघर्ष का बिगुल फूंका. पूर्व सैनिकों का आरोप है कि वन रैंक वन पेंशन के पार्ट-2 में उनके साथ धोखा किया गया है और यह धोखा खुद सेना के अफसरों द्वारा किया गया है, जबकि सरकार को कई मर्तबा इस मामले में सचेत किए जाने के बावजूद सरकार केवल मात्र अफसरों की ही सुनवाई कर रही है.

शहीद स्मारक पर एकजुट हुए सैनिकों को संबोधित करते हुए रिटायर्ड कैप्टन शक्ति चंद ने कहा कि पूर्व सैनिक हर ऑपरेशन में अफसरों के साथ रहे हैं, लेकिन जब पेंशन की बारी आई है तो अफसरों को फैक्टर 2.81 के तहत पेंशन दी जा रही है, जबकि पूर्व सैनिकों को फैक्टर 2.75 के तहत रखा गया है. उन्होंने कहा कि यह हिंदुस्तान का सबसे बड़ा अन्याय और घोटाला है जिसे पूर्व सैनिक जल्द बेनकाब करेंगे. उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक सरकार के कानों तक आवाज पहुंचाना चाहते हैं कि उनके साथ ऐसा अन्याय क्यों हुआ है और इसके कारण पूर्व सैनिक दिल्ली के जंतर मंतर पहुंचकर इस मामले को लेकर आवाज उठाएंगे.

पूर्व सैनिक राजेंद्र प्रसाद शर्मा ने कहा कि सरकार को वन रैंक वन पेंशन मुद्दे पर जगाने के लिए व्यापक आंदोलन शुरू किया गया है शहीद स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद पूर्व सैनिकों ने अपने इस आंदोलन को गति देने का फैसला लिया बुधवार को आयोजित की गई इस बैठक में पूरी रणनीति तय की जा रही है. इसी के तहत आगामी दिनों में संघर्ष का स्वरूप तय किया जाएगा.

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