ऊना: कोर्ट ने रेलवे के भूमि अधिग्रहण मामले पर भूमि मालिकों को पैसा नहीं दिए जाने के कारण ऊना रेलवे स्टेशन और रेलवे कॉलोनी नीलाम किए जाने का आदेश जारी किया है. अदालत ने 12 प्रभावित परिवारों के 3 मामलों में सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया. इन मामलों में रेलवे को लाखों रुपये का मुआवजा इन प्रभावित परिवारों को देना है.
अदालत ने नीलामी के लिए रेलवे से उसकी संपत्ति की सूची मांगी थी. इसके बाद रेलवे की दी गई सूची में से रेलवे स्टेशन और रेलवे कॉलोनी को नीलामी के लिए चयन किया. अदालत ने नीलामी की प्रक्रिया के लिए ऊना तहसीलदार को इसका अधिकारी नियुक्त किया है.
नियुक्त अधिकारी 2 मामलों में 6 फरवरी को और 18 फरवरी को अदालत में रिपोर्ट करेंगे. इसके बाद फरवरी में ही नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इस नीलामी से मिलने वाली रुपयों से प्रभावितों को लाखों रुपये की बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा.
जानकारी के अनुसार ऊना के त्यूड़ी, बसाल व चुरड़ू के कुछ किसानों की भूमि का रेलवे ने लाइन बिछाने के लिए अधिग्रहण किया था. इस भूमि के उचित दाम न मिलने पर प्रभावित लोगों ने रेलवे के खिलाफ अदालत में अपील की थी. अदालत ने रेलवे को भूमि की वर्तमान दरों के आधार पर मुआवजा दिए जाने के निर्देश दिए थे.
वहीं, रेलवे की ओर से शिमला हाई कोर्ट में अपील दायर की थी, जहां हाई कोर्ट ने ऊना की निचली अदालत के फैसले को सुरक्षित रखते हुए फिर से मामले को जिला न्यायालय में भेज दिया था. अदालत ने रेलवे की इस पूरी संपत्ति को अटैच कर दिया था. इसके बाद अदालत ने अब इस भूमि की नीलामी के आदेश जारी कर दिए हैं.
अदालत ने राजस्व विभाग को इस भूमि की नीलामी की प्रक्रिया पूरी कराने के लिए सहयोग करने को कहा है. अदालत की निगरानी में इस भूमि की नीलामी होगी और उसमें प्रभावित किसानों की मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: अनुराग ठाकुर के हाथ न मिलाने की वायरल वीडियो पर नेता विपक्ष ने ली चुटकी, कही ये बात