सोलना: जिला के अर्की में अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी के खिलाफ दी मांगल ट्रक ऑपरेटर सोसाइटी के करीब 200 ऑपरेटर पिछले 15 दिनों से अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर है. ऑपरेटर्स कंपनी के मुख्य गेट पर धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगों को रख रहे हैं.
बता दें कि ट्रक ऑपरेटरों ने इससे पहले भी सोलन के मिनी सेक्रेटेरिएट का घेराव कर डीसी सोलन के साथ बैठक की थी. ट्रक ऑपरेटरों की मांगें सीएम के दरबार मे भी जा चुकी है, लेकिन अभी तक मामला वैसा ही बना हुआ है. वहीं, बुधवार को अर्की में आयोजित एक बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त विवेक चंदेल ने ट्रक ऑपरेटर्स के साथ बैठक कर उनकी मांगों को सुना. करीब एक घंटे तक चली इस बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल पाया.
मांगल ट्रक यूनियन के सदस्य अजीत सिंह सेन का कहना है कि बागा स्थापित सीमेंट कंपनी ने उनसे जून 2018 में एग्रीमेंट करवाकर वादा किया था कि 1500 मिट्रिक टन रोजाना ट्रकों से बठिंडा और रुड़की भेजा जाएगा, लेकिन रोजाना केवल 300 मीट्रिक टन ही कंपनी से भेजा जा रहा है, जब कंपनी ने वादा किया था तो ट्रक ऑपरेटर्स ने माल ढुलाई के लिए नए ट्रक खरीदे और कंपनी में लगा दिए.
ट्रक ऑपरेटर्स का कहना है कि उन्हें एक समय के खाने के लिए भी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है, उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही उनकी इस मांग को पूरा नहीं किया जाता है तो वह सचिवालय का घेराव करेंगे और जयराम सरकार के सामने अपनी मांगें रखेंगे. उन्होंने कहा कि वह कंपनी से कुछ नया नहीं चाहते हैं, कंपनी ने जो वादा किया था वह उसे पूरा करें ताकि ट्रक ऑपरेटर सीमेंट कंपनी में काम कर सके और सभी को प्राप्त मात्रा में काम मिलता रहे. ट्रक ऑपरेटरों का कहना है कि कंपनी अपनी तानाशाही दिखाकर ट्रक चालकों और ऑपरेटरों का शोषण कर रही है.
बैठक लेने पहुंचे अतिरिक्त उपायुक्त विवेक चंदेल ने कहा कि सोलन के अर्की में ट्रक ऑपरेटर यूनियन बागा और अल्ट्राटेक कंपनी के बीच एक बैठक का आयोजन किया गया था. जिसमें उन्होंने दोनों पक्षों को सुना, लेकिन 1 घंटे तक चली बैठक बेनतीजा रही. विवेक चंदेल ने कहा कि उन्होंने दोनों ही पक्षों से रूल एंड रेगुलेशन को सही तरीके से चलाए रखने में अपील की है और कहा है कि दोनों पक्षों को बात करके इस मामले को सुलझाना चाहिए.
बीते समय से सीमेंट कंपनी और विभिन्न ट्रांसपोर्टर सहकारी सभाओं के बीच माल ढुलाई के रेट को लेकर यह गतिरोध चल रहा था. कुछ समय पूर्व केंद्र की अधिसूचना के मुताबिक ट्रकों का एक्सल लोड बढ़ा दिया गया था. पहले से ही संचालित ट्रकों को 9 टन की बजाय 12 टन माल उठाने की अनुमति प्रदान की गई थी.
यह है पूरा मामला
सीमेंट कंपनी ने ट्रक ऑपरेटरों के साथ एक एग्रीमेंट करके रोजाना 1500 मेट्रिक टन माल ढुलाई का वादा किया था, लेकिन थोड़े समय बाद वहां कार्य कम होता गया, जिस कारण हर एक ट्रक ऑपरेटर को काम नहीं मिल पा रहा है. इसके लिए कई बार ट्रक ऑपरेटरों ने कंपनी के साथ बैठक भी की लेकिन कोई भी हल नहीं निकल पाया. बता दें कि जून 2018 से यह विवाद ट्रक ऑपरेटरों और कंपनी के बीच चल रहा है.
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