सोलन: हिमाचल प्रदेश में लगातार नशे का प्रभाव बच्चों में बढ़ता जा रहा है. स्कूली बच्चे भी इसकी चपेट में आते जा रहे हैं.ऐसे में अब इसको लेकर लगातार जहां एक तरफ हिमाचल पुलिस अभियान चलाए हुए है वहीं, दूसरी तरफ अब अध्यापक भी स्कूलों में ऐसे बच्चों की पहचान कर सकेंगे. इसको लेकर एससीईआरटी सोलन में हिमाचल प्रदेश के 6 जिलों सोलन, शिमला, सिरमौर, ऊना, बिलासपुर, किन्नौर के कुल 42 अध्यापकों को इसके बारे में प्रशिक्षित कर जागरूक किया जा रहा है.
इसको लेकर एससीईआरटी सोलन द्वारा स्वास्थ्य विभाग सोलन की ओर से डॉक्टर, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक संस्था जो नशे को लेकर विभिन्न कार्यक्रम चलाती है, उनके द्वारा अध्यापकों को जानकारी देने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, विभिन्न एक्टिविटी के माध्यम से अध्यापकों को जानकारी दी जा रही कि कैसे बच्चे नशे की गिरफ्त में आते हैं और किस तरह वे खुद को डिप्रेशन में जाने के लिए मजबूर करते हैं, ऐसे में अध्यापक अब इन बच्चों की पहचान कर पाएंगे और इनको बेहतर गाइडेंस भी दे पाएंगे.
एससीईआरटी सोलन की ऑफिशिएटिंग प्रिंसिपल रजनी सांख्यान ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में नशे का प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है और विशेष रूप से स्कूली बच्चे इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि बच्चे नशे से दूर रहें और यदि नशे की गिरफ्त में आ गए है तो उन्हें कैसे निकाला जा सकता है, इसको लेकर एससीईआरटी सोलन में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 6 जिलों के 42 अध्यापकों के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इन अध्यापकों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से डॉक्टर, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक संस्थाओं के लोगों के द्वारा जानकारी दी जा रही है कि किस तरह से बच्चों को नशे के चंगुल से बाहर निकाला जा सकता है.
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