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ऊना में रेबीज के खतरे को कम करने के लिए अभियान शुरू, दस हजार कुत्तों की होगी एंटी रेबीज वैक्सीनेशन - Una news

ऊना जिले में रेबीज के खतरे को कम करने के लिए पशुपालन विभाग द्वारा एंटी रेबीज वैक्सीनेशन का अभियान शुरू किया गया है. यह अभियान 90 दिनों तक चलेगा. जिसमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा और पालतू हर तरह के कुत्तों को एंटी रेबीज के इंजेक्शन लगाए जाएंगे.

Campaign on rabies in Una
रैबीज के खतरे को कम करने के लिए शुरू हुआ अभियान
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Published : Jun 16, 2023, 4:30 PM IST

पशुपालन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके भट्टी का बयान

ऊना: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में पशुपालन विभाग द्वारा शुक्रवार को रेबीज के खिलाफ अभियान शुरू किया गया है. दरअसल, जिला मुख्यालय से सटे रामपुर के स्ट्रे डॉग रेस्क्यू सेंटर से इस अभियान की शुरुआत की गई. करीब 90 दिन तक चलने वाले इस विशेष अभियान के तहत जिला ऊना के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 10000 कुत्तों को एंटी रेबीज वैक्सीनेशन दी जाएगी. पशुपालन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस अभियान के तहत स्ट्रे डॉग रेस्क्यू केंद्र में उपचाराधीन कुत्तों को एंटी रेबीज की वैक्सीनेशन इंजेक्ट की.

15 जून से 15 सितंबर तक चलेगा विशेष अभियान: दरअसल, गर्मी के मौसम में रेबीज के खतरे को देखते हुए पशुपालन विभाग द्वारा कुत्तों को एंटी रेबीज वैक्सीनेशन देने का विशेष अभियान शुरू किया गया है. 15 जून से 15 सितंबर तक चलने वाले 90 दिन के इस विशेष अभियान के तहत सभी कुत्तों को पशुपालन विभाग की टीमों द्वारा एंटी रेबीज के इंजेक्शन दिए जाएंगे. गौरतलब है कि गर्मी के मौसम में रेबीज का खतरा अधिक बढ़ जाता है जिसके चलते कुत्तों में यह बीमारी काफी हद तक देखी जाती है. ऐसे में रेबीज का शिकार कुत्ता यदि किसी पर हमला करता है तो उसमें भी इस बीमारी का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. इसी खतरे को रोकने के लिए कुत्तों को वैक्सीनेट करने का अभियान शुरू किया गया है.

जिले भर में 10000 कुत्तों को किया गया चिन्हित: पशुपालन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आरके भट्टी ने बताया कि जिले भर में करीब दस हजार कुत्तों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें यह वैक्सीनेशन 90 दिन के भीतर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि रेबीज एक बेहद खतरनाक बीमारी है, जिसके होने से बचने के चांस बेहद ज्यादा कम हो जाते हैं. यही कारण है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की गलियों में आवारा घूमते कुत्ते किसी को भी रेबीज जैसी खतरनाक बीमारी दे सकते हैं, इसी की रोकथाम के लिए विशेष अभियान के तहत वैक्सीनेशन की जा रही है.

ये भी पढ़ें: जानलेवा बीमारी रेबीज से रहें सावधान, लापरवाही बरतने पर कोई नहीं कर पाएगा इलाज

पशुपालन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके भट्टी का बयान

ऊना: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में पशुपालन विभाग द्वारा शुक्रवार को रेबीज के खिलाफ अभियान शुरू किया गया है. दरअसल, जिला मुख्यालय से सटे रामपुर के स्ट्रे डॉग रेस्क्यू सेंटर से इस अभियान की शुरुआत की गई. करीब 90 दिन तक चलने वाले इस विशेष अभियान के तहत जिला ऊना के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 10000 कुत्तों को एंटी रेबीज वैक्सीनेशन दी जाएगी. पशुपालन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस अभियान के तहत स्ट्रे डॉग रेस्क्यू केंद्र में उपचाराधीन कुत्तों को एंटी रेबीज की वैक्सीनेशन इंजेक्ट की.

15 जून से 15 सितंबर तक चलेगा विशेष अभियान: दरअसल, गर्मी के मौसम में रेबीज के खतरे को देखते हुए पशुपालन विभाग द्वारा कुत्तों को एंटी रेबीज वैक्सीनेशन देने का विशेष अभियान शुरू किया गया है. 15 जून से 15 सितंबर तक चलने वाले 90 दिन के इस विशेष अभियान के तहत सभी कुत्तों को पशुपालन विभाग की टीमों द्वारा एंटी रेबीज के इंजेक्शन दिए जाएंगे. गौरतलब है कि गर्मी के मौसम में रेबीज का खतरा अधिक बढ़ जाता है जिसके चलते कुत्तों में यह बीमारी काफी हद तक देखी जाती है. ऐसे में रेबीज का शिकार कुत्ता यदि किसी पर हमला करता है तो उसमें भी इस बीमारी का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. इसी खतरे को रोकने के लिए कुत्तों को वैक्सीनेट करने का अभियान शुरू किया गया है.

जिले भर में 10000 कुत्तों को किया गया चिन्हित: पशुपालन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आरके भट्टी ने बताया कि जिले भर में करीब दस हजार कुत्तों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें यह वैक्सीनेशन 90 दिन के भीतर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि रेबीज एक बेहद खतरनाक बीमारी है, जिसके होने से बचने के चांस बेहद ज्यादा कम हो जाते हैं. यही कारण है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की गलियों में आवारा घूमते कुत्ते किसी को भी रेबीज जैसी खतरनाक बीमारी दे सकते हैं, इसी की रोकथाम के लिए विशेष अभियान के तहत वैक्सीनेशन की जा रही है.

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