सोलन: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार तो बन गई, लेकिन कैबिनेट को लेकर सभी के बीच चर्चा बनी हुई है. पहली बार हिमाचल विधानसभा सत्र भी बिना मंत्रियों के होने जा रहा है. चर्चाओं को लेकर माहौल गर्म है कि किसे मंत्री बनाया जाएगा. बात सोलन जिले की करें तो यहां पर तीन नाम मंत्री पद के लिए आगे चल रहे हैं. सबसे पहला नाम पूर्व में मंत्री रहे कर्नल धनीराम शांडिल का आ रहा है जो लगातार दिल्ली में डेरा जमाए हुए थे, लेकिन अब शिमला में वे अपने समर्थकों के साथ सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की परिक्रमा करते हुए दिखाई दे रहे हैं. दूसरा नाम रामकुमार दून के विधायक और तीसरा नाम अर्की से विधायक संजय अवस्थी का है. (Cabinet not formed in Himachal)
बात शनिवार करें तो यहां पर सोलन के विधायक कर्नल धनीराम शांडिल अपने कुछ समर्थकों और नगर निगम सोलन के उन चार पार्षदों के साथ सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात करते नजर आए, जो लोग नगर निगम सोलन के मेयर डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे. ऐसे में दबी जुबान में चर्चाओं का माहौल गर्म होता दिखाई दे रहा है. क्योंकि जो चार पार्षद शांडिल के साथ सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिले, यही चार पार्षद लगातार शांडिल के साथ नजर आ रहे हैं और इन्हीं चार पार्षदों के द्वारा नगर निगम सोलन के मेयर डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. अब लोगों के बीच चर्चा है कि क्या धनीराम शांडिल के कहने पर ही यह अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था या नहीं. (Dhani Ram Shandil Meet CM Sukhvinder)
पिछले एक सप्ताह से शिमला में डटे शांडिल रोजाना अपने समर्थकों के साथ सुक्खू दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ अर्की विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार चुनकर आए विधायक संजय अवस्थी लगातार मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ दिखाई दे रहे हैं. संजय अवस्थी का नाम भी मंत्री पद की रेस में चल रहा है. वहीं, दून विधानसभा क्षेत्र से दूसरी मर्तबा जीत कर आए रामकुमार चौधरी का नाम भी कांग्रेस का एक मजबूत धड़ा रामकुमार को भी मंत्री बनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन मंत्री पद के लिए लगातार चर्चाएं अभी भी जारी है.
वहीं, जब नगर निगम सोलन की मेयर पूनम ग्रोवर और डिप्टी मेयर राजीव कौड़ा से इस बारे में बातचीत की गई तो, उन्होंने कहा कि उन्हें इस मुलाकात के बारे में कोई जानकारी नहीं है. बहरहाल कौन मंत्री बनता है और कौन नहीं इसका पता तो मंत्रिमंडल का विस्तार होने पर ही लग पाएगा, लेकिन धड़ो में बंटी कांग्रेस अभी भी एक दूसरे को दबाने की कोशिश में लगी हुई है ताकि मंत्री बना जा सके.
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