सोलन: जिला सोलन में अब फल सब्जियां व किराने की दुकानों में रेट लिस्ट लगाना अनिवार्य हो जाएगा. इसको लेकर जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक विभाग द्वारा तैयारी कर ली गई है. वहीं, दुकानदारों के प्रॉफिट मार्जिन को भी विभाग तय करने जा रहा है. इससे आने वाले दिनों में मुनाफाखोरी और जमाखोरी खत्म हो सकती है. हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा वस्तु मूल्यांकन व प्रदर्शन आदेश 1977 जमाखोरी और मुनाफाखोरी उन्मूलन आदेश 1977 को बहाल करने के बाद विभाग हरकत में आ गया है.
जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले सोलन नरेंद्र धीमान ने बताया कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश वस्तु मूल्यांकन व प्रदर्शन आदेश व हिमाचल प्रदेश जमाखोरी और मुनाफाखोरी उन्मूलन आदेश को बहाल कर दिया है. अब विभाग उन दुकानदारों पर शिंकजा कसेगा जो बिना रेट लिस्ट के सब्जी बेचते हैं यदि अब कोई दुकानदार नियम तोड़ता हुआ पाया गया तो उस पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
बता दें कि प्रदेश सरकार ने मुनाफाखोरी व जमाखोरी को रोकने के लिए बनाए गए अधिनियम को काफी समय से रोका हुआ था इससे पूरे प्रदेश में मुनाफाखोरी व जमाखोरी लगातार बढ़ रही थी. आलम यह था कि फल सब्जियों व किरानों की दुकानों में रेट लिस्ट गायब हो गई थी. ऐसे में दुकानदार मनमाने रेट पर ग्राहकों को सब्जी बेच रहे थे.
इसकी शिकायत भी विभाग के पास पहुंच रही थी हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि ना तो विभाग उन दुकानदारों पर शिकंजा कस पा रहे थे और ना ही प्रशासन इस दिशा में कुछ खास कदम उठा रहे थे. इससे ग्राहकों को लगातार चपत लग रही थी. हालांकि इसी को देखते हुए प्रदेश सरकार ने वस्तु मूल्यांकन एवं प्रदर्शन आदेश मुनाफाखोरी उन्मूलन आदेश को बहाल कर दिया है. इस आदेश के बहाल होने के बाद अब एक बार फिर से जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग दुकानदारों पर सख्ती कर सकते हैं.
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