कसौली: कालका-शिमला एनएच-5 को 16 घंटे बाद बहाल कर दिया गया है. अभी सिर्फ छोटे वाहनों को ही जाने की अनुमति है. क्योंकि तंबूमोड़ के पास एनएच5 का एक हिस्सा पूरी तरह से धंस गया था. वहीं, दूसरी लेन में लैंडस्लाइड होने के बाद लगभग 16 घंटे तक आवाजाही थम गई थी. ऐसे में लोगों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए पैदल ही 22 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा. हालांकि सोमवार रात से ही पहाड़ी से मलबा हटाने के लिए काम शुरू कर दिया गया था. जिसके बाद छोटे वाहनों के लिए हाईवे को खोल दिया गया है.
डीसी सोलन ने हाईवे बहाली का संभाला मोर्चा: इस दौरान सोलन के डीसी मनमोहन शर्मा और एसपी गौरव सिंह मौके पर तैनात रहे और हाईवे को सुचारू करने का काम करवाया. जिससे मंगलवार को 16 घंटे बाद हाईवे खोलने में सफलता मिली. हालांकि अभी भी हल्के वाहनों की आवाजाही ही शुरू हो सकी है. इस रास्ते से पांच-पांच कर वाहनों को निकला गया.
शिमला में नहीं पहुंची खाद्य सामग्री: वहीं, मंगलवार सुबह वाहनों की आवाजाही न होने से दूध, ब्रेड, सब्जी और अखबार की गाड़ियां शिमला तक नहीं पहुंच सकी. जिसके चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. वाहनों के लिए हाईवे बंद होने के कारण लोगों को पैदल सफर करना पड़ा. वहीं, कई वाहनों को परवाणू और धर्मपुर से वापस कर दिया गया. मिली जानकारी के अनुसार सोमवार देर रात से करीब 10 हजार से ज्यादा छोटे-बड़े वाहन हाईवे पर फंस गए थे. कई लोगों ने रात भी गाड़ियों में ही बिताई.
एनएच-5 पर लैंडस्लाइड से गिरा भारी मलबा: वहीं, सोलन पुलिस ने परवाणू के टीटीआर चौक से वाहनों को हिमाचल की ओर नहीं आने दिया. जबकि धर्मपुर पुलिस थाना के पास से वाहनों को चंडीगढ़ की ओर जाने से रोक दिया गया. इससे परवाणू और धर्मपुर में जाम की स्थिति बन गई और करीब पांच से छह किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतारें लग गई. इसके अलावा एनएच पर कई जगहों पर लैंडस्लाइड से मलबा आ गिरा. जिससे पहाड़ की तरफ वाली लाइन को बंद कर दिया गया. कई जगहों पर पेड़, पत्थर, मलबा सड़क पर पहुंच गया. जिससे हाईवे की दूसरी तरफ लेन में भी जगह कम रह गई. मंगलवार को दिनभर बारिश न होने से मशीनों द्वारा फोरलेन को बहाल किया गाय, लेकिन अभी भी हाईवे पर सफर करना खतरे स खाली नहीं है.
2 शव वाहन भी जाम में फंसे: गौरतलब है कि कालका-शिमला एनएच-5 पर बारिश का कहर टूटा है. मूसलाधार बारिस के बाद हाईवे पर जगह-जगह लैंडस्लाइड हुई और रास्ता बंद हो जाने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. बताया जा रहा है कि हाईवे के बंद होने के कारण दो शव वाहन और एक एंबुलेंस भी जाम में फंसी रही. जिससे दो कैंसर मरीजों को बेहद मुश्किलें पेश आईं. वह चंडीगढ़ अस्पताल नहीं पहुंच पाए और मरीजों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ा.
एचआरटीसी की बसोंं भी एनएच पर फंसी: कालका-शिमला एनएच-5 पर बंद होने के बाद सनवारा से सोलन के बीच लंबा जाम लगने के बाद कुछ वाहनों को खुले स्थानों की ओर भेजा गया. एनएच बंद होने से एचआरटीसी की बसें भी इसमें फंस गईं. हालांकि इस बीच कुछ बसों की सवारियों को इधर-उधर भी शिफ्ट किया गया, ताकि लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा सके.
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