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शिक्षक दिवस विशेषः डॉ. राधाकृष्णन के अंगरक्षक रहे कर्नल धनीराम शांडिल से खास बातचीत - dhaniram shandil

शिक्षक दिवस के मौके पर कर्नल धनीराम शांडिल से ETV भारत की खास बातचीत. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अंगरक्षक रहे हैं कर्नल धनीराम शांडिल. डॉ. राधाकृष्णन से जुड़ी यादों को किया साझा.

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Published : Sep 5, 2019, 7:34 PM IST

सोलनः भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में शिक्षक दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर ईटीवी भारत ने डॉ. राधाकृष्णन के अंगरक्षक रहे कर्नल धनीराम शांडिल से खास बातचीत की. इस मौके पर कर्नल शांडिल ने डॉ. राधाकृष्णन के साथ बिताए पलों को साझा किया.

डॉ. राधाकृष्णन के अंगरक्षक रहे कर्नल धनीराम शांडिल से खास बातचीत

विधानसभा क्षेत्र सोलन से विधायक कर्नल धनीराम शांडिल ने डॉ. राधाकृष्णन को याद करते हुए बताया कि जब 8 डोगरा रेजीमेंट 1965 में प्रेसिडेंट बॉडीगार्ड फोर्स में तैनात थी उस समय सर्वगीय डॉ. श्री सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी राष्ट्रपति थे और उस समय उनकी कद काठी अच्छी होने के कारण उन्हें उनके अंगरक्षक का कार्यभार सौंपा गया था जिससे उन्हें करीब से जानने का मौका मिला.

कर्नल धनीराम शांडिल ने बताया कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन सौम्य व्यक्तित्व के आदमी थे जिनसे बहुत कुछ सीखने को मिलाऔर उनका बर्ताव आज भी सभी के दिलों में अपनी जगह बनाए हुए है. उन्होंने याद करते हुए कहा कि जब वे जवानों को लताड़ लगाते थे तब डॉ. राधाकृष्णन कहते थे कि प्यार से समझा कर कार्य करवाना चाहिए ताकि किसी के मन को ठेस ना पहुंचे.

कर्नल धनीराम शांडिल ने बताया कि आज जो इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी शिमला में मौजूद है और पूरी दुनिया मे विख्यात है वो डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की ही देन है. उन्होंने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी दान के रूप में देश को दी थी.

सोलनः भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में शिक्षक दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर ईटीवी भारत ने डॉ. राधाकृष्णन के अंगरक्षक रहे कर्नल धनीराम शांडिल से खास बातचीत की. इस मौके पर कर्नल शांडिल ने डॉ. राधाकृष्णन के साथ बिताए पलों को साझा किया.

डॉ. राधाकृष्णन के अंगरक्षक रहे कर्नल धनीराम शांडिल से खास बातचीत

विधानसभा क्षेत्र सोलन से विधायक कर्नल धनीराम शांडिल ने डॉ. राधाकृष्णन को याद करते हुए बताया कि जब 8 डोगरा रेजीमेंट 1965 में प्रेसिडेंट बॉडीगार्ड फोर्स में तैनात थी उस समय सर्वगीय डॉ. श्री सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी राष्ट्रपति थे और उस समय उनकी कद काठी अच्छी होने के कारण उन्हें उनके अंगरक्षक का कार्यभार सौंपा गया था जिससे उन्हें करीब से जानने का मौका मिला.

कर्नल धनीराम शांडिल ने बताया कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन सौम्य व्यक्तित्व के आदमी थे जिनसे बहुत कुछ सीखने को मिलाऔर उनका बर्ताव आज भी सभी के दिलों में अपनी जगह बनाए हुए है. उन्होंने याद करते हुए कहा कि जब वे जवानों को लताड़ लगाते थे तब डॉ. राधाकृष्णन कहते थे कि प्यार से समझा कर कार्य करवाना चाहिए ताकि किसी के मन को ठेस ना पहुंचे.

कर्नल धनीराम शांडिल ने बताया कि आज जो इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी शिमला में मौजूद है और पूरी दुनिया मे विख्यात है वो डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की ही देन है. उन्होंने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी दान के रूप में देश को दी थी.

Intro:सर्वगीय डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के अंगरक्षक रहे सोलन के विधायक कर्नल धनीराम शांडिल ने ETV bhart से की बातचीत

:-सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के अंगरक्षक रहे हैं कर्नल धनीराम शांडिल
:-भारतीय संस्कृति के संवाहक,प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू विचारक थे, डॉ राधाकृष्णन
:-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी शिमला में मौजूद है वह सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की ही देन है
:-अपनी प्रारंभिक शिक्षा के गुरुजनों को किया याद


सोलन से विधायक कर्नल धनीराम शांडिल ने शिक्षक दिवस पर भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को याद करते हुए बताया कि मेरा सौभाग्य है कि मैं ऐसे व्यक्तित्व के साथ कार्य कर चुका हूं जिनके जन्म दिवस पर आज पूरे देश में शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

उन्होंने उस समय को याद करते हुए बताया कि जब 8 डोगरा रेजीमेंट 1965 में प्रेसिडेंट बॉडीगार्ड फोर्स में तैनात थीं उस समय सर्वगीय डॉ श्री सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी राष्ट्रपति थे और उन्हें भी उनके साथ कार्य करने का मौका मिला उन्होंने कहा कि उस समय कद काठी अच्छी होने के कारण उन्हें उनके साथ अंगरक्षक का कार्यभार सौंपा गया इस कारण उन्हें उनके साथ कार्य करने का मौका मिला ।


Body:उन्होंने बताया कि राधाकृष्णन जी सौम्य व्यक्तित्व के आदमी थे जिनसे बहुत कुछ सीखा है और उनका ये बर्ताव आज भी सभी के दिलों में अपनी जगह बनाए हुए हैं ,उन्होंने याद करते हुए कहा कि जब जवानों को लताड़ लगाते थे तब डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी उन्हें समझाया थे कि इन्हें प्यार से समझा कर कार्य करवाना चाहिए ताकि किसी के मन को ठेस ना पहुंचे।



Conclusion:उन्होंने बताया कि आज जो इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी शिमला में मौजूद है और पूरी दुनिया मे विख्यात है वह सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की ही देन है उन्होंने कहा कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी दान के रूप में देश को दी थी ।

वहीं उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा के अध्यापक म्हंतेश्वरदास को भी याद करते हुए कहा कि अध्यापक एक ऐसी सीढ़ी है जो आपको आपके भविष्य को उज्ज्वल बनाता है ।

उन्होंने कहा कि डॉ राधाकृष्णन जी लोगों के वेलफेयर के बारे में ज्यादा सोचते थे और संवेदनशील व्यक्तित्व के आदमी थे। वे भारतीय संस्कृति के संवाहक,प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू विचारक थे, उनके इन्हीं गुणों के कारण सन 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया था उनका जन्मदिन 5 सितंबर भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

वहीं इस मौके पर उन्होंने सभी को अध्यापक दिवस की बधाई दी।
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