कसौली/सोलन: कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर पट्टामोड़ के समीप सड़क को फोरलेन में बदलने का प्लान चेंज हो गया है. कारण यह कि मिट्टी का स्टाटा ठीक न होने से यहां पर सड़क को फोरलेन में तब्दील करने को लेकर दिक्कत आ रही है. यही नहीं बल्कि यहां पर कई बार सड़क धंस भी चुकी है.
हालांकि, फोरलेन कंपनी द्वारा पूरी तरह से इसे प्रोटेक्शन दी है, लेकिन यहां पर सड़क को फोरलेन में बदलना कठिन हो रहा है. इसी के चलते मोड़ से लेकर लगभग 50 मीटर तक सड़क का लेवल कम किया गया है. जिस जगह पर यह जमीन धंस रही है ठीक इसके नीचे से कलका-शिमला हेरिटेज रेल लाइन भी गुजर रही है. इन सब चीजों को देखते हुए फोरलेन कंपनी ने प्लान को बदला है, ताकि होने वाले नुक्सान को बचाया जा सकें.
निर्माण कार्य अंतिम फेज में है
बता दें कि कालका शिमला नेशनल हाई-वे पांच पर परवाणू से सोलन (चंबाघाट) तक फोरलेन का निर्माण कार्य अंतिम फेज में है, लेकिन कई जगहों पर मिट्टी का स्टाटा ठीक न होने के कारण प्लान में बदलाव करना पड़ा है. इससे पहले सोलन के सपरून चौंक पर प्लान में बदलाव कर ओवर पास ब्रिज की जगह पर अंडर पास ब्रिज बनाना शुरू किया है.
सोलन में भी मिट्टी का स्टाटा ठीक नहीं था और अब पट्टा मोड़ के समीप भी इसी प्रकार की स्थिति बनी हुई है. फोरलेन निर्माता कम्पनी द्वारा काफी समय पहले यहां पर सड़क को फोरलेन में बदला था, लेकिन बीती बरसातों में यहां पर सड़क धंसी है. साथ ही जांच में पता चला है कि यहां पर मिट्टी का स्टाटा ठीक नहीं है. इसी कारण कंपनी द्वारा सड़क का लेवल को भी कम किया है.
बनाना पड़ेगा वायडक्ट ब्रिज
फोरलेन कंपनी द्वारा बदले प्लान के अनुसार अब पट्टामोड़ के समीप सड़क न धंसे इसके लिए वायडक्ट ब्रिज बनाने का प्रपोजल नेशनल हाई-वे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के लिए भेजा है. बाकायदा इसके लिए कंपनी ने ड्राइंग भी तैयार की है. एनएचएआई से कंपनी को अनुमति मिलते ही यहां पर कार्य शुरू किया जाएगा.
क्या कहना है कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर का
कालका-शिमला नेशनल हाई-वे पांच पर परवाणू से सोलन (चंबाघाट) तक फोरलेन निर्माण कर रही जीएआर इंफ्रास्ट्रचर कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर बलविंदर सिंह का कहना है कि पट्टामोड़ के समीप मिट्टी का स्टाटा ठीक नहीं है और सड़क के ठीक नीचे से रेलवे लाइन भी गुजर रही है.
इसके लिए अब प्लान को बदलना पड़ रहा है. एनएचएआई को इस जगह पर वाया डक्ट ब्रिज बनाने के लिए ड्राइंग कंपनी द्वारा भेजी गई है. एनएचएआई से अनुमति मिलते ही आगामी कार्य शुरू किया जाएगा.