ऊना: मिशन 2022 को लेकर भाजपा ने कमर कस ली है. वैश्विक महामारी कोरोना के चलते पिछले लंबे अरसे से भाजपा ऊना मंडल की वर्चुअल बैठकें ही हो पाई हैं, लेकिन अब पाबंदियों में छूट मिलने के बाद भाजपा ऊना मंडल की बैठक आयोजित की गई. जिसमें वित्तायोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती विशेष रूप से मौजूद रहे.
बैठक के दौरान सतपाल सत्ती (Satpal Satti) ने ऊना मंडल के सभी मोर्चों प्रकोष्टो के पदाधिकारियों को मिशन रिपीट 2022 को लेकर जरूरी टिप्स दिए. सत्ती ने पदाधिकारियों को केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के भी निर्देश दिए. सत्ती ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेस नेता और नीति विहीन पार्टी बनकर रह गई है और कांग्रेस के सभी नेता सीएम या अध्यक्ष बनने के सपने देख रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी की बैठक के बाद अब प्रदेश में मंडल स्तर बैठकों का दौर शुरू हो गया है. 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में मिशन रिपीट का नारा लेकर आगे बढ़ रही भाजपा इन बैठकों के जरिये भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने पर बल दे रही है.
इसी कड़ी के तहत आज ऊना मंडल भाजपा की बैठक जिला परिषद सभागार में आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता ऊना मंडलाध्यक्ष हरपाल गोगी ने की, जबकि वित्तायोग के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर लाल और ऊना मंडल के प्रभारी विनोद ठाकुर बैठक में विशेष रूप से उपस्थित रहे.
बैठक के दौरान भाजपा पदाधिकारियों को केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की जयराम सरकार के कार्यकाल के दौरान ऊना विधानसभा क्षेत्र (Una Assembly Constituency) में हुए कार्यों की जानकारी दी गई और ऊना में चल रहे विकास कार्यों से जनता को भी अवगत करवाने के निर्देश दिए गए.
वहीं, बैठक में पार्टी के आगामी कार्यक्रमों की चर्चा के साथ पार्टी द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न अभियानों की समीक्षा भी की गई. इस दौरान सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि 2017 में भाजपा की सरकार सत्तासीन होते ही मिशन 2022 के लिए भी तैयारी शुरू कर दी गई थी.
सत्ती ने कहा कि संगठन और सरकार साथ मिलकर प्रदेश के विकास के लिए काम कर रहे है और इसी का नतीजा 2022 में देखने को मिलेगा जब भाजपा सत्ता में दोबारा आकर इतिहास रचेगी.
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेस में चल रही उठापटक को लेकर सत्ती ने कहा कि वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेस नेता और नीतिविहीन पार्टी बन गई है, क्योंकि कांग्रेस कैडर आधार नहीं बल्कि नेता आधारित पार्टी रही है. सत्ती ने कहा कि कांग्रेस का हर नेता अपने आप को कांग्रेस का अध्यक्ष या मुख्यमंत्री बोल रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की क्या स्थिति होगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा.
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