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महिला कर्मी से छेड़छाड़-किडनैपिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत, आरोपी पूर्व निदेशक पुलिस जांच में शामिल - SIRMAUR MOLESTATION CASE

सिरमौर जिले में महिला से छेड़छाड़-किडनैपिंग मामले में SC से अग्रिम जमानत मिलने के बाद आरोपी पुलिस जांच में शामिल हो गया है.

SIRMAUR MOLESTATION CASE
सुप्रीम कोर्ट (File Photo)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 6, 2025, 7:13 AM IST

सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के नामी शिक्षण संस्थान के निदेशक पर अपने ही संस्थान की एक महिला कर्मी से छेड़छाड़ और किडनैनिंग के आरोप हैं. मामले में सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने के बाद आरोपी बुधवार शाम को पुलिस जांच में शामिल हो गया है. नाहन महिला पुलिस थाना में पूर्व निदेशक के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई तक दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई है. जिसके बाद ही आरोपी जांच में शामिल हुआ है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 7 मार्च 2025 को होगी.

हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ एसएलपी

एएसपी सिरमौर योगेश रोल्टा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही आरोपी ने जांच में सहयोग करने का फैसला लिया. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को 7 मार्च 2025 तक जवाब दाखिल करने के आदेश भी दिए हैं. मामला हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) से संबंधित है. आरोपी ने हाईकोर्ट के 24 जनवरी 2025 के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

वहीं, एएसपी सिरमौर योगेश रोल्टा ने बताया, "सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने के बाद आरोपी पुलिस जांच में शामिल हो गया है. पुलिस इस मामले में पहले से ही गहनता से जांच कर रही थी, लेकिन अब आरोपी से सीधे पूछताछ के बाद मामले में आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी."

15 जनवरी को दर्ज हुई एफआईआर

बता दें कि गत 15 जनवरी को महिला पुलिस थाने में नाहन शहर के एक नामी शिक्षण संस्थान में कार्यरत महिला कर्मचारी की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया था. पीड़ित महिला कर्मी के साथ यह घटना 14 जनवरी को सामने आई थी. शिकायत के मुताबिक संस्थान में निदेशक के पद पर तैनात आरोपी उक्त महिला कर्मी को संस्थान की नाहन शाखा से ऑफिस के काम के बहाने गाड़ी में बिठाकर जरजा न ले जाकर सीधा उसे शिमला रोड पर किसी सुनसान जगह ले गया था. जहां वह पीड़िता के साथ अश्लील हरकतें करने लगा. बार-बार शराब पीने के लिए भी उकसाया गया. इस पर घबराई पीड़िता ने अपनी लाइव लोकेशन और मैसेज आदि अपने दोस्त को भेजे और अपनी मां के फोन का बहाना बनाकर अपने घर आ गई थी. इसके बाद उसने पूरी बात अपने घरवालों को बताई, जिसके बाद ये मामला पुलिस के पास पहुंचा.

SIRMAUR MOLESTATION CASE
सिरमौर बार एसोसिएशन का फैसला (SIRMAUR BAR ASSOCIATION)

वकीलों का आरोपी का केस लड़ने से इनकार

सिरमौर बार एसोसिएशन नाहन आरोपी का केस लड़ने से पहले ही इंकार कर चुकी है. वहीं, संस्थान प्रबंधन की तरफ से भी आरोपी को निदेशक पद से निलंबित किया जा चुका है. महिला थाना में केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपी को जांच में शामिल होने का नोटिस जारी किया था, लेकिन वह जांच में शामिल नहीं हुआ. इसी बीच पुलिस द्वारा लुक आउट सर्कुलर भी जारी कर दिया गया था.

ये भी पढ़ें: सिरमौर के नामी शिक्षण संस्थान के मालिक पर महिला कर्मी ने लगाए गंभीर आरोप, केस दर्ज

ये भी पढ़ें: महिला कर्मी से छेड़छाड़ मामले में शिक्षण संस्थान के निदेशक की बढ़ी मुश्किलें, वकीलों ने आरोपी का केस लड़ने से किया इनकार

सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के नामी शिक्षण संस्थान के निदेशक पर अपने ही संस्थान की एक महिला कर्मी से छेड़छाड़ और किडनैनिंग के आरोप हैं. मामले में सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने के बाद आरोपी बुधवार शाम को पुलिस जांच में शामिल हो गया है. नाहन महिला पुलिस थाना में पूर्व निदेशक के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई तक दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई है. जिसके बाद ही आरोपी जांच में शामिल हुआ है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 7 मार्च 2025 को होगी.

हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ एसएलपी

एएसपी सिरमौर योगेश रोल्टा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही आरोपी ने जांच में सहयोग करने का फैसला लिया. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को 7 मार्च 2025 तक जवाब दाखिल करने के आदेश भी दिए हैं. मामला हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) से संबंधित है. आरोपी ने हाईकोर्ट के 24 जनवरी 2025 के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

वहीं, एएसपी सिरमौर योगेश रोल्टा ने बताया, "सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने के बाद आरोपी पुलिस जांच में शामिल हो गया है. पुलिस इस मामले में पहले से ही गहनता से जांच कर रही थी, लेकिन अब आरोपी से सीधे पूछताछ के बाद मामले में आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी."

15 जनवरी को दर्ज हुई एफआईआर

बता दें कि गत 15 जनवरी को महिला पुलिस थाने में नाहन शहर के एक नामी शिक्षण संस्थान में कार्यरत महिला कर्मचारी की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया था. पीड़ित महिला कर्मी के साथ यह घटना 14 जनवरी को सामने आई थी. शिकायत के मुताबिक संस्थान में निदेशक के पद पर तैनात आरोपी उक्त महिला कर्मी को संस्थान की नाहन शाखा से ऑफिस के काम के बहाने गाड़ी में बिठाकर जरजा न ले जाकर सीधा उसे शिमला रोड पर किसी सुनसान जगह ले गया था. जहां वह पीड़िता के साथ अश्लील हरकतें करने लगा. बार-बार शराब पीने के लिए भी उकसाया गया. इस पर घबराई पीड़िता ने अपनी लाइव लोकेशन और मैसेज आदि अपने दोस्त को भेजे और अपनी मां के फोन का बहाना बनाकर अपने घर आ गई थी. इसके बाद उसने पूरी बात अपने घरवालों को बताई, जिसके बाद ये मामला पुलिस के पास पहुंचा.

SIRMAUR MOLESTATION CASE
सिरमौर बार एसोसिएशन का फैसला (SIRMAUR BAR ASSOCIATION)

वकीलों का आरोपी का केस लड़ने से इनकार

सिरमौर बार एसोसिएशन नाहन आरोपी का केस लड़ने से पहले ही इंकार कर चुकी है. वहीं, संस्थान प्रबंधन की तरफ से भी आरोपी को निदेशक पद से निलंबित किया जा चुका है. महिला थाना में केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपी को जांच में शामिल होने का नोटिस जारी किया था, लेकिन वह जांच में शामिल नहीं हुआ. इसी बीच पुलिस द्वारा लुक आउट सर्कुलर भी जारी कर दिया गया था.

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