सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी और विवि के कृषि विज्ञान केंद्रों एवं अनुसंधान स्टेशनों में बागवानों के लिए फलदार पौधे की वार्षिक बिक्री सोमवार से पहले आओ पहले पाओ के आधार पर शुरू हो गई. फल रोपण सामग्री की वार्षिक बिक्री के लिए हिमाचल प्रदेश और आसपास के राज्यों के किसान विश्वविद्यालय और क्षेत्रीय केंद्रों पर एकत्र हुए.
इस दौरान किसानों ने सेब, नाशपाती, खुमानी, आड़ू, नेक्टराइन, चेरी, कीवी फ्रूट, अखरोट, अनार, प्लम, जापानी फल और बादाम आदि की विभिन्न किस्मों को खरीदा गया. हिमाचल और आसपास के राज्यों के विभिन्न हिस्सों से किसान विभिन्न किस्मों के फलों के पौधे खरीदने के लिए विश्वविद्यालय और अनुसंधान केंद्रों पर पहुंचे. बिक्री के पहले दिन 782 किसानों ने नौणी में विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में तीन नर्सरियों, कंडाघाट, रोहड़ू में कृषि विज्ञान केंद्र और मशोबरा, बजौरा और शारबो (किन्नौर) में अनुसंधान केंद्रों से विभिन्न फलों की किस्मों के 22,324 से अधिक पौधे खरीदे.
इस वर्ष किसानों ने फलों की फसलों के विविधीकरण के प्रति रुचि दिखाई है और यह बिक्री के दौरान भी दिखाई दी, जहां सेब की विभिन्न किस्मों के साथ-साथ जापानी फल, अखरोट, कीवी और अन्य गुठलीदार फलों की मांग में वृद्धि देखी गई. इस साल विश्वविद्यालय और क्षेत्रीय स्टेशनों पर बिक्री के लिए उपलब्ध पौधों की कुल संख्या 2.72 लाख से अधिक है. इस बिक्री के दौरान किसानों को सेब, कीवी, अनार, खुमानी, आड़ू, नेक्टराइन, चेरी, अखरोट, नाशपाती, प्लम आदि की विभिन्न किस्में उपलब्ध कारवाई जाएंगी. सेब के लगभग 50,000 क्लोनल रूटस्टॉक भी उपलब्ध होंगे. आने वाले दिनों में यह बिक्री जारी रहेगी.
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