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अजौली पंचायत ने 'स्वच्छ भारत अभियान' में पेश की मिसाल, पंचायत ने हर घर में लगाए दो-दो डस्टबिन - स्वच्छता अभियान

ऊना जिला की अजौली पंचायत ने स्वच्छता अभियान को लेकर मिसाल पेश की है.पंचायत की तरफ से एकत्रित किए गए कचरे को जैविक खाद बनाने के लिए कचरा प्रबंधन यूनिट की भी स्थापना की गई है.

स्वच्छ भारत अभियान
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Published : Sep 21, 2019, 2:34 PM IST

Updated : Sep 21, 2019, 3:07 PM IST

ऊना: जिला की ग्राम पंचायत अजौली ने स्वच्छता अभियान को लेकर मिसाल पेश की है.पंचायत द्वारा गांव में कूड़े कचरे के प्रबंधन के लिए हर घर में गीले और सूखे कूड़े के लिए अलग-अलग डस्टबिन लगाए जा रहे हैं.

स्वच्छ भारत अभियान

पंचायत की तरफ से एकत्रित किए गए कचरे को जैविक खाद बनाने के लिए कचरा प्रबंधन यूनिट की भी स्थापना की गई है. बता दें कि ग्राम पंचायत अजौली स्वच्छता अभियान में अच्छा प्रदर्शन कर निर्मल ग्राम पुरस्कार सहित 15 लाख के नकद पुरस्कार भी जीत चुकी है.

गौरतलब है कि कुछ वर्ष पहले इस पंचायत में जगह-जगह कूड़े कचरे के ढ़ेर दिखाई देते थे, लेकिन पंचायत के प्रतिनिधियों की सूझ-बूझ से ऐसा बदलाव आया कि इस पंचायत को स्वच्छता के लिए कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है. वहीं, ऊना सदर के विधायक सतपाल रायजादा भी स्वच्छता को लेकर ग्राम पंचायत अजौली की इस कारगुजारी के खासे मुरीद है.

ग्राम पंचायत अजौली की प्रधान परवीन कुमारी ने बताया कि इससे पहले गांव में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे होते थे. जिसे लेकर पंचायत द्वारा गांव को स्वच्छ रखने के लिए जरूरी कदम उठाये गए हैं.

ऊना: जिला की ग्राम पंचायत अजौली ने स्वच्छता अभियान को लेकर मिसाल पेश की है.पंचायत द्वारा गांव में कूड़े कचरे के प्रबंधन के लिए हर घर में गीले और सूखे कूड़े के लिए अलग-अलग डस्टबिन लगाए जा रहे हैं.

स्वच्छ भारत अभियान

पंचायत की तरफ से एकत्रित किए गए कचरे को जैविक खाद बनाने के लिए कचरा प्रबंधन यूनिट की भी स्थापना की गई है. बता दें कि ग्राम पंचायत अजौली स्वच्छता अभियान में अच्छा प्रदर्शन कर निर्मल ग्राम पुरस्कार सहित 15 लाख के नकद पुरस्कार भी जीत चुकी है.

गौरतलब है कि कुछ वर्ष पहले इस पंचायत में जगह-जगह कूड़े कचरे के ढ़ेर दिखाई देते थे, लेकिन पंचायत के प्रतिनिधियों की सूझ-बूझ से ऐसा बदलाव आया कि इस पंचायत को स्वच्छता के लिए कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है. वहीं, ऊना सदर के विधायक सतपाल रायजादा भी स्वच्छता को लेकर ग्राम पंचायत अजौली की इस कारगुजारी के खासे मुरीद है.

ग्राम पंचायत अजौली की प्रधान परवीन कुमारी ने बताया कि इससे पहले गांव में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे होते थे. जिसे लेकर पंचायत द्वारा गांव को स्वच्छ रखने के लिए जरूरी कदम उठाये गए हैं.

Intro:स्लग --अजौली पंचायत ने स्वच्छ भारत अभियान में पेश की मिसाल , पंचायत ने हर घर में लगाए दो-दो डस्टबिन, पंचायत द्वारा इकट्ठे कूड़े कचरे से बनाई जा रही खाद, निर्मल ग्राम सहित कई पुरस्कार जीत चुकी है अजौली पंचायत। Body:एंकर -- ऊना जिला की ग्राम पंचायत अजौली ने स्वच्छता अभियान को लेकर मिसाल पेश की है। पंचायत द्वारा गांव में कूड़े कचरे के प्रबंधन के लिए हर घर में गीले और सूखे कूड़े के लिए अलग-अलग डस्टबिन लगाए जा रहे है। पंचायत द्वारा इस कूड़े कचरे को एकत्रित कर जैविक खाद बनाने के लिए कचरा प्रबंधन यूनिट भी स्थापित किया गया है। ग्राम पंचायत अजौली स्वच्छता अभियान में अच्छा प्रदर्शन कर निर्मल ग्राम पुरस्कार सहित 15 लाख के नकद पुरस्कार भी जीत चुकी है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत इस गांव में चल रहे कार्यों को लेकर ग्रामीणों ने खुशी जताई है। गांव में चारों तरफ स्वच्छता होगी तो बीमारियां फैलने का खतरा भी नहीं होगा।

