ऊना: जिला ऊना में कोरोना वायरस के एक्टिव केस फाइंडिंग को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा मास्टर प्लान तैयार करके उसे लागू कर दिया गया है. मास्टर प्लान के तहत जिला के सभी पांचों उपमंडल में बल्क सैंपलिंग करने का फैसला लिया गया. जिसमें हर पंचायत में रहने वाले लोगों के प्रति राशन कार्ड एक व्यक्ति का सैंपल जांच के लिए जुटाने का अभियान छेड़ा गया है. इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की टीमें कैंपिंग के द्वारा लोगों की टेस्टिंग कर रही हैं.
परिवार के एक व्यक्ति का सैंपल करवाना अनिवार्य
ग्रामीण क्षेत्रों में सैंपल रैपिड एंटीजन के तहत जांचे जा रहे हैं. कुछ एक सैंपल आरटीपीसीआर जांच के लिए भी भेजे जा रहे हैं. जिला प्रशासन द्वारा किए गए प्रावधान के तहत प्रति परिवार एक व्यक्ति को अपना सैंपल करवाना अनिवार्य होगा. वहीं, इस अभियान के तहत सहयोग न करने वाले लोगों के खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत केस दर्ज करने का भी प्रावधान किया गया है. मंगलवार को इसी के तहत जिला मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत लालसिंगी में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पहुंचकर करीब 150 लोगों के सैंपल जुटाए है.
प्रतिदिन 1500 के करीब सैंपल जुटाने का लक्ष्य
कोरोना वायरस की दूसरी लहर हालांकि यहां पर धीमी पड़ती हुई दिखाई दे रही है, लेकिन इसके बावजूद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहते. लिहाजा जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त रुप से तैयार किए गए मास्टर प्लान के तहत सभी 5 उपमंडलों में प्रतिदिन 1500 के करीब सैंपल जुटाने का लक्ष्य रखा गया है. जिसके तहत प्रतिदिन जिला की 5 ग्राम पंचायतों में बल्क सैंपलिंग के लिए कैंप लगाए जा रहे हैं.
डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत केस दर्ज करने का प्रावधान
दूसरी ओर ग्रामीणों में भी सैंपलिंग को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. एक तरफ जहां सहयोग न करने वालों के खिलाफ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत केस दर्ज करने का प्रावधान किया गया है. वहीं, प्रति परिवार एक व्यक्ति की शर्त से ऊपर उठकर भी कई लोग स्वेच्छा से अपने सैंपल जांच के लिए दे रहे हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों में की जा रही टेंस्टिंग
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ऊना डॉ. रमन शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप लगाकर कोरोना वायरस की जांच के लिए सैंपल जुटाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि ज्यादातर सैंपल्स रैपिड एंटीजन किट में जांचे जा रहे हैं, जबकि कुछ एक सैंपल आरटीपीसीआर जांच के लिए भी भेजे जा रहे हैं.
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