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नालागढ़ः दूसरे दिन भी हड़ताल के चलते बंद रहे सरकारी बैंक, नहीं हुआ कोई लेन-देन - बद्दी में सरकारी बैंक

बैंकों के कर्मचारियों के संगठन यूएफबीयू के आह्वान पर दूसरे दिन भी बद्दी व नालागढ़ में सरकारी क्षेत्र के सभी बैंक पूरी तरह बंद रहे.सुबह 10 बजे ही सभी बैंकों के कर्मचारी अधिकारी सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक की शाखा के सामने जमा हुए एवं रोष प्रदर्शन किया. सरकार की ओर से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को निजी हाथों में सौंपने की नीति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

Government banks remained closed
फोटो.
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Published : Mar 16, 2021, 10:36 PM IST

नालागढ़: बैंकों के कर्मचारियों के संगठन यूएफबीयू के आह्वान पर दूसरे दिन भी बद्दी व नालागढ़ में सरकारी क्षेत्र के सभी बैंक पूरी तरह बंद रहे और किसी प्रकार का लेन-देन नहीं हुआ. इसके चलते लोगों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा.

सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी

सुबह 10 बजे ही सभी बैंकों के कर्मचारी अधिकारी सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक की शाखा के सामने जमा हुए एवं रोष प्रदर्शन किया. सरकार की ओर से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को निजी हाथों में सौंपने की नीति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को तैयार कर्मचारी

इस अवसर पर भारतीय स्टेट बैंक के अश्वनी घई ने कहा सभी कर्मचारी एवं अधिकारी सरकार की निजीकरण की नीति का विरोध करते हैं. यदि सरकार नहीं मानती तो हो सकता है बैंक कर्मचारियों को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना पड़ सकता है. इसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक ने बताया

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक प्रेम यादव ने कहा निजीकरण के पश्चात आम आदमी को बैंकिंग सुविधाएं सुलभ नहीं रह जाएंगी, क्योंकि निजी बैंकों मैं खाता खोलने के लिए कम से कम 10 हजार की राशि चाहिए, जबकि सरकारी बैंकों में जीरो बैलेंस और जन-धन खाते खोले गए हैं.

जिसका लोगों को लाभ मिला है. इसके अतिरिक्त स्वनिधि और मुद्रा लोन जैसी योजनाएं निजी क्षेत्र के बैंक में उपलब्ध नहीं होंगी. इस अवसर पर अश्वनी घई, प्रेम यादव नरेश ठाकुर, मोहन कुमार ,हनी कुमार, सुशांत कुमार एवं 4 बलबीर सिंह सहित अनेक बैंक कर्मचारी उपस्थित थे.

पढ़ें- 170 रुपये लेकर साइकिल पर केरल से कश्मीर की यात्रा पर निकला निधीन, रास्ते में बेचता है चाय

नालागढ़: बैंकों के कर्मचारियों के संगठन यूएफबीयू के आह्वान पर दूसरे दिन भी बद्दी व नालागढ़ में सरकारी क्षेत्र के सभी बैंक पूरी तरह बंद रहे और किसी प्रकार का लेन-देन नहीं हुआ. इसके चलते लोगों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा.

सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी

सुबह 10 बजे ही सभी बैंकों के कर्मचारी अधिकारी सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक की शाखा के सामने जमा हुए एवं रोष प्रदर्शन किया. सरकार की ओर से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को निजी हाथों में सौंपने की नीति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को तैयार कर्मचारी

इस अवसर पर भारतीय स्टेट बैंक के अश्वनी घई ने कहा सभी कर्मचारी एवं अधिकारी सरकार की निजीकरण की नीति का विरोध करते हैं. यदि सरकार नहीं मानती तो हो सकता है बैंक कर्मचारियों को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाना पड़ सकता है. इसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक ने बताया

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक प्रेम यादव ने कहा निजीकरण के पश्चात आम आदमी को बैंकिंग सुविधाएं सुलभ नहीं रह जाएंगी, क्योंकि निजी बैंकों मैं खाता खोलने के लिए कम से कम 10 हजार की राशि चाहिए, जबकि सरकारी बैंकों में जीरो बैलेंस और जन-धन खाते खोले गए हैं.

जिसका लोगों को लाभ मिला है. इसके अतिरिक्त स्वनिधि और मुद्रा लोन जैसी योजनाएं निजी क्षेत्र के बैंक में उपलब्ध नहीं होंगी. इस अवसर पर अश्वनी घई, प्रेम यादव नरेश ठाकुर, मोहन कुमार ,हनी कुमार, सुशांत कुमार एवं 4 बलबीर सिंह सहित अनेक बैंक कर्मचारी उपस्थित थे.

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