ऊना: कोरोना ने यूं तो समाज के सभी वर्गों को प्रभावित किया है, लेकिन इसका सबसे बुरा असर दिहाड़ीदारों पर हुआ है. संकट की इस घड़ी में जयराम सरकार कामगार वर्ग के लिए संकटमोचक बनकर सामने आई है.
श्रमिकों को दो-दो हजार रुपए की आर्थिक सहायता
भवन एवं अन्य कामगार कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत जिला ऊना के 7,384 श्रमिकों को दो-दो हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई, जिससे वह सम्मान के साथ अपना और अपने परिवार का गुजारा कर सकें.
राज्य सरकार ने तमाम पंजीकृत श्रमिकों को अप्रैल और मई माह में 2,000 रुपए की दो किश्तें मुहैया करवाईं. अब कामगारों को एक अतिरिक्त किश्त देने का निर्णय लिया गया है. जल्द ही जून की 2,000 रुपए की अतिरिक्त किश्त भी श्रमिकों को मिल जाएगी.
मलाहत निवासी कुलवंत कौर ने कहा कि लॉकडाउन के चलते काम न मिलने से बहुत परेशानी हो रही थी. मनरेगा कार्य बंद हो गए थे, ऐसे में सरकार ने 2-2 हजार रुपए की दो किश्तें प्रदान की हैं, जिससे काफी मदद मिली. मेरा पूरा परिवार प्रदेश सरकार का इस आर्थिक सहायता के लिए धन्यवाद करता है.
दो-दो हजार रुपए की दो किश्तें बैंक खाते में आ चुकी हैं
मनरेगा के तहत काम करने वाली कुरियाला निवासी सुनीता देवी ने बताया कि सरकार से मिली आर्थिक सहायता से मुश्किल की घड़ी में बड़ी राहत मिली है. अब तक दो-दो हजार रुपए की दो किश्तें बैंक खाते में आ चुकी हैं. अब पता चला है कि एक किश्त और मिलने वाली है. जिला प्रशासन ऊना ने लॉकडाउन के दौरान राशन भी उपलब्ध करवाया था. मदद के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार है.
पंजीकृत कामगारों को कई योजनाओं का मिला लाभ
मलाहत ग्राम पंचायत की बलजीत कौर हिमाचल प्रदेश सरकार का धन्यवाद करते हुए कहती हैं कि भवन एवं अन्य कामगार कल्याण बोर्ड में पंजीकरण के बाद प्रदेश सरकार पंजीकृत कामगारों को कई योजनाओं से लाभान्वित करती है. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार उन्हें पहले ही वॉशिंग मशीन, बिजली वाला चूल्हा प्रदान कर चुकी है. लॉकडाउन में राशन भी उपलब्ध करवाया गया है.
श्रम अधिकारी ने दी जानकारी
इस संबंध में श्रम अधिकारी ऊना प्रेम सिंह चंबियाल ने बताया कि प्रदेश सरकार भवन एवं अन्य कामगार कल्याण बोर्ड से पंजीकृत मजदूरों को अनेक योजनाओं से लाभान्वित करती है. कोरोना संकट के दौरान पंजीकृत श्रमिकों को 2-2 हजार की दो किश्तें प्रदान की गईं.
कामगारों के बच्चों की शिक्षा और बच्चों के विवाह के लिए भी देती है आर्थिक सहायता
इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार कामगारों के बच्चों की शिक्षा के लिए और बच्चों के विवाह के लिए भी आर्थिक सहायता प्रदान करती है. जो भी श्रमिक अभी तक बोर्ड से पंजीकृत नहीं है, वह जल्द से जल्द पंजीकरण कराकर सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकते हैं'.
प्रदेश के पंजीकृत 1.37 लाख कामगारों को राहत
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर के अनुसार, 'प्रदेश के पंजीकृत 1.37 लाख कामगारों को राहत प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भरसक प्रयास किए हैं'.
श्रमिकों को राहत के लिए अब तक 40 करोड़ रुपए खर्च
श्रमिकों को 2-2 हजार रुपए की किश्त प्रदान करने पर लगभग 40 करोड़ रुपए व्यय किए गए. यही नहीं अब मनरेगा के माध्यम से भी ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार प्रदान किया जा रहा है.
प्रदेश में लगभग 3.60 लाख कामगाारों को मनरेगा से रोजगार दिया गया और उनके खाते में 60 करोड़ रुपए धनराशि डाली गई. यही नहीं मनरेगा मजदूरों व श्रमिकों की दिहाड़ी 182 रूपए से बढ़ाकर 202 रूपए की गई है.
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