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फलदार पौधों को खरीदने के लिए नौणी विवि में हिमाचल के इन राज्यों से भी पहुंच रहे किसान-बागवान

हिमाचल प्रदेश में सोलन नौणी विश्वविद्यालय में इन दिनों फलदार पौधों की खरीद के लिए हिमाचल के साथ-साथ बाहरी राज्यों राजस्थान, केरल, अरुणाचल प्रदेश व जम्मू कश्मीर से बागवान पहुंच रहे हैं. बागवानों का कहना है कि नौणी विश्वविद्यालय में जिस तरह से किसान-बागवानों के लिए हर साल नई-नई किस्मों को इजाद कर बेहतर पौधों को उपलब्ध करवाया जा रहा है वह काफी सराहनीय है. (Growers buy fruitful plants from Nauni University)

Growers buy fruitful plants from Nauni University.
नौणी विवि में फलदार पौधों की बिक्री आरंभ.
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Published : Jan 7, 2023, 4:02 PM IST

Updated : Jan 7, 2023, 4:20 PM IST

नौणी विश्वविद्यालय से बाहरी राज्य से बागवान खरीद रहे फलदार पौधे.

सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी में इन दिनों विभिन्न तरह के फलदार पौधों की बिक्री आरंभ हो गई है. जिसके चलते यहां दूर-दूर से बागवानों का पहुंचना जारी है. अभी तक करीब 60 हजार से ज्यादा पौधों का वितरण नौणी विश्वविद्यालय के द्वारा किसान बागवानों को किया जा चुका है. इन पौधों में सेब, बादाम, अखरोट, आडू, प्लम और कीवी के पौधे शामिल हैं. किसान बागवान तापमान और जगह के हिसाब से इन पौधों को ले रहे हैं. (Growers buy fruitful plants from Nauni University)

विश्वविद्यालय में विभिन्न किस्मों के पौधे लेने के लिए पहुंचे किसान-बागवानों ने नौणी विश्वविद्यालय द्वारा उगाए गए इन पौधों के बारे में कहा कि वे हर साल नौणी विश्वविद्यालय से बेहतर किस्म के पौधे लेकर जाते हैं. हरियाणा-पिंजौर से आए किसान बलजीत सैनी ने कहा कि विश्वविद्यालय जिस तरह से किसान बागवानों के लिए हर साल नई-नई किस्मों को इजाद कर बेहतर पौधे उपलब्ध करवाता है वह सराहनीय है. वहीं, मंडी करसोग से आए विक्रम शर्मा ने कहा कि दो-तीन साल के बाद नए पौधों को लेने के लिए आते हैं और अभी तक जितने भी पौधे विश्वविद्यालय से लेकर गए हैं वह सभी कामयाब हुए हैं. (Nauni University inventing new varieties of plant)

Growers buy fruitful plants from Nauni University.
नौणी विश्वविद्यालय से बाहरी राज्य से बागवान खरीद रहे पौधे.

बागवान ने कहा कि उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा दिए जा रहे पौधों पर पूरा विश्वास है. किन्नौर जिले से आए किसान रोहित कुमार ने भी नौणी विश्वविद्यालय द्वारा उगाए जा रहे पौधों की किस्मों पर अपनी बात रखते हुए कहा कि विश्वविद्यालय किसान बागवानों के लिए बेहतर कार्य कर रहा है. बागवानी के क्षेत्र में किस तरह से किसान बागवान नया कर सकते हैं इसके बारे में प्रशिक्षण देने के साथ-साथ उन्हें नई किस्मों के पौधे भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. जो बहुत ही प्रशंसनीय है. (fruitful plants in Nauni University)

बता दें कि विश्विद्यालय में न केवल हिमाचल प्रदेश के बागवान पौधे खरीदने पहुंच रहे हैं बल्कि राजस्थान, केरल, अरुणाचल प्रदेश व जम्मू कश्मीर तक के बागवान यहां पौधे खरीदने पहुंच रहे हैं. इस वर्ष नौणी विवि में तीन सेंटर फ्रूट साइंस, साइड साइंस व मॉडल फार्म में बनाए गए हैं. जबकी एक सेंटर विवि के कृषि विज्ञान केंद्र कंडाघाट में बनाया गया है और चारों सेंटर में दो लाख के करीब टेंपरेट फ्रूट के पौधे हैं. विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में फल विज्ञान विभाग, बीज विज्ञान और अनुसंधान निदेशालय के अंतर्गत मॉडल फार्म में करीब 1 लाख 15 हजार पौधें तैयार किए गए हैं. (Other state Growers buy fruitful plants from Nauni)

Growers buy fruitful plants from Nauni University.
नौणी विवि में फलदार पौधों की बिक्री आरंभ.

