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ममलीग नहीं सायरी में ही खोला जाए कॉलेज, हाई कोर्ट में दाखिल याचिका पर शिक्षा सचिव को नोटिस - हिमाचल प्रदेश न्यूज़

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने सोलन जिले के ममलीग में कॉलेज खोलने से जुड़ी अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को नोटिस जारी किया है. खंडपीठ ने सुनवाई के बाद सभी प्रतिवादियों से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है. पढ़ें पूरा मामला...

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट
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Published : Dec 1, 2022, 7:36 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने सोलन जिले के ममलीग में कॉलेज खोलने से जुड़ी अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को नोटिस जारी किया है. अदालत ने प्रधान सचिव व अन्य प्रतिवादियों को जारी नोटिस में चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है. दरअसल, राज्य सरकार ने पहले सायरी में डिग्री कॉलेज खोलने का फैसला लिया था, लेकिन बाद में अधिसूचना ममलीग के लिए कर दी.

इसी फैसले को याचिका के माध्यम से हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद एहतेशाम सईद व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने केडी शर्मा तथा अन्यों की तरफ से दाखिल याचिका की प्रारंभिक सुनवाई की. खंडपीठ ने सुनवाई के बाद सभी प्रतिवादियों से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है. (college in Mamligh) (Himachal Pradesh High Court)

याचिका में दिए गए तथ्यों के अनुसार राज्य सरकार ने पहले फैसला लिया था कि सायरी में सरकारी कॉलेज खोला जाएगा. बाद में किन्हीं कारणों से वहां पर डिग्री कॉलेज खोलने का फैसला टाल दिया गया. राज्य सरकार ने फिर 4 अगस्त 2018 को एक अन्य अधिसूचना जारी की और जिला शिमला के पवाबो इलाके में खोले जाने वाले डिग्री कॉलेज को लेकर फैसला भी टाल दिया.

इस घटनाक्रम को याचिका के माध्यम से हाई कोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई. राज्य सरकार ने फिर 13 अगस्त 2019 को पुन: सायरी में ही डिग्री कॉलेज खोलने के लिए जमीन तलाशने के आदेश जारी कर दिए. राजस्व रिकॉर्ड के मुताबिक सायरी में नया कॉलेज खोलने के लिए 21 बीघा जमीन तलाश ली गयी. सायरी के आसपास के इलाकों में 15 सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं. ऐसे में पढ़ाई के बाद इन स्कूलों से निकलने वाले बच्चों के लिए सायरी के नए कॉलेज का सीधे तौर पर लाभ मिलना था.

राज्य सरकार ने इसके बाद सायरी में कॉलेज को खोलने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. इसी साल अगस्त तक यह पूरी तरह से तय था कि सायरी में ही गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज खोला जाएगा, लेकिन 25 अगस्त 2022 को मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी डीओ नोट के आधार पर मालूम हुआ कि अब सायरी की बजाय ममलीग में डिग्री कॉलेज खोलने का निर्णय लिया गया है.

इस डीओ नोट के सामने आने के बाद प्रार्थियों की ओर से न्यायालय के समक्ष दलील दी गई है कि ममलीग में किसी भी तरीके से डिग्री खोला जाना न्यायोचित नहीं होगा. सायरी से ममलीग की दूरी अधिक है. इस कारण हर ढंग से सायरी में गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज का खोला जाना जनहित में होगा. याचिका में सरकार द्वारा 30 सितंबर 2022 को जारी अधिसूचना को रद्द करने की गुहार लगाई है. हाई कोर्ट से आग्रह किया गया है कि अदालत राज्य सरकार को डीओ नोट के आधार पर ममलीग में डिग्री कॉलेज खोलने से रोका जाए.

ये भी पढ़ें- Snowfall in Himachal: इन क्षेत्रों में 48 घंटों में बर्फबारी की संभावना, निचले इलाकों में धुंध को लेकर अलर्ट

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने सोलन जिले के ममलीग में कॉलेज खोलने से जुड़ी अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को नोटिस जारी किया है. अदालत ने प्रधान सचिव व अन्य प्रतिवादियों को जारी नोटिस में चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है. दरअसल, राज्य सरकार ने पहले सायरी में डिग्री कॉलेज खोलने का फैसला लिया था, लेकिन बाद में अधिसूचना ममलीग के लिए कर दी.

इसी फैसले को याचिका के माध्यम से हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है. हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अमजद एहतेशाम सईद व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने केडी शर्मा तथा अन्यों की तरफ से दाखिल याचिका की प्रारंभिक सुनवाई की. खंडपीठ ने सुनवाई के बाद सभी प्रतिवादियों से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है. (college in Mamligh) (Himachal Pradesh High Court)

याचिका में दिए गए तथ्यों के अनुसार राज्य सरकार ने पहले फैसला लिया था कि सायरी में सरकारी कॉलेज खोला जाएगा. बाद में किन्हीं कारणों से वहां पर डिग्री कॉलेज खोलने का फैसला टाल दिया गया. राज्य सरकार ने फिर 4 अगस्त 2018 को एक अन्य अधिसूचना जारी की और जिला शिमला के पवाबो इलाके में खोले जाने वाले डिग्री कॉलेज को लेकर फैसला भी टाल दिया.

इस घटनाक्रम को याचिका के माध्यम से हाई कोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई. राज्य सरकार ने फिर 13 अगस्त 2019 को पुन: सायरी में ही डिग्री कॉलेज खोलने के लिए जमीन तलाशने के आदेश जारी कर दिए. राजस्व रिकॉर्ड के मुताबिक सायरी में नया कॉलेज खोलने के लिए 21 बीघा जमीन तलाश ली गयी. सायरी के आसपास के इलाकों में 15 सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं. ऐसे में पढ़ाई के बाद इन स्कूलों से निकलने वाले बच्चों के लिए सायरी के नए कॉलेज का सीधे तौर पर लाभ मिलना था.

राज्य सरकार ने इसके बाद सायरी में कॉलेज को खोलने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. इसी साल अगस्त तक यह पूरी तरह से तय था कि सायरी में ही गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज खोला जाएगा, लेकिन 25 अगस्त 2022 को मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी डीओ नोट के आधार पर मालूम हुआ कि अब सायरी की बजाय ममलीग में डिग्री कॉलेज खोलने का निर्णय लिया गया है.

इस डीओ नोट के सामने आने के बाद प्रार्थियों की ओर से न्यायालय के समक्ष दलील दी गई है कि ममलीग में किसी भी तरीके से डिग्री खोला जाना न्यायोचित नहीं होगा. सायरी से ममलीग की दूरी अधिक है. इस कारण हर ढंग से सायरी में गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज का खोला जाना जनहित में होगा. याचिका में सरकार द्वारा 30 सितंबर 2022 को जारी अधिसूचना को रद्द करने की गुहार लगाई है. हाई कोर्ट से आग्रह किया गया है कि अदालत राज्य सरकार को डीओ नोट के आधार पर ममलीग में डिग्री कॉलेज खोलने से रोका जाए.

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