वी ओ-1 ऊना उपमंडल की पंचायत अजौली ने स्वच्छता को लेकर मिसाल पेश की है। कुछ वर्ष पहले तक इस पंचायत में भी जगह-जगह कूड़े कचरे के ढ़ेर दिखाई पड़ते थे। लेकिन उसके बाद इस पंचायत के प्रतिनिधियों की
सूझ बूझ से ऐसा बदलाव आया की आज यह पंचायत स्वच्छता अभियान में 15 लाख रुपये के नकद इनामों के साथ-साथ कई पुरस्कार जीत चुकी है। ग्राम पंचायत अजौली को बर्ष 2013 में निर्मल ग्राम पुरस्कार से सम्मानित किया जा चूका है वहीँ 2015-16 में यह पंचायत महर्षि बाल्मीकि सम्पूर्ण स्वच्छता पुरस्कार भी अपने नाम कर चुकी है। कई पुरस्कारों पर कब्जा करने के बाद भी ग्राम पंचायत अजौली स्वच्छता की दिशा में बेहतर कदम उठा रही है। बर्ष 2015 से ग्राम पंचायत अजौली द्वारा हर घर से कचरा उठाकर कचरा प्रबंधन यूनिट तक पहुँचाने का कार्य शुरू किया गया था इस कचरे से पंचायत द्वारा केंचुआ खाद बनाई जाती थी। लेकिन इस साल पंचायत ने अपने गांव को स्वच्छ बनाने की दिशा में एक कदम और बढ़ाते हुए हर घर में सूखे और गीले कूड़े के लिए अलग-अलग डस्टबिन पहुंचाए है। पंचायत द्वारा अजौली के वाशिंदों के घरों में करीब तीन हजार डस्टबिन रखे है। पंचायत द्वारा अस्थाई तौर पर रखे गए सफाई कर्मचारी लोगो के घरों से रेहड़ी में गीले और सूखे कचरे को अलग अलग करके कचरा प्रबंधन यूनिट तक पहुंचा रहे है। पंचायत द्वारा अब ग्राम पंचायत कार्यलय के नजदीक ही आधुनिक कचरा प्रबंधन यूनिट तैयार किया है जोकि हिमाचल का दूसरा ऐसा यूनिट है जिसमें आटोमेटिक कंपोजटर, बायोमेडिकल इनसारेटर प्लास्टिक शरैडव लगाए गए है। इससे पहले इस तरह का यूनिट जिला कांगड़ा की एक पंचायत में स्थापित किया गया है। ऑटोमेटिक कंपोजटर के जरिये रसोई के कूड़े से जैविक खाद बनाई जा रही है वहीँ बायोमेडिकल इन्सइटर के जरिये सेनेटरी और नैपी पेड को नष्ट किया जाता है। वहीँ प्लास्टिक शरैडव से प्लास्टिक के सामान को कटिंग करके प्लास्टिक दाना बनाकर प्लास्टिक उद्योगों में भेजा जा रहा है।

बाइट -- परवीन कुमारी (प्रधान, ग्राम पंचायत अजौली)
SAVCHTA PAHAL 5

ग्राम पंचायत अजौली की प्रधान परवीन कुमारी ने बताया कि इससे पहले गांव में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे होते थे । जिसे लेकर पंचायत द्वारा गांव को साफ़-स्वच्छ रखने के लिए जो भी जरूरी कदम थे वो उठाये गए है। पंचायत प्रधान की माने तो पंचायत के इस कार्य में सरकार, विभाग और स्थानीय विधायक का भी पूरा सहयोग उन्हें मिल रहा है।


बाइट -- सतपाल रायजादा (विधायक, ऊना सदर)
SAVCHTA PAHAL 6
वहीं ऊना सदर के विधायक सतपाल रायजादा भी स्वच्छता को लेकर ग्राम पंचायत अजौली की इस कारगुजारी के खासे मुरीद है। विधायक की माने तो सभी पंचायतों को अजौली पंचायत से प्रेरणा पाकर स्वच्छता में अपना अहम योगदान देना चाहिए। विधायक ने कहा कि इस कार्य के लिए पंचायत जो भी उनसे सहयोग मांगेगी उसकी हर संभव सहायता प्रदान की जायेगी।

बाइट -- ग्रामीण
SAVCHTA PAHAL 7

बाइट -- ग्रामीण
SAVCHTA PAHAL 8

वहीँ गांव में स्वच्छता को लेकर पंचायत द्वारा किये जा रहे कार्यों से स्थानीय वाशिंदे भी खासे उत्साहित है। ग्रामीणों की माने तो पहले गली चौराहों पर ऐसे ही कूड़ा कचरा बिखरा रहता था लेकिन पंचायत द्वारा स्वच्छता को लेकर किया गया कार्य सराहनीय है। ग्रामीणों की माने तो अगर गांव में स्वच्छता रहेगी तो बीमारियां फैलने का खतरा भी नहीं होगा।
Conclusion:
Last Updated : Sep 21, 2019, 3:07 PM IST
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