ऊना: हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्र सरकार पर हिमाचल प्रदेश के विकास को रोकने के गंभीर आरोप लगाए हैं. दरअसल, शनिवार को प्रेस क्लब द्वारा आयोजित किये गए सम्मान समारोह के बाद पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश के कर्ज की सीमा को घटाया जाना एक बड़ा षड्यंत्र है. उन्होंने कहा कि इस षड्यंत्र में हिमाचल भाजपा के कुछ नेता भी शामिल है जो बार-बार दिल्ली जाकर हिमाचल प्रदेश की सरकार के विकास कार्यो को रोकने का प्रयास कर रहे हैं.
पानी राज्य का मुद्दा: उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की सरकार ने पानी पर सेस लगाकर हिमाचल प्रदेश में संसाधन जुटाने का प्रयास किया. लेकिन केंद्र सरकार ने कंपनियों को पत्र लिखकर सेस अदा नहीं करने के लिए उकसाया है. उन्होंने कहा कि केंद्र को यह जान लेना चाहिए कि बिजली यदि केंद्र का मुद्दा है तो पानी राज्य का मुद्दा है और इस मसले को लेकर केंद्र को सीधे तौर पर राज्य से बात करनी चाहिए ना कि विभागों या कंपनियों को राज्य के खिलाफ उकसाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह देश राज्य से चलता है और राज्यों के अधिकारों को रौंदकर उनका हनन करके किसी भी प्रकार से देश नहीं चलाया जा सकता.
केंद्र के पास पड़ा है 10 हजार करोड़ रूपया: उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की पेंशन का करीब 10 हजार करोड़ रूपया केंद्र के पास पड़ा है. जब केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को पेंशन ही नहीं देनी है तो फिर यह पैसा केंद्र के पास क्यों रहे. कर्मचारियों को प्रदेश की कांग्रेस सरकार पेंशन दे रही है तो यह पैसा भी प्रदेश सरकार को तुरंत प्रभाव से जारी किया जाना चाहिए. केंद्र ने वह पूरा पैसा अपने दोस्तों की मदद के लिए लगाया है. जबकि कुछ पैसा बाजारों में लगा रखा है यही कारण है कि केंद्र सरकार राज्यों का पैसा उन्हें वापस नहीं दे पा रही. उन्होंने कहा कि विदेशी फंडिंग स्कीमों में भी हिमाचल प्रदेश की सीमा को कम किया जा रहा है जबकि पड़ोसी राज्य उत्तराखंड कि विदेशी फंडिंग स्कीमों की लिमिट हिमाचल प्रदेश से 5 गुना ज्यादा है.
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