सोलन: हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम की बसों की हालत इतनी खस्ता हो चुकी है कि प्रदेश के कई रूटों पर निगम की बसों को लेकर शिकायतें मिल रही हैं. बरसात का मौसम है और ऐसे में आम जन बसों में सफर कर बिना भीगे घर पहुंचना चाहते हैं, लेकिन इसके उलट उन्हें निगम की बसों में भीगने को मजबूर होना पड़ रहा है.
हिमाचल परिवहन निगम की बसों में सफर करने के लिए पहले तो यात्रियों को सीट पाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है. उसके बाद बरसात के इस मौसम में कई बसों के भीतर छतों से टपकते पानी से बचने के लिए या तो भीगने पर मजबूर होना पड़ रहा है या फिर छाता खोल कर ही रूट्स पर दौड़ती बसों के भीतर सफर करने को विवश होना पड़ रहा है.
कुछ ऐसा ही नजारा मंगलवार को भी देखने को मिला जब सोलन डिपो की सोलन-धर्मशाला रूट पर चलने वाली बस की छत से टपटप पानी टपकने लगा. आलम यह था कि बस की छत्त एक नहीं बल्कि कई जगह से टपक रही थी, जिससे सीटें गिली हो रही थीं और पूरी बस में पानी-पानी हो गया. इस कारण यात्री परेशान हो रहे थे और एचआरटीसी प्रबंधन को कोसने से भी गुरेज नहीं कर रहे थे.
बस में बैठे लोगों का कहना था कि किराया अदा करने के बाद भी उन्हें इन हालातों में सफर करना पड़ रहा है. लगातार टपक रहे इस पानी के चलते यात्रियों को बस के अंदर छाता निकालने के लिए मजबूर भी होना पड़ा.
बता दें कि सोलन-धर्मशाला रूट न केवल सोलन डिपो का सबसे पुराना बल्कि सबसे लंबे रूट में से एक है. लेकिन इस रूट पर अकसर खटारा या टूटी-फूटी बसों को भेजा जाता है, जिससे यात्रियों को परेशानी होती है. कई मर्तबा यह बसें रास्ते में ही धोखा दे जाती हैं, तो कभी बरसात के मौसम में इनकी छत्तें टपकने लगती हैं.
मंगलवार को भेजी गई बस की छत से पानी टपकने का सिलसिला जारी रहा. बता दें कि चुनावों के पहले राज्य सरकार की ओर से बसों के किरायों में बढ़ोतरी तो की गई थी, लेकिन यात्रियों को तो कई रूट्स पर प्रॉपर बसों में सीटें नहीं मिल पा रही हैं. ऐसे में अब यात्री भी सवाल उठाने लगे हैं कि सरकार इस टपकते पानी से कब निजात दिलाएगी.