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जानलेवा साबित हो रहे बेलगाम उद्योग, नालागढ़ में नदी किनारे मरी मिली हजारों मछलियां

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Published : Jun 9, 2020, 10:54 PM IST

औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ में उद्योगों से छोड़े गए प्रदूषित पानी से हजारों मछलियां काल की ग्रास बन गईं. मंगलवार सुबह हजारों की तादाद में मरी हुई मछलियां सरसा नदी के किनारे मिली.

Thousands of fish died due to poisonous water in Nalagarh
बेलगाम उद्योग पहुंचा रहे पर्यावरण को नुकसान

नालागढ़: औद्योगिक प्रदूषण पर्यावरण और जनजीवन के लिए खतरा बनता जा रहा है. लगातार बढ़ता प्रदूषण से कई जीव जन्तुओं के लिए जानलेवा साबित हो रहा है. औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया. जहां सैनीमाजरा के पास मंगलवार सुबह हजारों की तादाद में मरी हुई मछलियां सरसा नदी के किनारे मिली.

ग्रामीणों का कहना है कि नालागढ़ के उद्योगों से छोड़े गए प्रदूषित पानी ने हजारों की संख्या में मछलियों को मौत की नींद सुला दिया. सोमवार देर शाम मछलियों के मरने का क्रम शुरू हुआ था जो मंगलवार सुबह तक जारी रहा. प्रवासी मजदूरों को जब मछलियों के मरने की खबर लगी तो उन्होंने सरसा नदी का रूख किया और मछलियों को बोरियों में भर कर ले गए.

वीडियो रिपोर्ट

ग्रामीणों ने इस मामले की सूचना एसडीएम नालागढ़ को दी. जिसके बाद राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम मौके पर पहुंची और सरसा नदी का दौरा कर पानी और मृत मछलियों के सैंपल लिए गए.

बता दें कि हर साल सरसा नदी में मछलियों के मरने के मामले सामने आते हैं, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन दोषी उद्योगों पर नकेल नहीं कसता. वहीं, पर्यावरण प्रेमियों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

मामले को लेकर एसडीएम नालागढ़ प्रशांत देष्टा ने बताया कि मामले की सूचना मिलते ही उन्होंने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इस घटना की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अगर जाचं रिपोर्ट में किसी उद्योग की लापरवाही सामने आई तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में शिक्षण संस्थान 30 जून तक रहेंगे बंद, सरकार ने घोषित किया अवकाश

नालागढ़: औद्योगिक प्रदूषण पर्यावरण और जनजीवन के लिए खतरा बनता जा रहा है. लगातार बढ़ता प्रदूषण से कई जीव जन्तुओं के लिए जानलेवा साबित हो रहा है. औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया. जहां सैनीमाजरा के पास मंगलवार सुबह हजारों की तादाद में मरी हुई मछलियां सरसा नदी के किनारे मिली.

ग्रामीणों का कहना है कि नालागढ़ के उद्योगों से छोड़े गए प्रदूषित पानी ने हजारों की संख्या में मछलियों को मौत की नींद सुला दिया. सोमवार देर शाम मछलियों के मरने का क्रम शुरू हुआ था जो मंगलवार सुबह तक जारी रहा. प्रवासी मजदूरों को जब मछलियों के मरने की खबर लगी तो उन्होंने सरसा नदी का रूख किया और मछलियों को बोरियों में भर कर ले गए.

वीडियो रिपोर्ट

ग्रामीणों ने इस मामले की सूचना एसडीएम नालागढ़ को दी. जिसके बाद राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम मौके पर पहुंची और सरसा नदी का दौरा कर पानी और मृत मछलियों के सैंपल लिए गए.

बता दें कि हर साल सरसा नदी में मछलियों के मरने के मामले सामने आते हैं, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन दोषी उद्योगों पर नकेल नहीं कसता. वहीं, पर्यावरण प्रेमियों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

मामले को लेकर एसडीएम नालागढ़ प्रशांत देष्टा ने बताया कि मामले की सूचना मिलते ही उन्होंने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इस घटना की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अगर जाचं रिपोर्ट में किसी उद्योग की लापरवाही सामने आई तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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