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सीएम सुक्खू का अब IFS अफसर लेने से भी इनकार, छोटा राज्य नहीं उठा सकता अधिक अफसरों का भार - CM SUKHU ON IAS IPS OFFICERS

प्रदेश की आर्थिक सेहत सुधारने को लेकर प्रदेश सरकार ने हाल ही में केंद्र के एक प्रस्ताव को अस्वीकार किया था. डिटेल में पढ़ें खबर...

सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश
सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश (सोशल मीडिया)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 31, 2025, 9:10 PM IST

सोलन: शुक्रवार को एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सोलन पहुंचे प्रदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने IAS और IPS अफसरों को लेने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार करने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

सीएम ने कहा "हमारा छोटा सा प्रदेश है यहां की जनसंख्या 70 लाख है. ऐसे में हिमाचल में 153 अधिकारी रखना सही नहीं है. वहीं, अभी फॉरेस्ट में लगे 115 IFS अधिकारियों का प्रदेश सरकार बोझ उठा रही है. हम चाहते हैं कि प्रशासनिक तौर पर ज्यादा हस्तक्षेप ना हो पहले भी समाज कानून के दायरे में रहता था. वर्तमान राज्य सरकार लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रही है, इसलिए सभी विभागों में सकारात्मक बदलाव के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. राज्य सरकार प्रशासनिक दखलअंदाजी को कम करके लोगों के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव लाना चाहती है."

सुखविंदर सिंह सुक्खू, सीएम (ETV Bharat)

इसके अलावा सीएम ने केंद्रीय बजट को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट से हम चाहते हैं कि जो केंद्र सरकार की प्रायोजित योजनाएं होती हैं उसके लिए पूरा धन दिया जाए.

केंद्र की प्रायोजित योजनाओं के लिए अपना बजट लगाए केंद्र

सीएम ने कहा उदाहरण के तौर पर बद्दी से चंडीगढ़ की रेलवे लाइन है उसमें कॉस्ट ऑफ कंस्ट्रक्शन का यानी की रेलवे लाइन बिछाने का 50% खर्च हिमाचल सरकार देती है और उसमें लैंड जो एक्वायर करके देनी होती है वह भी हिमाचल प्रदेश सरकार दे रही है. इस तरह के प्रोजेक्ट के लिए रेलवे अपना पैसा लगाए. प्रदेश सरकार से जब बजट जाता है तो इससे असमानता आती है.

नहीं बना सका बड़ा एयरपोर्ट

सीएम सुक्खू ने कहा टूरिज्म स्टेट होने के बावजूद भी हिमाचल के पास आज तक कोई बड़ा एयरपोर्ट नहीं है. हमारा 52 हजार करोड़ का बजट कम है. ऐसे में केंद्र सरकार को हिमाचल में बड़ा एयरपोर्ट बनाने के लिए बजट का प्रावधान करना चाहिए.

केंद्र से मिले स्पेशल रिलीफ पैकेज

सीएम सुक्खू ने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश के लिए विशेष प्रकार की योजनाएं घोषित करने की मांग की है. उन्होंने कहा हिमाचल को केंद्र से डिजास्टर के लिए कोई पैसा नहीं मिला. केंद्र को हिमाचल सरकार को स्पेशल रिलीफ पैकेज देना चाहिए.

परवाणु से सोलन फोरलेन की हालत खस्ता
सीएम ने कहा सोलन-परवाणु फोरलेन की स्थिति सबसे दयनीय है क्योंकि इसकी डिजाइनिंग सही ढंग से नहीं हुई है. इस संबंध में उनकी चर्चा केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से हुई है. केंद्रीय मंत्री से इस फोरलेन की रि-डिजाइनिंग और रि-एलाइनमेंट की मांग की है.

