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ऊना: बाबा वडभाग सिंह होला मोहल्ला मेले का आगाज, कोविड रिपोर्ट के साथ ही मिल रहा प्रवेश - बाबा बडभाग सिंह

कोरोना की प्रबल लहर के बीच आज जिला ऊना के मैड़ी में धार्मिक स्थल बाबा वडभाग सिंह में विश्वविख्यात होला मोहल्ला मेले का आगाज हो गया. कुछ दिन पूर्व सरकार ने इस मेले को रद्द करने का निर्णय लिया था, लेकिन उसके महज दो ही दिन के बाद एसओपी जारी करते हुए सरकार ने इस मेले के आयोजन को एक बार फिर हरी झंडी दे दी थी.

baba bhadbhag singh
विश्व विख्यात बाबा बडभाग सिंह होला मोहल्ला मेले का आगाज
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Published : Mar 21, 2021, 9:27 PM IST

ऊना: कोरोना की प्रबल लहर के बीच आज जिला ऊना के मैड़ी में धार्मिक स्थल बाबा वडभाग सिंह में विश्वविख्यात होला मोहल्ला मेले का आगाज हो गया. कुछ दिन पूर्व सरकार ने इस मेले को रद्द करने का निर्णय लिया था, लेकिन उसके महज दो ही दिन के बाद एसओपी जारी करते हुए सरकार ने इस मेले के आयोजन को एक बार फिर हरी झंडी दे दी थी.

मेले के दौरान श्रद्धालुओं के लिए कई सारी व्यवस्थाएं की गई हैं, जिनमें कोविड-19 के तहत जारी गाइडलाइंस के पालन को लेकर काफी जोर दिया जा रहा है. इसका असर मेले के पहले ही दिन रविवार को साफ तौर पर देखने को मिला जब मेला क्षेत्र में इक्का-दुक्का श्रद्धालु ही दिखाई दिए.

वीडियो.

विशेष परिस्थितियों में आयोजित किए जा रहे इस मेले के दौरान ना तो श्रद्धालुओं को यहां रुकने की अनुमति है और ना ही हर साल यहां सजने वाली अस्थाई दुकानों को इस बार स्थापित किया गया है.

10 दिन तक लाखों श्रद्धालु मेला क्षेत्र में डेरा डाले रहते हैं

गौरतलब है कि इस मेले के दौरान करीब 10 दिन तक लाखों श्रद्धालु मेला क्षेत्र में डेरा डाले रहते हैं. कुछ श्रद्धालु जहां स्थानीय भवनों को किराए पर लेकर रहते हैं तो कुछ लोग मेला क्षेत्र के खेतों में टेंट लगाकर पूरे 10 दिन बिता देते थे, लेकिन इस बार मेले में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट के अनिवार्य किए जाने के बाद मेले के पहले दिन मेला क्षेत्र पूरी तरह से खाली ही रहा.

दस दिनों तक मनाए जाने वाला यह मेला देश ही नहीं विदेश में भी खासा प्रसिद्ध है. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल और देश के अन्यों हिस्सों से लाखों की तादाद में श्रद्धालु इस मेले में शरीक होने के लिए आते है. डेरा बाबा बडभाग सिंह जी बैरी साहिब के सेवादार तरसेम सिंह ने वताया कि इस स्थान पर बाबा बडभाग सिंह ने तप किया था और श्रद्धालु इस स्थान पर नतमस्तक होकर मानसिक और शारीरिक बिमारियों से मुक्ति पाते है.

वहीं, बाबा वडभाग सिंह जी मैडी में तप के दौरान चरणगंगा में ही स्नान करते थे. मान्यता है कि बाणगंगा में स्नान करने से मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है. वहीं, निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है और कई बीमारियां भी ठीक हो जाती है. चरणगंगा के महंत शादीलाल गोस्वामी ने कहा कि मेले एकता और भाईचारे के प्रतीक होते है. उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही ऐतिहासिक स्थान है और जहाँ स्नान करने से श्रद्धालुओं के सभी दुःख दूर होते है.

13 सेक्टरों में बांटा गया है मेला क्षेत्र

वहीं, मेला अधिकारी एडीसी ऊना डॉ. अमित शर्मा ने बताया कि मेला क्षेत्र को 13 सेक्टरों में बांटा गया है. उन्होंने बताया कि कोविड के प्रकोप के कारण मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. इन दिशा निर्देशों की पालना करवाने के लिए पुख्ता प्रबंध किये गए है.

उन्होंने बताया कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट लाने के निर्देश दिए गए है, जिसके लिए सीमाओं पर और मेला क्षेत्र में जांच की रही है. वहीं, डेरा बाबा बडभाग सिंह बैरी साहिब के प्रभारी नरेश कुमार ने बताया कि बैरी साहिब में प्रशासन के आदेशों की पालना की जा रही है. श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग के साथ-साथ सेनिटाइजर और मास्क लगाए श्रद्धालुओं को ही प्रवेश दिया जा रहा है.

