सोलन: दिल्ली से शिमला जाते हुए बुधवार को हिमाचल सरकार में कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा ने सोलन रुके. वहीं, पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने सोलन सब्जी मंडी में चल रहे किसानों और आढ़तियों के विवाद को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि सोलन सब्जी मंडी में किसान तोल के हिसाब से अपना टमाटर बेच सकेंगे.
मारकंडा ने किसानों और आढ़तियों के बीच चल रहे गतिरोध के बारे में कहा कि सोलन सब्जी मंडी में तीन वेइंग मशीनें स्थापित की जा रही हैं. किसान चाहे तो वजन के हिसाब से भी अपना उत्पाद बेच सकता है. टमाटर बेस्ड उद्योग के बारे में कृषि मंत्री ने कहा इसके लिए पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय द्वारा पूरी रूपरेखा तैयार की गई है. जल्द ही इसके टेंडर लगवाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि किसानों से किसी भी तरह की बेइंसाफी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
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प्राकृतिक खेती से आय होगी दोगुनी
मारकंडा ने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्राकृतिक खेती पर अधिक जोर दिया जा रहा है. प्राकृतिक खेती करने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है. ये खेती जैविक एवं रसायनिक खेती से बिल्कुल अलग है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में मौजूदा समय में 19 हजार किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं, जबकि 34 हजार किसानों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है.
कृषि मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती में लागत न के बराबर है और उत्पादन दोगुना है. उन्होंने कहा कि अगर किसान प्राकृतिक खेती को अपनाता है तो उसे ऋण लेने की आवश्यक्ता नहीं पड़ेगी और न ही किसान आत्महत्या जैसे कदम उठाएगा.
वहीं, कृषि मंत्रियों के सम्मेलन के बारे में राम लाल मारकंडा ने कहा कि इसमें उन्होंने अनेक सुझाव दिए हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इन सुझाव पर केंद्र सरकार जल्द ही गौर करेंगी, जिसका किसानों को फायदा होगा.
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मारकंडा ने कहा कि प्रदेश में मौजूदा समय पर 70 लाख के करीब जनसंख्या है, लेकिन अभी तक प्रधानमंत्री बीमा योजना के अंतर्गत 8.90 लाख किसान ही जुड़ पाएं हैं. जिसका कारण ये है कि प्रधानमंत्री बीमा योजना के नियम एवं शर्तों को कुछ किसान पूरा नहीं कर पाते. अगर इन नियम एवं शर्तों को सरल किया जाए तो कम से कम अब तक 20 लाख किसान इससे जुड़ चुके होते.