इसके अलावा हिमाचल के विभिन्न हिस्सों में स्थित विश्वविद्यालय के कृषि विकास केंद्रों और क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्रों में भी करीब 92 हजार पौधे बागवानों के लिए तैयार किए हैं. सोलन के कृषि विकास केंद्र कंडाघाट, किन्नौर के केवीके शारबो, लाहौल-स्पीति के केवीके ताबो, औद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, नेरी (हमीरपुर), शिमला के केवीके रोहड़ू, केवीके चंबा और क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र बजौरा और मशोबरा में भी पौधों की बिक्री जारी है. (Nauni University of Solan)
ये भी पढ़ें: कुल्लू में बढ़ी विदेशी सेब के पौधों की मांग, 2 साल में ही मिलना शुरू हो जाती है फसल

नौणी विश्वविद्यालय से बाहरी राज्य से बागवान खरीद रहे फलदार पौधे.

सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी में इन दिनों विभिन्न तरह के फलदार पौधों की बिक्री आरंभ हो गई है. जिसके चलते यहां दूर-दूर से बागवानों का पहुंचना जारी है. अभी तक करीब 60 हजार से ज्यादा पौधों का वितरण नौणी विश्वविद्यालय के द्वारा किसान बागवानों को किया जा चुका है. इन पौधों में सेब, बादाम, अखरोट, आडू, प्लम और कीवी के पौधे शामिल हैं. किसान बागवान तापमान और जगह के हिसाब से इन पौधों को ले रहे हैं. (Growers buy fruitful plants from Nauni University)

विश्वविद्यालय में विभिन्न किस्मों के पौधे लेने के लिए पहुंचे किसान-बागवानों ने नौणी विश्वविद्यालय द्वारा उगाए गए इन पौधों के बारे में कहा कि वे हर साल नौणी विश्वविद्यालय से बेहतर किस्म के पौधे लेकर जाते हैं. हरियाणा-पिंजौर से आए किसान बलजीत सैनी ने कहा कि विश्वविद्यालय जिस तरह से किसान बागवानों के लिए हर साल नई-नई किस्मों को इजाद कर बेहतर पौधे उपलब्ध करवाता है वह सराहनीय है. वहीं, मंडी करसोग से आए विक्रम शर्मा ने कहा कि दो-तीन साल के बाद नए पौधों को लेने के लिए आते हैं और अभी तक जितने भी पौधे विश्वविद्यालय से लेकर गए हैं वह सभी कामयाब हुए हैं. (Nauni University inventing new varieties of plant)

Growers buy fruitful plants from Nauni University.
नौणी विश्वविद्यालय से बाहरी राज्य से बागवान खरीद रहे पौधे.

बागवान ने कहा कि उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा दिए जा रहे पौधों पर पूरा विश्वास है. किन्नौर जिले से आए किसान रोहित कुमार ने भी नौणी विश्वविद्यालय द्वारा उगाए जा रहे पौधों की किस्मों पर अपनी बात रखते हुए कहा कि विश्वविद्यालय किसान बागवानों के लिए बेहतर कार्य कर रहा है. बागवानी के क्षेत्र में किस तरह से किसान बागवान नया कर सकते हैं इसके बारे में प्रशिक्षण देने के साथ-साथ उन्हें नई किस्मों के पौधे भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. जो बहुत ही प्रशंसनीय है. (fruitful plants in Nauni University)

बता दें कि विश्विद्यालय में न केवल हिमाचल प्रदेश के बागवान पौधे खरीदने पहुंच रहे हैं बल्कि राजस्थान, केरल, अरुणाचल प्रदेश व जम्मू कश्मीर तक के बागवान यहां पौधे खरीदने पहुंच रहे हैं. इस वर्ष नौणी विवि में तीन सेंटर फ्रूट साइंस, साइड साइंस व मॉडल फार्म में बनाए गए हैं. जबकी एक सेंटर विवि के कृषि विज्ञान केंद्र कंडाघाट में बनाया गया है और चारों सेंटर में दो लाख के करीब टेंपरेट फ्रूट के पौधे हैं. विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में फल विज्ञान विभाग, बीज विज्ञान और अनुसंधान निदेशालय के अंतर्गत मॉडल फार्म में करीब 1 लाख 15 हजार पौधें तैयार किए गए हैं. (Other state Growers buy fruitful plants from Nauni)

Growers buy fruitful plants from Nauni University.
नौणी विवि में फलदार पौधों की बिक्री आरंभ.

इसके अलावा हिमाचल के विभिन्न हिस्सों में स्थित विश्वविद्यालय के कृषि विकास केंद्रों और क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्रों में भी करीब 92 हजार पौधे बागवानों के लिए तैयार किए हैं. सोलन के कृषि विकास केंद्र कंडाघाट, किन्नौर के केवीके शारबो, लाहौल-स्पीति के केवीके ताबो, औद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, नेरी (हमीरपुर), शिमला के केवीके रोहड़ू, केवीके चंबा और क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र बजौरा और मशोबरा में भी पौधों की बिक्री जारी है. (Nauni University of Solan)
ये भी पढ़ें: कुल्लू में बढ़ी विदेशी सेब के पौधों की मांग, 2 साल में ही मिलना शुरू हो जाती है फसल

Last Updated : Jan 7, 2023, 4:20 PM IST
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