ये भी पढ़ें: दो-दो प्रधानमंत्रियों का पहाड़ से प्यार, वंदे भारत के बाद अब और रेल सुविधाओं का इंतजार, निर्मला ताई के पिटारे से हिमाचल को हैं ये उम्मीदें

भी पढ़ें: हिमाचल के बागवानों की पुकार, निर्मला सीतारमण के बजट में सेब पर इंपोर्ट ड्यूटी सौ फीसदी करे सरकार, पीएम नरेंद्र मोदी का वादा भी पूरा होने का इंतजार

ये भी पढ़ें: Union Budget 2025: "हिमाचल में एयरपोर्ट और रेलवे का हो विस्तार, बागवानी उपकरणों और कीटनाशकों पर कम हो GST"

ये भी पढ़ें: Union budget 2025: युवा वर्ग से लेकर बुजुर्गों की केंद्रीय बजट से उम्मीदें, जानें क्या बोले लोग

सोलन: शुक्रवार को एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सोलन पहुंचे प्रदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने IAS और IPS अफसरों को लेने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार करने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

सीएम ने कहा "हमारा छोटा सा प्रदेश है यहां की जनसंख्या 70 लाख है. ऐसे में हिमाचल में 153 अधिकारी रखना सही नहीं है. वहीं, अभी फॉरेस्ट में लगे 115 IFS अधिकारियों का प्रदेश सरकार बोझ उठा रही है. हम चाहते हैं कि प्रशासनिक तौर पर ज्यादा हस्तक्षेप ना हो पहले भी समाज कानून के दायरे में रहता था. वर्तमान राज्य सरकार लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रही है, इसलिए सभी विभागों में सकारात्मक बदलाव के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. राज्य सरकार प्रशासनिक दखलअंदाजी को कम करके लोगों के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव लाना चाहती है."

सुखविंदर सिंह सुक्खू, सीएम (ETV Bharat)

इसके अलावा सीएम ने केंद्रीय बजट को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट से हम चाहते हैं कि जो केंद्र सरकार की प्रायोजित योजनाएं होती हैं उसके लिए पूरा धन दिया जाए.

केंद्र की प्रायोजित योजनाओं के लिए अपना बजट लगाए केंद्र

सीएम ने कहा उदाहरण के तौर पर बद्दी से चंडीगढ़ की रेलवे लाइन है उसमें कॉस्ट ऑफ कंस्ट्रक्शन का यानी की रेलवे लाइन बिछाने का 50% खर्च हिमाचल सरकार देती है और उसमें लैंड जो एक्वायर करके देनी होती है वह भी हिमाचल प्रदेश सरकार दे रही है. इस तरह के प्रोजेक्ट के लिए रेलवे अपना पैसा लगाए. प्रदेश सरकार से जब बजट जाता है तो इससे असमानता आती है.

नहीं बना सका बड़ा एयरपोर्ट

सीएम सुक्खू ने कहा टूरिज्म स्टेट होने के बावजूद भी हिमाचल के पास आज तक कोई बड़ा एयरपोर्ट नहीं है. हमारा 52 हजार करोड़ का बजट कम है. ऐसे में केंद्र सरकार को हिमाचल में बड़ा एयरपोर्ट बनाने के लिए बजट का प्रावधान करना चाहिए.

केंद्र से मिले स्पेशल रिलीफ पैकेज

सीएम सुक्खू ने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश के लिए विशेष प्रकार की योजनाएं घोषित करने की मांग की है. उन्होंने कहा हिमाचल को केंद्र से डिजास्टर के लिए कोई पैसा नहीं मिला. केंद्र को हिमाचल सरकार को स्पेशल रिलीफ पैकेज देना चाहिए.

परवाणु से सोलन फोरलेन की हालत खस्ता
सीएम ने कहा सोलन-परवाणु फोरलेन की स्थिति सबसे दयनीय है क्योंकि इसकी डिजाइनिंग सही ढंग से नहीं हुई है. इस संबंध में उनकी चर्चा केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से हुई है. केंद्रीय मंत्री से इस फोरलेन की रि-डिजाइनिंग और रि-एलाइनमेंट की मांग की है.

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