बद्दी: हिमाचल के फार्मा उद्योगों की तीन और देश में बनी सात दवाइयां मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के सितंबर माह के ड्रग अलर्ट में इसके सैंपल फेल पाए गए हैं.
इसमें बद्दी की दो और ऊना की एक फार्मा कंपनी शामिल है. सहायक दवा नियंत्रक ने तीनों उद्योगों को नोटिस जारी कर दिए हैं. साथ ही बाजार से स्टॉक को वापस मंगा लिया है. संगठन ने सिंतबर माह में देश की 646 दवाइयों के सैंपल लिए थे. जिसमें 636 मानकों पर खरे उतरे हैं और 10 दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं.
सोलन जिले के औद्योगिक क्षेत्र बरोटीवाला के झाड़माजरी स्थित विनस बायो साइंस कंपनी की गैसटिक की दवा रेनीटीडाईन 300 एमजी टैबलेट (बैच नंबर वीएनटी-19ए02, और औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के भुड्ड स्थित मैसर्ज मेडीपोल कंपनी की खून को पतला करने वाली दवाई एसप्रीन टैबलेट बैच नंबर टीएसीबी- 010 और ऊना के औद्योगिक क्षेत्र टाहलीवाल स्थित मैसर्ज कॉजवे कपंनी का हैंड सेनिटाइजर बैच नंबर सी-02, भी मानकों पर सही नहीं उतरा है. इसके अलावा गुजरात, हैदराबाद, बैंगलौर, कलकता और महाराष्ट्र की फार्मा कंपनियों के सैंपल भी फेल हुए हैं.
सहायक दवा नियंत्रक डॉ. मनीष कपूर ने बताया कि सैंपल फेल होन वाले उद्योगों को नोटिस जारी कर दिए हैं. इन तीनों उद्योगों के खिलाफ ड्रग एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. फेल हुए सैंपलों के बैच बाजार से हटाने के निर्देश दे दिए गए हैं.
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