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पश्चिम बंगाल दुल्हन लेने गए 17 बाराती किए गए संस्थागत क्वारंटाइन, 16 मई को पहुंचे थे ऊना

71 दिन बाद कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र से पश्चिम बंगाल दुल्हन लाने गए बाराती अपने गांव वापस पहुंच गए हैं. सभी की दूसरी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उन्हें संस्थागत क्वारंटाइन किया गया है. 17 बारातियों को बीएमओ बंगाणा डॉ. एनके आंगरा ने डिस्चार्ज स्लिप देकर रवाना किया और जाने से पहले सभी को आवश्यक हिदायतें भी दी. 14 मई को सभी बाराती बस में सवार होकर पश्चिम बंगाल से चले और 16 मई को वापस ऊना पहुंचे.

Virender Kanwar
पश्चिम बंगाल दुल्हन लाने गए 17 बाराती हुए संस्थागत क्वारंटाइन.
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Published : May 31, 2020, 5:43 PM IST

ऊना: 71 दिन बाद कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र से पश्चिम बंगाल दुल्हन लाने गए बाराती अपने गांव वापस पहुंच गए. सभी की दूसरी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद संस्थागत क्वारंटाइन किए गए. 17 बारातियों को बीएमओ बंगाणा डॉ. एनके आंगरा ने डिस्चार्ज स्लिप देकर रवाना किया और जाने से पहले सभी को आवश्यक हिदायतें भी दी. इस दौरान नायब तहसीलदार बीहड़ू धर्मपाल नेगी भी उपस्थित रहे. पिछले तेरह दिन से सभी बाराती संस्थागत क्वारंटीन में थे, जिनमें 7 पुरूष, 6 महिलाएं व 4 बच्चे शामिल थे.

दूल्हे सुनील ने कहा "शादी के बाद सभी लोग लॉकडाउन के चलते कोलकाता में ही फंस गए. रेल व हवाई सेवा बंद हो गई और सभी के सामने भोजन की समस्या खड़ी हो गई. इसके बाद उन्होंने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर से संपर्क साधा और उन्होंने मदद करते हुए कोलकाता में ही राशन व अन्य चीजें उपलब्ध करवाई. कोलकाता से ऊना का सफर तय करने के लिए सभी लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ा. सोलन जिला से एक बस कोलकाता के लिए गई थी और प्रशासन ने बारातियों से संपर्क साध कर 56 दिन बाद उन्हें इस बस के माध्यम से वापस ऊना पहुंचाया. 14 मई को सभी बाराती बस में सवार होकर पश्चिम बंगाल से चले और 16 मई को वापस ऊना पहुंचे, जिसके बाद सभी को एहतियात के तौर पर संस्थागत क्वारंटीन कर दिया गया.

शादी करवाने साथ गए पंडित नरेश कुमार शर्मा ने बताया "बारात 21 मार्च को वहां पहुंच गई थी और 24 मार्च को वापस आना था, लेकिन 23 मार्च को कोरोना संकट के चलते देशभर में लॉकडाउन हो गया, जिसके चलते वहां से वापसी का कोई रास्ता नहीं रहा. कोलकाता में मदद करने व वापस पहुंचाने में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर का बहुत बड़ा योगदान रहा, जिसके लिए हम सभी उनके धन्यवादी है. कंवर मदद न करते तो शायद अभी भी हम पश्चिम बंगाल में ही फंसे होते.

क्या कहते हैं बीएमओ बंगाणा डॉ. एनके आंगरा

स्वास्थ्य विभाग के तय प्रोटोकॉल के मुताबिक सभी को 14 दिन की क्वारंटीन अवधि पूरी करनी होगी. डॉ. आंगरा ने सभी बारातियों को एक दिन और किसी से भी घुलने-मिलने से परहेज करने के दिशा-निर्देश दिए. बीएमओ डॉ. आंगरा ने कहा "23 मई को बारातियों में से एक युवक के पॉजीटिव आने के बाद सभी 17 लोगों के दोबारा सैंपल करवाए गए और दूसरी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही उन्हें घर जाने की अनुमति दी गई.

