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इन्वेस्टर्स मीट: वाकनाघाट इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने सरकार की कथनी और करनी पर उठाए सवाल

वाकनाघाट इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने इन्वेस्टर्स मीट को लेकर सवाल खड़े किए हैं. एसोसिएशन का कहना के कि पिछले कई वर्षों से वाकनाघाट में उद्योग पानी, बिजली और सड़क के बिना उद्योग चला रहे हैं. वाकनाघाट के उद्योगपति 300 करोड़ का निवेश करके पछता रहे हैं.

वाकनाघाट इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने इन्वेस्टर्स मीट को लेकर सवाल खड़े किए
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Published : Nov 5, 2019, 11:45 PM IST

सोलन: हिमाचल सरकार प्रदेश में इन्वेस्टर्स मीट करवा कर निवेशकों को रिझाने में लगी हुई है. प्रधानमंत्री संग कई केंद्रीय मंत्री इन्वेस्टर मीट में शिरकत कर रहे हैं, लेकिन वाकनाघाट इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने इन्वेस्टर्स मीट को लेकर सवाल खड़े किए हैं.

एसोसिएशन के अध्यक्ष राम लाल गर्ग ने सोलन में प्रेस वार्ता की और वाकनाघाट में स्थित औद्योगिक नगरी की हकीकत से मीडिया को रू-ब-रू करवाया. उन्होंने बताया कि वह पिछले कई वर्षों से वाकनाघाट में औद्योगिक ईकाई चला रहे हैं.

यहां करीब 26 प्लॉट काटे गए थे, जिसमे से दो यूनिट अभी चल रहे हैं और अन्य का निर्माण कार्य अभी जारी है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर उन्हें कुछ नहीं मिला है. कई विभाग उन्हें विभिन्न तरह के नोटिस दे कर परेशान कर रहे हैं.

वीडियो.

अध्यक्ष राम लाल गर्ग ने कहा कि एसोसिएशन प्रदेश सरकार के नकारात्मक रवैये से बेहद परेशान है. उन्होंने कहा कि उनके जो उद्योग वाकनाघाट में चल रहे हैं वहां, पानी, बिजली और सड़क नहीं है, जिसकी वजह से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में 300 करोड़ रुपये निवेश किया जा चुके हैं, लेकिन जो मूलभूत सुविधाएं सरकार की तरफ से दी जानी थी, वह अभी तक नहीं दी गई है. उद्योग कई वर्षों से लाखों का पानी और डीजल खरीद कर उद्योग चला रहे है.

सोलन: हिमाचल सरकार प्रदेश में इन्वेस्टर्स मीट करवा कर निवेशकों को रिझाने में लगी हुई है. प्रधानमंत्री संग कई केंद्रीय मंत्री इन्वेस्टर मीट में शिरकत कर रहे हैं, लेकिन वाकनाघाट इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने इन्वेस्टर्स मीट को लेकर सवाल खड़े किए हैं.

एसोसिएशन के अध्यक्ष राम लाल गर्ग ने सोलन में प्रेस वार्ता की और वाकनाघाट में स्थित औद्योगिक नगरी की हकीकत से मीडिया को रू-ब-रू करवाया. उन्होंने बताया कि वह पिछले कई वर्षों से वाकनाघाट में औद्योगिक ईकाई चला रहे हैं.

यहां करीब 26 प्लॉट काटे गए थे, जिसमे से दो यूनिट अभी चल रहे हैं और अन्य का निर्माण कार्य अभी जारी है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर उन्हें कुछ नहीं मिला है. कई विभाग उन्हें विभिन्न तरह के नोटिस दे कर परेशान कर रहे हैं.

वीडियो.

अध्यक्ष राम लाल गर्ग ने कहा कि एसोसिएशन प्रदेश सरकार के नकारात्मक रवैये से बेहद परेशान है. उन्होंने कहा कि उनके जो उद्योग वाकनाघाट में चल रहे हैं वहां, पानी, बिजली और सड़क नहीं है, जिसकी वजह से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में 300 करोड़ रुपये निवेश किया जा चुके हैं, लेकिन जो मूलभूत सुविधाएं सरकार की तरफ से दी जानी थी, वह अभी तक नहीं दी गई है. उद्योग कई वर्षों से लाखों का पानी और डीजल खरीद कर उद्योग चला रहे है.

Intro:हिमाचल के उद्योगपतियों को नहीं मिल रही सुविधाएँ तो, इन्वेस्टर मीट का क्या फायदा....

:-पिछले कई वर्षों से पानी बिजली और सड़क के बिना चला रहे वाकनाघाट में उद्योग 
:-300 करोड़ का निवेश कर पछता रहे वाकनाघाट के उद्योगपति 
:-धर्मशाला में होने जा रही इन्वेस्टर मीट उठाये सवाल

जहाँ एक और हिमाचल सरकार प्रदेश में इन्वेस्टर्स मीट करवा कर निवेशकों  को रिझाने में लगी है करोड़ों रूपये पानी की तरह  बहाहे जा रहे है यहाँ तक कि प्रधान मंत्री समेत कई केन्द्रीय मंत्री इस इन्वेस्टर मीट में शिरकत कर रहे हैं वहीँ आज वाकनाघाट इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने प्रेस वार्ता का आयोजन कर इन्वेस्टर मीट और प्रदेश सरकार की कथनी और करनी पर ही सवाल उठा दिए है | Body:एसोसिएशन के अध्यक्ष राम लाल गर्ग ने सोलन में प्रेस वार्ता की और वाकनाघाट में  स्थित औद्योगिक नगरी की हकीकत से मीडिया को  रूबरू करवाया | उन्होंने बताया कि वह पिछले कई वर्षों से औद्योगिक ईकाई वाकना घाट में चला रहे है यहाँ करीबन 26 प्लाट काटे गए थे जिसमे से दो  यूनिट अभी चल रहे है और बाकि का निर्माण कार्य जारी है | लेकिन सुविधाओं के नाम पर उन्हें अभी तक कुछ नहीं मिला है | उपर से कई विभाग विभिन्न तरह के नोटिस दे कर उन्हें परेशान कर रहे हैं | 
Conclusion:क्या कहना है वाकनाघाट इंडस्ट्रियल एसोसिएशन  के अध्यक्ष राम लाल गर्ग का 
अधिक जानकारी देते हुए वाकनाघाट इंडस्ट्रियल एसोसिएशन  के अध्यक्ष राम लाल गर्ग ने कहा कि  एसोसिएशन प्रदेश सरकार के  नकारात्मक रवैये से बेहद परेशान है |  उन्होंने कहा कि उनके उद्योग जो वाकना घाट में चल रहे है उनके पास न पानी है  न  बिजली और न ही सड़क जिसकी वजह से उनेह बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है | उन्होंने कहा कि करीबन 300 करोड़ इस क्षेत्र में निवेश किया जा चुका है लेकिन जो मूल भूत सुविधाएँ सरकार द्वारा दी जानी थी वह अभी तक नहीं दी गई है | उद्योग कई वर्षों से  लाखों का पानी खरीद चुके है और लाखों रूपये के डीजल से उद्योग चला रहे है | उन्होंने कहा कि वह स्वागत करते है कि प्रदेश में इन्वेस्टर मीट का आयोजन किया जाना है लेकिन जिन उद्योगपत्तियों ने हिमाचल में निवेश कर लिया है उस और भी सरकार को ध्यान देने की जरूरत है | 

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