मेले में पहुंच श्रद्धालुओं की माने तो डेरा बाबा बडभाग सिंह में माथा टेकने और चरणगंगा में स्नान करने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. श्रद्धालुओं की माने तो उन्होंने जहां नतमस्तक होकर अपने परिवार की सुख समृद्धि के लिए मन्नत मांगी है. वहीं, जल्द से कोरोना महामारी खत्म हो इसके लिए भी प्रार्थना की है.

ये भी पढ़ें- सेहत के सवाल पर सदन में जोरदार बहस, CM बोले- मेरे निर्वाचन क्षेत्र में भी खाली हैं डॉक्टर्स के पद

ऊना: कोरोना की प्रबल लहर के बीच आज जिला ऊना के मैड़ी में धार्मिक स्थल बाबा वडभाग सिंह में विश्वविख्यात होला मोहल्ला मेले का आगाज हो गया. कुछ दिन पूर्व सरकार ने इस मेले को रद्द करने का निर्णय लिया था, लेकिन उसके महज दो ही दिन के बाद एसओपी जारी करते हुए सरकार ने इस मेले के आयोजन को एक बार फिर हरी झंडी दे दी थी.

मेले के दौरान श्रद्धालुओं के लिए कई सारी व्यवस्थाएं की गई हैं, जिनमें कोविड-19 के तहत जारी गाइडलाइंस के पालन को लेकर काफी जोर दिया जा रहा है. इसका असर मेले के पहले ही दिन रविवार को साफ तौर पर देखने को मिला जब मेला क्षेत्र में इक्का-दुक्का श्रद्धालु ही दिखाई दिए.

वीडियो.

विशेष परिस्थितियों में आयोजित किए जा रहे इस मेले के दौरान ना तो श्रद्धालुओं को यहां रुकने की अनुमति है और ना ही हर साल यहां सजने वाली अस्थाई दुकानों को इस बार स्थापित किया गया है.

10 दिन तक लाखों श्रद्धालु मेला क्षेत्र में डेरा डाले रहते हैं

गौरतलब है कि इस मेले के दौरान करीब 10 दिन तक लाखों श्रद्धालु मेला क्षेत्र में डेरा डाले रहते हैं. कुछ श्रद्धालु जहां स्थानीय भवनों को किराए पर लेकर रहते हैं तो कुछ लोग मेला क्षेत्र के खेतों में टेंट लगाकर पूरे 10 दिन बिता देते थे, लेकिन इस बार मेले में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट के अनिवार्य किए जाने के बाद मेले के पहले दिन मेला क्षेत्र पूरी तरह से खाली ही रहा.

दस दिनों तक मनाए जाने वाला यह मेला देश ही नहीं विदेश में भी खासा प्रसिद्ध है. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल और देश के अन्यों हिस्सों से लाखों की तादाद में श्रद्धालु इस मेले में शरीक होने के लिए आते है. डेरा बाबा बडभाग सिंह जी बैरी साहिब के सेवादार तरसेम सिंह ने वताया कि इस स्थान पर बाबा बडभाग सिंह ने तप किया था और श्रद्धालु इस स्थान पर नतमस्तक होकर मानसिक और शारीरिक बिमारियों से मुक्ति पाते है.

वहीं, बाबा वडभाग सिंह जी मैडी में तप के दौरान चरणगंगा में ही स्नान करते थे. मान्यता है कि बाणगंगा में स्नान करने से मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है. वहीं, निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है और कई बीमारियां भी ठीक हो जाती है. चरणगंगा के महंत शादीलाल गोस्वामी ने कहा कि मेले एकता और भाईचारे के प्रतीक होते है. उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही ऐतिहासिक स्थान है और जहाँ स्नान करने से श्रद्धालुओं के सभी दुःख दूर होते है.

13 सेक्टरों में बांटा गया है मेला क्षेत्र

वहीं, मेला अधिकारी एडीसी ऊना डॉ. अमित शर्मा ने बताया कि मेला क्षेत्र को 13 सेक्टरों में बांटा गया है. उन्होंने बताया कि कोविड के प्रकोप के कारण मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. इन दिशा निर्देशों की पालना करवाने के लिए पुख्ता प्रबंध किये गए है.

उन्होंने बताया कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट लाने के निर्देश दिए गए है, जिसके लिए सीमाओं पर और मेला क्षेत्र में जांच की रही है. वहीं, डेरा बाबा बडभाग सिंह बैरी साहिब के प्रभारी नरेश कुमार ने बताया कि बैरी साहिब में प्रशासन के आदेशों की पालना की जा रही है. श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग के साथ-साथ सेनिटाइजर और मास्क लगाए श्रद्धालुओं को ही प्रवेश दिया जा रहा है.

मेले में पहुंच श्रद्धालुओं की माने तो डेरा बाबा बडभाग सिंह में माथा टेकने और चरणगंगा में स्नान करने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. श्रद्धालुओं की माने तो उन्होंने जहां नतमस्तक होकर अपने परिवार की सुख समृद्धि के लिए मन्नत मांगी है. वहीं, जल्द से कोरोना महामारी खत्म हो इसके लिए भी प्रार्थना की है.

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