क्या कहना है नायब तहसीलदार बीहड़ू धर्मपाल नेगी

नायब तहसीलदार बीहड़ू धर्मपाल नेगी ने बताया कि संस्थागत क्वारंटीन में सभी लोगों ने प्रशासन के साथ भरपूर सहयोग किया और जिला प्रशासन ऊना की ओर से उन्हें सभी आवश्यक वस्तुएं प्रदान की गई. संस्थागत क्वारंटाइन किए गए 18 लोगों में से 4 छोटे बच्चे भी थे, जिनके लिए दूध का प्रबंध किया गया है. उन्होंने बताया कि पॉजिटिव पाए गए युवक का उपचार कोविड केयर सेंटर खड्ड में चल रहा है और बाकी सभी 17 लोगों को घर भेज दिया गया है.

ऊना: 71 दिन बाद कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र से पश्चिम बंगाल दुल्हन लाने गए बाराती अपने गांव वापस पहुंच गए. सभी की दूसरी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद संस्थागत क्वारंटाइन किए गए. 17 बारातियों को बीएमओ बंगाणा डॉ. एनके आंगरा ने डिस्चार्ज स्लिप देकर रवाना किया और जाने से पहले सभी को आवश्यक हिदायतें भी दी. इस दौरान नायब तहसीलदार बीहड़ू धर्मपाल नेगी भी उपस्थित रहे. पिछले तेरह दिन से सभी बाराती संस्थागत क्वारंटीन में थे, जिनमें 7 पुरूष, 6 महिलाएं व 4 बच्चे शामिल थे.

दूल्हे सुनील ने कहा "शादी के बाद सभी लोग लॉकडाउन के चलते कोलकाता में ही फंस गए. रेल व हवाई सेवा बंद हो गई और सभी के सामने भोजन की समस्या खड़ी हो गई. इसके बाद उन्होंने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर से संपर्क साधा और उन्होंने मदद करते हुए कोलकाता में ही राशन व अन्य चीजें उपलब्ध करवाई. कोलकाता से ऊना का सफर तय करने के लिए सभी लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ा. सोलन जिला से एक बस कोलकाता के लिए गई थी और प्रशासन ने बारातियों से संपर्क साध कर 56 दिन बाद उन्हें इस बस के माध्यम से वापस ऊना पहुंचाया. 14 मई को सभी बाराती बस में सवार होकर पश्चिम बंगाल से चले और 16 मई को वापस ऊना पहुंचे, जिसके बाद सभी को एहतियात के तौर पर संस्थागत क्वारंटीन कर दिया गया.

शादी करवाने साथ गए पंडित नरेश कुमार शर्मा ने बताया "बारात 21 मार्च को वहां पहुंच गई थी और 24 मार्च को वापस आना था, लेकिन 23 मार्च को कोरोना संकट के चलते देशभर में लॉकडाउन हो गया, जिसके चलते वहां से वापसी का कोई रास्ता नहीं रहा. कोलकाता में मदद करने व वापस पहुंचाने में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर का बहुत बड़ा योगदान रहा, जिसके लिए हम सभी उनके धन्यवादी है. कंवर मदद न करते तो शायद अभी भी हम पश्चिम बंगाल में ही फंसे होते.

क्या कहते हैं बीएमओ बंगाणा डॉ. एनके आंगरा

स्वास्थ्य विभाग के तय प्रोटोकॉल के मुताबिक सभी को 14 दिन की क्वारंटीन अवधि पूरी करनी होगी. डॉ. आंगरा ने सभी बारातियों को एक दिन और किसी से भी घुलने-मिलने से परहेज करने के दिशा-निर्देश दिए. बीएमओ डॉ. आंगरा ने कहा "23 मई को बारातियों में से एक युवक के पॉजीटिव आने के बाद सभी 17 लोगों के दोबारा सैंपल करवाए गए और दूसरी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही उन्हें घर जाने की अनुमति दी गई.

क्या कहना है नायब तहसीलदार बीहड़ू धर्मपाल नेगी

नायब तहसीलदार बीहड़ू धर्मपाल नेगी ने बताया कि संस्थागत क्वारंटीन में सभी लोगों ने प्रशासन के साथ भरपूर सहयोग किया और जिला प्रशासन ऊना की ओर से उन्हें सभी आवश्यक वस्तुएं प्रदान की गई. संस्थागत क्वारंटाइन किए गए 18 लोगों में से 4 छोटे बच्चे भी थे, जिनके लिए दूध का प्रबंध किया गया है. उन्होंने बताया कि पॉजिटिव पाए गए युवक का उपचार कोविड केयर सेंटर खड्ड में चल रहा है और बाकी सभी 17 लोगों को घर भेज दिया गया है.

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